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सीलमपुर हिंसा: बस ड्राइवर ने भीड़ से ऐसे बचाई स्कूली बच्चे की जान

इस बीच एक स्कूल बस भी प्रदर्शनकारियों की भीड़ के बीच में फंस गई थी। हालांकि, बस ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ से बस में मौजूद आखिरी बच्चे को भी उसके घर सही सलामत पहुंचा दिया।

Shreya
Published on: 18 Dec 2019 4:46 AM GMT
सीलमपुर हिंसा: बस ड्राइवर ने भीड़ से ऐसे बचाई स्कूली बच्चे की जान
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नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ देश के अलग-अलग जगहों पर लोग विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। कल मंगलवार को ये चिंगारी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में पहुंची और लोगों ने हिंसक प्रदर्शन किया। इस बीच एक स्कूल बस भी प्रदर्शनकारियों की भीड़ के बीच में फंस गई थी। हालांकि, बस ड्राइवर ने अपनी सूझबूझ से बस में मौजूद आखिरी बच्चे को भी उसके घर सही सलामत पहुंचा दिया।

भीड़ में फंसी स्कूल बस

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पत्थरबाजी की और कई जगहों पर तोड़फोड़ की, जिसके बीच एक स्कूल बस भीड़ फंस गई थी। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें स्कूल बस फंसे हुए दिखाई दे रही। हालांकि इस स्थिति में बस ड्राइवर ने बहुत ही समझदारी से काम लिया। दरअसल, बस ड्राइवर ने बस में बचे आखिरी बच्चे के माता-पिता को फोन कर दिया और निर्धारित स्थान से कुछ मीटर पहले ही बुला लिया था, जहां चालक ने बच्चे को उन्हें सौंपा। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस बस पर भी पत्थरबाजी किया।

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बस में करीब 25-30 थे स्टूडेंट्स

विवेक विहार स्थित अरवाचीन भारती भगवान सीनियर सेंकेंडरी स्कूल के ट्रांसपोर्ट प्रबंधक चंद्रशेखर के बताया कि, स्कूल बस में करीब 25-30 स्टूडेंट्स थे, जिनको सीलमपुर और जाफराबाद में छोड़ा जाना था। हालांकि जब बस के शीशे पर एक पत्थर आकर लगा तो बस में उस वक्त एक ही बच्चा था। वहीं, मंगलवार को जाफराबाद में हिंसक प्रदर्शनों के दौरान 21 स्टूडेंट्स करीब 2 घंटे तक अपने स्कूल में फंसे रहे।

एमसीडी सकूल के एक अधिकारी के मुताबिक, स्कूल के पास भारी पथराव किया गया था, जिसके बाद स्टूडेंट्स की सुरक्षा के लिए स्कूल का गेट बंद कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि, स्कूल में 200 स्टूडेंट्स पढ़ते हैं, लेकिन शहर में हो रहे प्रदर्शन की वजह से मंगलवार को केवल 21 स्टूडेंट ही स्कूल आए थे। अधिकारी के मुताबिक, बच्चों के माता-पिता स्कूल पहुंचन के बाद उन्हें स्कूल के पिछले दरवाजे से बाहर ले जाया गया। यह स्कूल जाफराबाद पुलिस थाने के पास स्थित है।

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छात्र के माता-पिता को किया कॉल

ट्रांसपोर्ट प्रबंधक चंद्रशेखर बताया कि 'यह पत्थर प्रदर्शनकारियों ने नहीं फेंका था, बल्कि जाफराबाद में स्थित किसी घर में से फेंका गया था। जिसके बाद बस ड्राइवर को अंदाजा लग गया कि स्थिति और तनावपूर्ण हो सकती है, जिसके बाद उसने बस में बैठे छात्र के माता-पिता को कॉल कर दिया।

प्रदर्शनकारियों ने बस पर किया पथराव

उन्होंने बताया कि, बस छात्र को जहां पर छोड़ा जाना था, बस उससे कुछ मीटर की दूरी पर ही थी लेकिन ड्राइवर ने बच्चे के माता-पिता को कॉल करके निर्धारित स्थान से पहले बुला लिया। चंद्रशेखर ने बताया कि बच्चे को माता-पिता को सुरक्षित सौंपने के बाद ड्राइवर यू-टर्न लेकर बस को विवेक विहार ले जाने लगा, लेकिन यह बस प्रदर्शनकारियों के बीच फंस गई और प्रदर्शनकारियों ने इस पर पथराव किया, जिसमें बस के शीशे टूट गए।

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