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नही माने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, कल फिर होगी वार्ता

सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त मध्यस्थ संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन टीम के अन्य लोगों के साथ बुधवार को ​दिल्ली के शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए हैं। वे प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए संजय हेगड़े ने कहा कि, 'हम आपकी बात सुनने आए हैं'।

Shivakant Shukla
Published on: 19 Feb 2020 5:55 AM GMT
नही माने शाहीन बाग के प्रदर्शनकारी, कल फिर होगी वार्ता
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नई दिल्ली: पिछले दो महीनों से नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग़ में हो रहे प्रदर्शन मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सुनवाई करते हुए कहा कि लोकतंत्र सबके लिए हैं, किसी को भी सड़क जाम करने का अधिकारी नहीं है।

सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त मध्यस्थ संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन टीम के अन्य लोगों के साथ बुधवार को ​दिल्ली के शाहीन बाग प्रदर्शन स्थल पर पहुंच गए हैं। वे प्रदर्शनकारियों से बातचीत करते हुए संजय हेगड़े ने कहा कि, 'हम आपकी बात सुनने आए हैं'।

बुधवार दोपहर जब सुप्रीम कोर्ट के वकील संजय हेगड़े शाहीन बाग के प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे। उन्होंने अपनी बात की शुरुआत ‘नमस्ते, आदाब, सत श्री अकाल’ से की। संजय हेगड़े ने लोगों से कहा कि हमें कोई जल्दबाजी नहीं है, आराम से वो सभी की बात सुनेंगे। वे लोग सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यहां आए हैं।

सभी की बात पूरी तसल्ली से सुनेंगे और अदालत को जवाब देंगे: संजय हेगड़े

संजय हेगड़े प्रदर्शनकारियों से बोले कि आपसे जो भी बात होगी, वो हम सुप्रीम कोर्ट को जाकर बताएंगे। संजय हेगड़े के साथ पहुंचीं वकील साधना रामचंद्रन ने भी लोगों से शांति की अपील की। और कहा कि वह सभी की बात पूरी तसल्ली से सुनेंगे और अदालत को जवाब देंगे।

दोनों वार्ताकारों ने इस दौरान शाहीन बाग के प्रदर्शनकारियों के सामने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पढ़कर सुनाया। संजय हेगड़े ने पहले अंग्रेजी में आदेश को पढ़ा, फिर साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनकारियों को हिन्दी में इसे समझाया।

इसके बाद उन्होेंने कहा की हम फिर आएंगे।

इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अब इस मामले में दिल्ली पुलिस के कमिश्नर को हलफनामा दायर करने को कहा है। उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट की पहल से कोई रास्ता निकल सकता है। कोर्ट ने बता दें कि मामले में अगली सुनवाई अगले सोमवार यानी 24 फरवरी को होगी।

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यहां होगी मुलाकात

हम आपको बता दें कि तीनों वार्ताकारों के साथ धरने पर बैठे लोगों की मुलाकात किसी बंद कमरे में नहीं बल्कि धरनास्थल पर ही होगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में साफ कहा है कि देश में किसी को भी विरोध का हक है, लेकिन रास्ता बंद करने के अधिकार के साथ बिलकुल नहीं।

शाहीन बाग़ मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट का जवाब:

सुप्रीम कोर्ट ने शाहीन बाग़ प्रदर्शन के चलते रास्ता बंद होने को लेकर चिंता जताई। कोर्ट ने कहा कि अगर हर कोई सड़क पर उतरने लगेगा तो क्या होगा? कोर्ट ने दूसरे पक्ष को सुनने के दौरान कहा कि हम ये नहीं कर रहे हैं कि प्रदर्शन नहीं किया जा सकता।सवाल ये है कि प्रदर्शन कहां होना चाहिए।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, ‘लोकतंत्र लोगों की अभिव्यक्ति से ही चलता है, लेकिन इसकी एक सीमा है। अगर सभी सड़क बंद करने लगे तो परेशानी खड़ी हो जाएगी। आप दिल्ली को जानते हैं, लेकिन दिल्ली के ट्रैफिक को नहीं। ट्रैफिक नहीं बंद होना चाहिए। आपको विरोध का अधिकार है, लेकिन सड़क जाम करने का नहीं।’

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कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर हर कोई पब्लिक रोड को ब्लॉक करने लगे भले ही कारण कोई भी हो, तो क्या होगा? हमारी चिंता इस बात पर है कि प्रदर्शन सड़क पर किया जा रहा है। हमारा मानना है कि इस केस या दूसरे केस में सड़क को ब्लॉक नहीं किया जा सकता।

बता दें कि प्रशासन और पुलिस शाहीन बाग़ के विरोध प्रदर्शन को खत्म कराने और कालिंदी कुंज-शाहिन बाग सड़क को खुलवाने की कई बार कोशिश की गई, लेकिन नाकाम रहे। जिसके बाद मामला कोर्ट में पहुंच गया।

Shivakant Shukla

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