भारत ने की तैयारी: शिंकुला दर्रे पर बनेगी सबसे लंबी टनल, तनाव के बीच बड़ा फैसला

पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश में एक और सुरंग (Tunnel) बनने जा रही है। मनाली लेह-मार्ग की सामरिक महत्व को देखते हुए अब शिंकुला दर्रे (Shinkula Pass) में इस सुरंग को बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है।

Shreya
Published on: 23 Sep 2020 7:22 AM GMT
भारत ने की तैयारी: शिंकुला दर्रे पर बनेगी सबसे लंबी टनल, तनाव के बीच बड़ा फैसला
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भारत ने की तैयारी: शिंकुला दर्रे पर बनेगी सबसे लंबी टनल, तनाव के बीच बड़ा फैसला

शिमला: पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ जारी तनाव के बीच हिमाचल प्रदेश में एक और सुरंग (Tunnel) बनने जा रही है। मनाली लेह-मार्ग की सामरिक महत्व को देखते हुए अब शिंकुला दर्रे (Shinkula Pass) में इस सुरंग को बनाने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इससे पहले हिमाचल प्रदेश में BRO ने अटल टनल का निर्माण किया है। शिंकुला दर्रे में बनने वाली ये सुरंग दुनिया की सबसे लंबी टनल होगी। 16000 फीट की ऊंचाई पर बनने वाली टनल 13.5 किमी लंबी होगी। टनल के बनने से 12 महीने लेह के लिये सड़क सुविधा उपलब्ध होगी।

चीन पर की जा सकेगी बेहतर तरीके से निगरानी

इन सुरंग का निर्माण हो जाने से चीन पर बेहतर तरीके से निगरानी की जा सकेगी। साथ ही सीमाई इलाकों में सेना का आवागमन भी आसान हो जाएगा। इस टनल को बनाने के लिए भूतल परिवहन मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय उच्च मार्ग एवं अधोसंरचना विकास प्राधिकरण की टीम ने टनल की रूपरेखा तैयार कर ली है। हाल ही में प्राधिकरण के प्रबंध निदेशक एवं कार्यकारी निदेशक संजीव मलिक ने भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण कार्य का जायजा लिया, ताकि शिंकुला टनल का कार्य की डीपीआर जल्द रक्षा मंत्रालय को सौंपा जाए।

दस अक्टूबर तक प्रकियाएं पूरी होने की उम्मीद

संजीव मलिक के मुताबिक शिंकुला टनल का डीपीआर बना रहे हैं, जिसमें भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण सहित डिजाइन का काम किया जा रहा है। सलाहकारों की तरफ से 13.5 किलोमीटर लंबी टनल की सिफारिश की गई है, जिस पर काम चल रहा है। उम्मीद है कि दस अक्टूबर तक सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाएंगी और अक्टूबर के अंत और नवम्बर में रक्षा मंत्रालय को रिपोर्ट सौंप दी जाएगी। वहीं दिसम्बर महीने तक टेंडर लगने की उम्मीद है।

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12 महीने लेह के लिए होगी सड़क सुविधा उपलब्ध

शिंकुला टनल के महत्व के बारे में बताते हुए संजीव मलिक ने कहा कि इस टनल के बन जाने के बाद जांस्कर और करगिल, लेह इलाके में साल के 12 महीने सड़क सुविधा उपलब्ध होगी। वहीं इस टनल के बनने की खबर से लेह-लद्दाख के कारगिल के करज्ञा गांव के लोग बेहद खुश और उत्साहित हैं। उन्होंने बताया कि पहले सड़क सुविधा ना होने की वजह से काफी दिक्कतें आती थीं। घोड़ों पर चलना और सामान को लाना पड़ता था। लेकिन अब सड़क बनने से सुविधा मिली।

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क्या-क्या होगी सुविधा?

इस टनल के बनने से कई तरह से लोगों को सुविधा मिलेगी। जैसे कि शिंकुला 16600 फीट, बारालाचा 16040 फीट और लाचुंगला 16600 फीट ऊंचे दर्रों को पार करना आसान हो जाएगा। वहीं वर्तमान में मनाली से लेह की दूरी 474 किलोमीटर है, इसी रूट से कारगिल 690 किलोमीटर है। वहीं शिंकुला दर्रा होकर मनाली-कारगिल की दूरी 515 किलोमीटर है। टनल के बन जाने से यह सफर 70 किमी कम होगा।

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Atal Tunnel 3 अक्टूबर को PM मोदी करेंगे अटल टनल का उद्घाटन (फोटो- ट्विटर)

PM मोदी करेंगे अटल टनल का उद्घाटन

वहीं इससे पहले हिमाचल प्रदेश में मनाली से लेह को जोड़ने वाली दुनिया की सबसे लंबी रोड सुरंग बनकर तैयार हो गई है। इस सुरंग का नाम अटल टनल (Atal Tunnel) है। यह सुरंग रणनीतिक रूप से बेहद अहम है, जिसका उद्घाटन देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 3 अक्टूबर को करने वाले हैं। इन टनल के निर्माण में करीब साढ़े तीन से चार हजार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। 10 हजार फीट पर स्थित इस टनल को बनाने में करीब दस साल का वक्त लगा है।

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