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पीएम मोदी ने कहा- कृषि में सहायक टेक्नॉलजी के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत

भारतीय विज्ञान कांग्रेस या 'भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ' भारतीय वैज्ञानिकों की शीर्ष संस्था है। इसकी स्थापना सन् 1994 में हुई थी। प्रतिवर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसका सम्मेलन होता है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिये किया गया था।

SK Gautam
Published on: 3 Jan 2020 10:27 AM IST
पीएम मोदी ने कहा- कृषि में सहायक टेक्नॉलजी के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत
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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री भारतीय विज्ञान कांग्रेस के कार्यक्रम में शामिल हुए। भारतीय विज्ञान कांग्रेस के 107वें सेशन को प्रधानमंत्री ने संबोधित भी किया। बता दें कि गुरुवार को पीएम मोदी कर्नाटक दौरे के पहले दिन बेंगलुरु में डीआरडीओ के कार्यक्रम में शामिल हुए थे। यहां उन्होंने स्वदेशी अनुसंधान क्षमताओं को बढ़ाने व उन्नत प्रौद्योगिकियों से संबंधित अनुसंधानों को सक्षम बनाने के लिए बेंगलुरू में रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) की पांच युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं का उद्घाटन किया।

पीएम मोदी ने कहा, 'कृषि में सहायक टेक्नॉलजी के क्षेत्र में क्रांति की जरूरत है। क्या हम किसानों के लिए मददगार पराली जलाने का समाधान ढूंढ सकते हैं।'

प्लास्टिक कचड़े के साथ-साथ इलेक्ट्रॉनिक कचरे से मेटल को निकालने और उसे दोबारा इस्तेमाल करने को लेकर भी हमें नई तकनीक, नए समाधान की जरूरत है।

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भारत के विकास में खासतौर पर ग्रामीण विकास में टेक्नोलॉजी की उपयोगिता को हमें व्यापक बनाना है। आनेवाल दशक भारत में साइंस और टेक्नोलॉजी आधारित गवर्नेंस के लिए एक अच्छा समय होने वाला है।

पीएम ने कहा आज देश में Governance के लिए, जितने बड़े पैमाने पर साइंस एंड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। कल ही हमारी सरकार ने देश के 6 करोड़ किसानों को एक साथ पीएम किसान सम्मान निधि का पैसा ट्रांसफर करके एक रिकॉर्ड कायम किया है।'

आज देश में गवर्नेंस के लिए, जितने बड़े पैमाने पर साइंस और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हो रहा है, उतना पहले कभी नहीं हुआ। हम 'ईज ऑफ डूइंग साइंस' के लिए प्रयासरत है। लाल फीताशाही हटाने के लिए हम इंफर्मेशन टेक्नॉलजी का इस्तेमाल कर रहे हैं।

पीएम ने कहा, 'मुझे खुशी है कि साल और दशक के मेरे शुरुआती कार्यक्रम सांइस, टेक्नॉलजी और इनोवेशन से जुड़े हुए है। मुझे यह जानकर खुशी हुई है कि इनोवेशन इंडेक्स में भारत की रैंकिंग सुधरकर 52 तक पहुंची है। युवा वैज्ञानिकों के लिए मेरा संदेश 'इनोवेट, पेटेंट, प्रॉड्यूस, प्रॉस्पर' का है।'

न्यू इंडिया को टेक्नोलॉजी भी चाहिए और लॉजिकल टेम्परामेंट भी चाहिए ताकि हमारे सामाजिक और आर्थिक जीवन के विकास को हम नई दिशा दे सकें।

पीएम मोदी ने कहा, 'रिसर्च और डेवलपमेंट का एक ऐसा इकोसिस्टम इस शहर ने विकसित किया है। जिससे जुड़ना हर युवा वैज्ञानिक, हर इनोवेटर, हर इंजीनियर का सपना होता है। लेकिन इस सपने का आधार क्या सिर्फ अपनी प्रगति है? जी नहीं, ये सपना जुड़ा हुआ है, देश के कुछ कर दिखाने की भावना से।

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अध्यात्मिक विज्ञान- अवसाद से निपटने में उपयोगी माना जाता है

बता दें कि विज्ञान कांग्रेस की वेबसाइट पर इस सत्र के बारे में कहा गया है कि योग पांच हजार साल से भी ज्यादा पुराना एक अध्यात्मिक विज्ञान है। आज योग काफी लोकप्रिय हो रहा है तथा आज इसे मानसिक तनाव और अवसाद से निपटने में उपयोगी माना जा रहा है।

पांच दिवसीय इस आयोजन में नोबल सम्मानित मैक्स प्लंक इंस्टीट्यूट जर्मनी के स्टीफन हेल और इजरायल के वेइजमेन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस के स्ट्रक्चरल बायोलॉजी के विशेषज्ञ एडा ई योनथ शरीक होंगे।

इस दौरान नान्यांग टेक्नॉलोजी यूनिवर्सिटी के प्रसिडेंट सुब्रा सुरेश, इंडोनेशिया के मैटीरियल साइंटिस्ट और जानेमाने कार्डियोलॉजिस्ट सीएन मंजूनाथ भी मौजूद रहेंगे। आयोजक ऐसी उम्मीद कर रहे हैं कि करीब 15 हजार लोग इस कार्यक्रम में शामिल होंगे।

क्या है विज्ञान कांग्रेस

भारतीय विज्ञान कांग्रेस या 'भारतीय विज्ञान कांग्रेस संघ' भारतीय वैज्ञानिकों की शीर्ष संस्था है। इसकी स्थापना सन् 1994 में हुई थी। प्रतिवर्ष जनवरी के प्रथम सप्ताह में इसका सम्मेलन होता है। इसकी स्थापना का उद्देश्य भारत में विज्ञान को बढ़ावा देने के लिये किया गया था।

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आपकी क्षमता विस्तृत है, आप कई चीजें कर सकते हैं- मोदी

इससे पहले, पीएम मोदी गुरुवार को देश के वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों से अपनी सोच का विस्तार करने का आह्वान किया और उन्हें आश्वासन दिया कि सरकार पूरी तरह उनके साथ है। मोदी ने कहा, '' आपकी क्षमता विस्तृत है, आप कई चीजें कर सकते हैं, अपनी सोच का विस्तर कर सकते हैं, अपने प्रदर्शन के मापदंड को बदल सकते हैं....पंख फैलाकर उड़ान भर सकते हैं, (आपके लिए) मौके हैं, मैं आपके साथ हूं।

उन्होंने यहां रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार पूरी तरह देश के वैज्ञानिकों और नवोन्मेषकों के साथ है ।

बुद्धिमान मशीनें भी आने वाले दिनों में रक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभायेंगी

पीएम मोदी कहा कि आप सभी इस बात से परिचित हैं कि आकाश और समुद्र के साथ ही साइबर क्षेत्र और अंतरिक्ष भी दुनिया के सामरिक समीकरणों को परिभाषित करेंगे। इसी के साथ बुद्धिमान मशीनें भी आने वाले दिनों में रक्षा के क्षेत्र में अहम भूमिका निभायेंगी। ऐसे में भारत पीछे नहीं रह सकता है।

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प्रधानमंत्री डीआरडीओ द्वारा निर्मित युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाओं को देश को समर्पित करने के बाद बोल रहे थे। ये प्रयोगशालाएं उन्नत प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में समर्पित अनुसंधान पर केंद्रित होंगी। डीआरडीओ की युवा वैज्ञानिक प्रयोगशालाएं बेंगलुरु, मुम्बई, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद में हैं।

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