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Dussehra 2023: दशहरे के दिन इस पक्षी के दर्शन को माना जाता है बेहद शुभ, जानिए क्या होता है फायदा और क्या है इससे जुड़ी मान्यता

Dussehra 2023: मान्यताओं के अनुसार दशहरा के दिन अगर किसी को इस पक्षी के दर्शन हो जाएं तो उस व्यक्ति का घर धन-धान्य से भर जाता है।

Anshuman Tiwari
Written By Anshuman Tiwari
Published on: 24 Oct 2023 11:06 AM IST
Dussehra 2023
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Dussehra 2023  (photo: social media )

Dussehra 2023: पूरे देश में आज दशहरा का पर्व धूमधाम के साथ मनाया जा रहा है। विजयादशमी के पर्व को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन ही भगवान राम ने दस सिरों वाले रावण का वध किया था। तभी से दशहरे के दिन दस सिरों वाले रावण का पुतला दहन किया जाता रहा है।

शास्त्रों में दशहरा के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को काफी शुभ माना गया है। नीलकंठ पक्षी को भगवान शिव का प्रतिनिधि माना जाता है। मान्यताओं के अनुसार दशहरा के दिन अगर किसी को नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाएं तो उस व्यक्ति का घर धन-धान्य से भर जाता है। इस पक्षी के दर्शन से घर में खुशहाली आती है और जो कार्य आप करने जा रहे हैं, उसमें कामयाबी मिलती है। ऐसे में यह जाना दिलचस्प है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन की शुरुआत क्यों और कैसे हुई।

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नीलकंठ पक्षी का दर्शन होना आसान नहीं

देश दुनिया में शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को दशहरा का पर्व काफी धूमधाम से मनाया जाता है। देश में कई इलाकों का दशहरा पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। इस सिलसिले में मैसूर के दशहरे का उल्लेख किया जा सकता है। काशी और लखनऊ समेत गई अन्य शहरों में भी लोग दशहरे के दिन रावण वध की रामलीला का पूरे उत्साह के साथ आनंद उठाते हैं।

दशहरे से जुड़ी कई मान्यताएं भी प्रसिद्ध हैं। इनमें से एक है दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन करना। यही कारण है कि लोग दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन की पूरी कोशिश करते हैं। हालांकि बहुत से लोगों को कोशिश के बावजूद इस काम में कामयाबी नहीं मिल पाती है क्योंकि नीलकंठ पक्षी के दर्शन आसानी से नहीं हो पाते।


लोग क्यों करते हैं इस पक्षी के दर्शन की कोशिश

नीलकंठ पक्षी के बारे में एक लोकोक्ति काफी प्रसिद्ध रही है-

नीलकंठ तुम नीले रहियो,

दूध-भात का भोजन करियो,

हमरी बात राम से कहियो।

इस लोकोक्ति के अनुसार नीलकंठ पक्षी को भगवान का प्रतिनिधि माना जाता है। दशहरा के दिन इस पक्षी के दर्शन को काफी शुभ माना जाता है।

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मान्यता है कि दशहरा के दिन इस पक्षी के दर्शन से व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है। यही कारण है कि दशहरे के दिन हर व्यक्ति छत पर जाकर इस आस के साथ आकाश को निहारता है कि शायद उसे नीलकंठ पक्षी के दर्शन हो जाएं ताकि साल भर हर काम में कामयाबी मिल सके।


नीलकंठ के दर्शन के पीछे पौराणिक मान्यता

दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ मानने के पीछे एक पौराणिक कथा भी है। दरअसल इस पक्षी को भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। पुराणों के अनुसार रावण का वध करने के बाद भगवान राम पर ब्राह्मण हत्या का पाप लगा था। इस पाप से मुक्ति पाने के लिए भगवान राम ने भगवान शिव की आराधना की थी। भगवान राम को इस पाप से मुक्ति दिलाने के लिए भगवान शिव नीलकंठ पक्षी के रूप में ही प्रकट हुए थे। तभी से दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी के दर्शन को शुभ माना जाने लगा।

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एक दूसरी मान्यता के अनुसार जब भगवान राम रावण का वध करने जा रहे थे तो इस दौरान उन्हें नीलकंठ पक्षी के दर्शन हुए थे। इसके बाद भगवान राम ने रावण का वध करते हुए विजय हासिल की थी। यही कारण है कि दशहरे के दिन नीलकंठ पक्षी का दर्शन काफी शुभ माना जाता है। दशहरे के दिन लोग अपने शस्त्रों का पूजन भी करते हैं।


कहां हो सकता है नीलकंठ पक्षी का दर्शन

नीलकंठ पक्षी की सबसे बड़ी आबादी भारत में ही पाई जाती है। यह पक्षी अक्सर प्रमुख पेड़ों और तारों पर दिख जाता है। यह पक्षी प्रजनन के मौसम में मुख्य रूप से नर की हवाई कलाबाजी के लिए जाना जाता है। सड़क के किनारे पेड़ों और तारों पर इसका दर्शन किया जा सकता है। इसके अलावा खुले घास के मैदानों और झाड़ियां के जंगल में भी यह पक्षी लोगों को दिख जाता है।


किसानों का मित्र माना जाता है नीलकंठ पक्षी

इस पक्षी को किसानों का मित्र भी माना जाता है। यह पक्षी खेतों में लगने वाले कीड़ों को खाकर किसानों के फसलों की रखवाली भी करता है। इसी कारण इसे किसानों के भाग्य का रखवाला भी कहा जाता है। हालांकि आजकल बड़े शहरों में रहने वाले लोगों के लिए नीलकंठ पक्षी का दर्शन आसान नहीं रह गया है। वैसे ग्रामीण इलाकों और छोटे कस्बों में रहने वाले लोग प्रायः इस पक्षी के दर्शन किया करते हैं।

Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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