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फिर शाहीन बाग प्रदर्शन: जल्द शुरू होगा आंदोलन, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा

कोरोना वायरस महामारी के चलते थमा शाहीन बाग का प्रदर्शन अगले साल जनवरी से एक बार फिर से शुरू हो सकता है। इन सब खबरों के बीच पुलिस ने शाहीन बाग के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी है।

Shreya
Published on: 15 Dec 2020 4:30 PM IST
फिर शाहीन बाग प्रदर्शन: जल्द शुरू होगा आंदोलन, पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
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अगले साल फिर शुरू हो सकता है शाहीन बाग प्रदर्शन

नई दिल्ली: खबर है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के खिलाफ एक बार फिर प्रदर्शन की चिंगारी भड़क सकती है। कोरोना वायरस महामारी के चलते थमा प्रदर्शन एक बार फिर से शुरू हो सकता है। खबर है कि इस आंदोलन को जनवरी में फिर से शुरू करने की तैयारी है। इसके लिए शाहीन बाग आंदोलन के आयोजकों के बीच चर्चा भी चल रही है।

शाहीन बाग के आसपास बढ़ाई गई सुरक्षा

एक मीडिया रिपोर्ट में शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के हवाले से लिखा गया है कि वे आंदोलन को दोबारा शुरू करने की तैयारी में हैं। इन सब चर्चाओं के बीच शहीन बाग के आसपास सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से आंदोलन को बीच में ही रोकना पड़ा था, लेकिन अब इसे दोबारा शुरू करने पर चर्चा की जा रही है। उन्होंने कहा कि योजना बनाकर जल्दी ही इसे शुरू किया जाएगा क्योंकि अब तक उद्देश्य हासिल नहीं हुआ है।

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shaheen bagh protest (फोटो Credit- सोशल मीडिया)

किसानों के आंदोलन का किया समर्थन

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जनवरी में फिर से इस आंदोलन की शुरूआत की जा सकती है। साथ ही ये भी कहा गया है कि पुलिस ने पहले भी प्रदर्शन को रोकने की कोशिश की थी और अगर इस बार भी रोका जाता है तो फिर उसका उचित रास्ता निकाला जाएगा। शाहीन बाग की एक महिला प्रदर्शनकारी ने कहा कि आज वो किसानों का दर्द महसूस कर सकते हैं क्योंकि अपने आंदोलन के दौरान उन्होंने भी इसी तरह भयानक ठंड का सामना किया था।

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आज किसानों को भी आतंकी और खालिस्तानी कहा जा रहा

उन्होंने किसानों के आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। वहीं एक अन्य प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि हमारे आंदोलन के दौरान हमें आतंकी करार दे दिया गया था और अब शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे किसानों को भी खालिस्तानी और आंतकी कहा जा रहा है। उन्होंने कहा कि कानून हमें इस तरह के बनाने चाहिए, जिससे समाज के किसी वर्ग को परेशानी ना हो। अगर कानून बनाने से पहले एक बार ठीक से विचार कर लिया जाए तो शायद कोई परेशानी ना खड़ी हो। लेकिन अगर सरकार की किसी कोशिश से देश के भविष्य पर खतरा आता है तो लोगों को सड़कों पर उतरने से नहीं हिचकिचाना चाहिए।

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