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सीरो सर्वे का चौंकाने वाला दावा, ऐसे लोगों में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा कम

अगर हम रिपोर्ट में लिखी बातों पर गौर करें तो उसमें साफ-साफ लिखा है कि सर्वेक्षण में पाया गया कि रक्त समूह ‘ओ’ वाले लोग संक्रमण के प्रति कम संवेदनशील हो सकते हैं, जबकि 'बी' और 'एबी' रक्त समूह वाले लोग अधिक जोखिम में हो सकते हैं।

Aditya Mishra
Published on: 18 Jan 2021 6:53 PM IST
सीरो सर्वे का चौंकाने वाला दावा, ऐसे लोगों में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा कम
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35 व्यक्तियों की छह महीने में दोबारा नमूने लिये जाने पर एंटीबॉडी के स्तर में तीन महीने की तुलना में गिरावट जबकि बेअसर करने वाली एंटीबॉडी का स्तर स्थिर देखा गया।

नई दिल्ली: वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की ओर से किए गए सीरो-सर्वेक्षण के नतीजे आ गए हैं। इसके अनुसार धूम्रपान करने वालों और शाकाहारियों में कम सीरो पॉजिटिविटी पाई गई है।

अगर हम मेडिकल छोड़ आम आदमी के शब्दों में बात करें तो इसका मतलब ये है कि जो लोग शाकाहारी हैं या फिर धूम्रपान करते हैं तो ऐसे लोगों को कोरोना वायरस से संक्रमित होने की संभावना कम होती है।

ये तमाम जानकारियां हाल ही किये गए सीरो सर्वे में निकलकर सामने आई हैं। सीएसआईआर ने करीब 40 संस्थानों में सर्वे कराने के बाद इन जानकारियां अपनी रिपोर्ट के जरिये लोगों तक पहुंचाने का काम किया हैं।

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COVID VACCINE सीरो सर्वे का चौकाने वाला दावा, ऐसे लोगों में कोविड-19 से संक्रमित होने का खतरा कम (फोटो: सोशल मीडिया)

ओ' रक्त समूह वाले को कोरोना का खतरा कम, बी' और 'एबी' वालों को ज्यादा

अगर हम रिपोर्ट में लिखी बातों पर गौर करें तो उसमें साफ-साफ लिखा है कि सर्वेक्षण में पाया गया कि रक्त समूह ‘ओ’ वाले लोग संक्रमण के प्रति कम संवेदनशील हो सकते हैं, जबकि 'बी' और 'एबी' रक्त समूह वाले लोग अधिक जोखिम में हो सकते हैं।

सीएसआईआर ने एसएआरएस-सीओवी-2 के प्रति एंटीबॉडी की मौजूदगी का आकलन करने के अपने अध्ययन के लिए अपनी प्रयोगशालाओं या संस्थानों में काम करने वाले 10,427 वयस्क व्यक्तियों और उनके परिवार के सदस्यों के स्वैच्छिक आधार पर नमूने लिये।

सीएसआईआर-इंस्टीट्यूट ऑफ जीनोमिक्स एंड इंटीग्रेटिव बायोलॉजी (आईजीआईबी), दिल्ली द्वारा संचालित अध्ययन में कहा गया है कि 10,427 व्यक्तियों में से 1,058 (10.14 प्रतिशत) में एसएआरएस-सीओवी -2 के प्रति एंटीबॉडी थी।

आईजीआईबी में वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्ययन के सह-लेखक शांतनु सेनगुप्ता ने कहा कि नमूनों में से 346 सीरो पॉजिटिव व्यक्तियों की तीन महीने के बाद की गई जांच में पता चला कि उनमें एसएआरएस-सीओवी -2 के प्रति एंटीबॉडी स्तर ‘स्थिर’ से लेकर अधिक था लेकिन वायरस को बेअसर करने के लिए प्लाज्मा गतिविधि में गिरावट देखी गई।

CORONA कोरोना की जांच(फोटो:सोशल मीडिया)

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35 व्यक्तियों के छह महीने में दोबारा लिए गए थे नमूने

उन्होंने कहा कि 35 व्यक्तियों की छह महीने में दोबारा नमूने लिये जाने पर एंटीबॉडी के स्तर में तीन महीने की तुलना में गिरावट जबकि बेअसर करने वाली एंटीबॉडी का स्तर स्थिर देखा गया। हालांकि सामान्य एंटीबॉडी के साथ ही बेअसर करने वाला एंटीबॉडी का स्तर जरूरत से अधिक था।

अध्ययन में कहा गया है, ‘‘हमारा निष्कर्ष कि धूम्रपान करने वालों के सीरो पॉजिटिव होने की संभावना कम है, सामान्य आबादी से पहली रिपोर्ट है और इसका सबूत है कि कोविड -19 के श्वसन संबंधी बीमारी होने के बावजूद धूम्रपान बचावकारी हो सकता है।’’

इस अध्ययन में फ्रांस से दो अध्ययनों और इटली, न्यूयॉर्क और चीन से इसी तरह की रिपोर्टों का हवाला दिया गया है जिसमें धूम्रपान करने वालों के बीच संक्रमण की दर कम बतायी गई थी।

corona virus कोरोना टेस्ट (फोटो:सोशल मीडिया)

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क्या है सीरो सर्वे

सीरो सर्वे से यह पता लगाया जाता है कि कितनी आबादी कोरोना से संक्रमित हुई है। कह सकते हैं कि कितने प्रतिशत लोगों में कोरोना के प्रति हर्ड इम्युनिटी विकसित हुई है। सीरो सर्वे में किसी क्षेत्र में रहने वाले कई लोगों के खून के सीरम की जांच की जाती है।

लोगों के शरीर में कोरोना वायरस से लड़ने वाले एंटीबॉडी की मौजूदगी के साथ ही यह पता चल जाता है कि कौन सा शख्स इस वायरस से संक्रमित था और फिलहाल ठीक हो चुका है।

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