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ईद-उल-अज़हा पर कोरोना का साया, बकरीद मनाने के तरीके पर बंटे मुस्लिम धर्मगुरु

ईद उल अज़हा मुसलमानों के प्रमुख त्योहारों मे से एक है पर इस साल कोरोना ने ईद उल अज़हा पर भी ग्रहण लगा दिया है।

Newstrack
Published on: 22 July 2020 5:34 AM GMT
ईद-उल-अज़हा पर कोरोना का साया, बकरीद मनाने के तरीके पर बंटे मुस्लिम धर्मगुरु
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लखनऊ: ईद उल अज़हा मुसलमानों के प्रमुख त्योहारों मे से एक है पर इस साल कोरोना ने ईद उल अज़हा पर भी ग्रहण लगा दिया है। मरकज़ी चांद कमेटी ने मंगलवार की शाम एलान कर दिया कि इद उल अज़हा का त्योहार 1 अगस्त को मनाया जाएगा। पर जिस तरह देश और प्रदेश के विभिन्न इलाके लॉकडाउन की बंदिशों में हैं इन हालात में ईद उल अज़हा से जुड़ी तैयारियां हो पाना मुमकिन नहीं।

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धर्मगुरुओं ने की सादगी से मनाने की अपील-

कोरोना के संकटकाल में मुस्लिम धर्मगुरुओं ने भी लोगों से बकरीद में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने और बाज़ारों में भीड़ ना बढ़ाने की अपील की है।जमात ए इस्लामी हिंद की तरफ से मुस्लिम समुदाय के लोगों से यह भी कहा गया है कि अगर कोरोना के चलते कुर्बानी करने में दिक्कत हो तो उसका पैसा गरीबों में बांट दें। उनके मुताबिक जो लोग केंटन्मेंट ज़ोन में रहते हैं वो नियमों का खास ख्याल रखें ।

देवबंद के मौलानाओं ने की प्रतिबंध हटाने की मांग

देवबंद के मौलानाओं ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यानाथ से अपील की है कि वो बकरीद को देखते हुए कुर्बानी की इजाज़त दी जाय और दुकानों को खुलने पर लगा प्रतिबंध हटा दें। उन्होंने ये भी मांग की है कि नमाज अदा करने में पांच लोगों से ज्यादा लोगों के इकट्ठा होने की गाइडलाइन को त्यौहार को देखते हुए हटा दें। उन्होंने भरोसा दिलाया है कि नामज अदा करते समय सोशल डिस्टेंसिंग और बाकी गाइडलाइन का पालन किया जाएगा। वहीं समाजवादी पार्टी के सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने भी प्रदेश सरकार से मांग की है कि वो बकरीद के मद्देनजर सामूहिक नमाज की इजाज़त दे। उन्होंने तो यहां तक कहा कि सामूहिक नमाज में बहुत शक्ति होती है और इससे कोरोना के खात्मे में भी मदद मिलेगी।

महाराष्ट्र में जारी की गई गाइडलाइन्स-

आने वाले दिनों ईद उल अज़हा के मद्देनज़र देश के निभिन्न प्रदेशों ने गाइडलाइन्स भी जारी की हैं।महाराष्ट्र सरकारी की तरफ से मुलिम समुदाय से अपील की गई है कि इस बार वे ईद उल अज़हा को बहुत सादगी और सिर्फ सांकेतिक रूप से मनाएं। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के मुताबिक जिस तरह कोरोना महामारी के दौरान पड़ने वाले सभी त्योहार घर में रहकर सादगी से मनाए गए हैं वैसे ही लोग ईद उल अज़हा में भी लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए ही त्योहार मनाएं।उत्तर प्रदेश में फिलहाल अभी तक अलग से कोई गाडलाइंस जारी नहीं की गई हैं।

फिलहाल मस्जिदों में नहीं हो सकेगी सामूहिक नमाज़-

कोरोना के संक्रमण के डर से सरकार ने सभी धार्मिक स्थलों के लिए भी दिशा निर्देश जारी किए थे।इन निर्देशों के मुताबिक किसी भी धार्मिक स्थल में एक साथ पांच से ज्यादा लोग इकट्ठा नहीं हो सकते हैं। ऐसे में नमाज़ी मस्जिदों में जमात के साथ नमाज़ भी अदा नहीं कर सकते हैं.।ईद उल फित्र की नमाज़ भी लोगों ने अपने घरों में ही अदा की थी। फिलहाल संकर्मण के गम्भीर हालात को देखते हुए यह साफ है कि इस बार भी लोगों को घर में ही नमाज़ अदा करनी होगी।

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आनलाइन हो रही है बकरों की खरीद फरोख्त-

कोरोना के कारण हाट बाज़ार कम ही खुल रहे हैं । ऐसे में बकरों की खरीद फरोख्त के लिए लगने वाले बाज़ार भी बंद पड़े हैं। हालांकि कई जगहों पर लोग वॉट्सएप के ज़रिए बकरे बेचे जा रहे हैं।पर लोगों का मानना है कि कुर्बानी के लिए बकरा खुद देख परख कर लेना पड़ता है ऐसे में यह तरीका ज्यादा कारगर नहीं है।

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