×

TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

मुस्लिम पक्ष ने वकील राजीव धवन को राम जन्मभूमि केस से हटाया, बताई ये बड़ी वजह

अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में मुस्लिम पक्ष ओर से पेश होने वाले वकील राजीव धवन को इस मामले से हटा दिया गया है। राजीव धवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर इस बारे में जानकारी दी है।

Dharmendra kumar
Published on: 3 Dec 2019 10:28 AM IST
मुस्लिम पक्ष ने वकील राजीव धवन को राम जन्मभूमि केस से हटाया, बताई ये बड़ी वजह
X

नई दिल्ली: अयोध्या में राम जन्मभूमि विवाद में मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश होने वाले वकील राजीव धवन को इस मामले से हटा दिया गया है। खुद राजीव धवन ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर इस बारे में जानकारी दी है।

राजीव धवन के कहा है कि अरशद मदनी ने संकेत दिए हैं कि मुझे खराब स्वास्थ्य की वजह से हटाया गया है। यह पूरी तरह से बकवास है। उन्होंने कहा कि जमीयत को ये हक है कि वो मुझे केस से हटा सकते हैं, लेकिन जो वजह दी गई है वह गलत है।

यह भी पढ़ें...Chandrayaan-2: मिल गया विक्रम लैंडर, नासा ने जारी की तस्वीर

राजीव धवन ने कहा कि बाबरी केस के वकील (एडवोकेट ऑन रिकॉर्ड) एजाज मकबूल ने मुझे इस केस से हटा दिया है जो जमीयत का मुकदमा देख रहे हैं। बिना किसी डिमोर के मुझे बर्खास्तगी का पत्र भेजा गया है। मैंने बिना कोई आपत्ति जताए इस कार्रवाई को स्वीकार करने का पत्र भेज दिया है।

बता दें कि राजीव धवन ने सुप्रीम कोर्ट में सुन्नी वक्फ बोर्ड और अन्य मुस्लिम पक्षकारों का पक्ष रखा था। उन्होंने कहा कि अब वे इस मामले में शामिल नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि मुझे बताया गया है कि मदनी ने मेरी बर्खास्तगी के बारे में कहा है। मेरी तबीयत का हवाला देते हुए मुझे हटाया गया है जो कि बिल्कुल बकवास बात है।

यह भी पढ़ें...बेहद शर्मनाक: हैदराबाद गैंगरेप पीड़िता को लेकर लोग इंटरनेट पर कर रहे हैं ये काम

राजीव धवन ने आगे कहा है कि उन्हें यह अधिकार है कि वह अपने वकील एजाज मकबूल को निर्देश दें कि वह मुझे हटा दें, उन्होंने यही किया है। लेकिन इसके पीछे दिया जाने वाला कारण पूरी तरह से दुर्भावनापूर्ण और झूठा है।

गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को अयोध्या रामजन्मभूमि विवाद मामले में सुप्रीम कोर्ट में पहली पुनर्विचार याचिका दायर की गई है। पक्षकार एम सिद्दीकी ने 217 पन्नों की पुनर्विचार याचिका दाखिल की। एम सिद्दीकी की तरफ से मांग की गई कि संविधान पीठ के आदेश पर रोक लगाई जाए, जिसमें कोर्ट ने विवादित जमीन को राम मंदिर के पक्ष दिया था।

यह भी पढ़ें...अयोध्या मामले की पहली याचिका- SC ने हिंदुओं को दिया पुरस्कार, पढ़ें पूरा मामला

याचिका में यह भी मांग की गई है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार को आदेश दे कि मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट का निर्माण न करे। याचिका में कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने 1934, 1949 और 1992 में मुस्लिम समुदाय के साथ हुई ना-इंसाफी को गैरकानूनी करार दिया, लेकिन उसे नजरअंदाज भी कर दिया। याचिका में कहा गया कि इस मामले में पूर्ण न्याय तभी होता जब मस्जिद का पुनर्निर्माण किया जाएगा।



\
Dharmendra kumar

Dharmendra kumar

Next Story