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SEBI ने दी ब्रोकर्स को बड़ी राहत, दी इतने प्रतिशत की छूट, बदले ये नियम
सेबी की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ब्रोकरों के लिए कारोबार शुल्क में मौजूद शुल्क ढांचे में 50 प्रतिशत कटौती की गई है।
नई दिल्ली: पूरे देश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार जारी है। कोरोना वायरस के चलते देश में आर्थिक व्यवस्था भी चरमरा गई है। ऐसे सरकार में सरकार लगातार लोगों को राहत प्रदान कर रही है। इसी बीच भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड अर्थात सेबी ने भी अपने नियमों में कुछ बदलाव करते हुए ब्रोकर्स को राहत को राहत प्रदान की है। लेकिन भारतीय कारोबार के लिए सप्ताह का दूसरा दिन सुस्त ही गुजरा।
सप्ताह के दूसरे दिन सुस्त रहा शेयर बाजार
शुरूआती कारोबार में ही सेंसेक्स 450 अंक से अधिक लुढ़क कर 31,150 अंक के नीचे पहुंच गया। जबकि इसके बाद एक बार फिर 600 अंक से अधिक लुढ़क कर सेंसेक्स 31 हजार के भी नीचे आ गया। वहीं निफ्टी भी 120 अंक से ज्यादा गिरकर 9200 अंक के नीचे ही रहा। वहीं सप्ताह के दूसरे दिन यानी सोमवार को भारतीय शेयर मार्केट में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिला।
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शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी ने लंबी छलांग लगाई लेकिन बाद में मुनाफावसूली बढ़ गई। लेकिन अंत में सेंसेक्स जहां 81.48 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की गिरावट के साथ 31,561.22 अंक पर बंद हुआ। वहीं निफ्टी 12.30 अंक यानी 0.13 प्रतिशत टूटकर 9,239.20 अंक पर रहा।
जून 2020 से मार्च 2021 तक लागू रहेगी छूट
शेयर मार्केट में उतार चढ़ाव और कोरोना संकट के बीच शेयर मार्केट को रेग्युलेट करने वाली संस्था भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने ब्रोकर्स को राहत प्रदान की है। ब्रोकर्स को राहत देने के लिए सेबी ने ब्रोकर्स के कारोबार शुल्क को आधा कर दिया है। इसके साथ ही पब्लिक इश्यू, राइट इश्यू और शेयरों की बायबैक के लिए सौंपे जाने वाले दस्तावेजों पर भी शुल्क में कटौती की है। सेबी की ओर से जारी नोटिफिकेशन में कहा गया है कि ब्रोकरों के लिए कारोबार शुल्क में मौजूद शुल्क ढांचे में 50 प्रतिशत कटौती की गई है।
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सेबी द्वारा की गई ये कटौती जून 2020 से लेकर मार्च 2021 तक लागू रहेगी। बाजार नियामक ने कहा है कि इसके साथ ही पब्लिक इश्यू, राइट इश्यू और निवेशकों से वापस खरीदे जाने वाले बायबैक शेयर के लिए दाखिल किये जाने वाले दस्तावेजों पर लगने वाली मौजूदा फीस में भी 50 प्रतिशत कटौती की गई है। यह छूट एक जून 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 के दौरान दाखिल किये जाने वाले दस्तावेजों पर उपलब्ध होगी।