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Sahara Group: सुब्रत राय के निधन पर सेबी चीफ की आई बड़ी प्रतिक्रिया, बोलीं- नियामक के पास चलता रहेगा मामला

Sahara Group: उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम से इतर सेबी चीफ बुच ने पत्रकारों से कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा, भले ही कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं।

Ashish Kumar Pandey
Published on: 16 Nov 2023 11:22 AM GMT
SEBI Chiefs reaction on the death of Subrata Roy, said - the matter will continue with the regulator
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सुब्रत राय के निधन पर सेबी चीफ की प्रतिक्रिया, बोलीं- नियामक के पास चलता रहेगा मामला: Photo- Social Media

Sahara Group: सहारा को लेकर सेबी चीफ ने बड़ा बयान दिया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की चीफ माधवी पुरी बुच ने गुरुवार को कहा कि सहारा समूह के संस्थापक सुब्रत राय के निधन के बाद भी सहारा का मामला पूंजी बाजार नियामक के समक्ष जारी रहेगा। उद्योग मंडल फिक्की के एक कार्यक्रम से इतर सेबी चीफ ने संवाददाताओं से कहा कि सेबी के लिए यह मामला एक इकाई के आचरण से जुड़ा है और यह जारी रहेगा, भले ही कोई व्यक्ति जीवित हो या नहीं। सहारा समूह के विवादास्पद संस्थापक सुब्रत रॉय का लंबी बीमारी के बाद मुंबई के एक अस्पताल में मंगलवार रात निधन हो गया था।

सेबी की चेयरपर्सन माधवी पुरी बुच से जब सहारा समूह के अवितरित धन को निवेशकों को लौटाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, "उच्चतम न्यायालय के तहत एक समिति है और हम सभी कार्रवाई उसी समिति के तहत करते हैं। विज्ञापनों के कई दौरान के बाद जिसके पास (सहारा में) निवेश के सबूत थे, उन्हें अपना पैसा मिल गया।"

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सेबी के पास पड़ी है 25 हजार करोड़ की धनराशि

दूसरी ओर, सहारा समूह के प्रमुख सुब्रत रॉय के निधन के बाद पूंजी बाजार नियामक सेबी के खाते में पड़ी 25,000 करोड़ रुपये से अधिक की गैरवितरित धनराशि भी एक बार फिर से चर्चा में है। सुब्रत रॉय समूह की कंपनियों के संबंध में कई विनियामक तथा कानूनी लड़ाइयों का सामना कर रहे थे। उन पर पोंजी योजनाओं में नियमों को दरकिनार करने का भी आरोप था। हालांकि सहारा समूह ने अपने ऊपर लगे आरोपों को हमेशा खारिज किया।

पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने 2011 में सहारा समूह की दो कंपनियों सहारा इंडिया रियल एस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसआईआरईएल) और सहारा हाउसिंग इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (एसएचआईसीएल) को वैकल्पिक रूप से पूर्ण परिवर्तनीय बांड (ओएफसीडी) के रूप में पहचाने जाने वाले कुछ बांडों के जरिए करीब तीन करोड़ निवेशकों से जुटाए गए धन को वापस करने का आदेश दिया था।

Photo- Social Media

सुप्रीम कोर्ट ने 15 प्रतिशत ब्याज के साथ राशि लौटाने को कहा था-

नियामक ने आदेश में कहा था कि दोनों कंपनियों ने उसके नियमों और विनियमों का उल्लंघन करके धन जुटाया था। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 31 अगस्त 2012 को सेबी के निर्देशों को बरकरार रखा और दोनों कंपनियों को निवेशकों से एकत्र धन 15 प्रतिशत ब्याज के साथ वापस करने को कहा था। इसके बाद सहारा को निवेशकों को धन लौटाने के लिए सेबी के पास अनुमानित 24,000 करोड़ रुपये जमा करने को कहा गया। हालांकि समूह लगातार यह कहता रहा कि उसने पहले ही 95 प्रतिशत से अधिक निवेशकों को प्रत्यक्ष रूप से भुगतान कर दिया है।

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सेबी ने 11 साल में दो कंपनियों के निवेशकों को 138.07 करोड़ लौटाए-

पूंजी बाजार नियामक की नवीनतम वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी ने सहारा समूह की दो कंपनियों के निवेशकों को 11 वर्षों में 138.07 करोड़ रुपये वापस किए। इस बीच पुनर्भुगतान के लिए विशेष रूप से खोले गए बैंक खातों में जमा राशि बढ़कर 25,000 करोड़ रुपये से अधिक हो गई है। सहारा की दो कंपनियों के अधिकतर बांडधारकों ने इसको लेकर कोई दावा नहीं किया और कुल राशि पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में करीब सात लाख रुपये बढ़ गई, जबकि सेबी-सहारा पुनर्भुगतान खातों में इस दौरान शेष राशि 1,087 करोड़ रुपये बढ़ गई।

वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, सेबी को 31 मार्च, 2023 तक 53,687 खातों से जुड़े 19,650 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें से ‘‘48,326 खातों से जुड़े 17,526 आवेदनों के लिए 138.07 करोड़ रुपये की कुल राशि लौटाई गई, जिसमें 67.98 करोड़ रुपये की ब्याज राशि भी शामिल है।’’ शेष आवेदन सहारा समूह की दोनों कंपनियों द्वारा उपलब्ध कराई जानकारी के जरिए उनका कोई पता नहीं लग पाने के कारण बंद कर दिए गए।‘‘ सेबी ने आखिरी अद्यतन जानकारी में 31 मार्च 2022 तक 17,526 आवेदनों से संबंधित कुल राशि 138 करोड़ रुपये बताई थी। सेबी ने कहा कि 31 मार्च 2023 तक राष्ट्रीयकृत बैंकों में जमा कुल राशि करीब 25,163 करोड़ रुपये है।

Shashi kant gautam

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