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शिवराज को ग्रीन सिग्नल का इंतजार, मंत्रिमंडल का गठन करने में जुटे

राज्य में कोरोना के खिलाफ चल रही जंग के मद्देनजर अभी मंत्रिमंडल को छोटा रखने का फैसला किया गया है। इस बाबत चल रही चर्चाओं से संकेत मिला है कि मंत्रिमंडल में 6 से 10 तक मंत्री हो सकते हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 16 April 2020 7:12 AM GMT
शिवराज को ग्रीन सिग्नल का इंतजार, मंत्रिमंडल का गठन करने में जुटे
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शिवराज को ग्रीन सिग्नल का इंतजार, मंत्रिमंडल का गठन करने में जुटे

अंशुमान तिवारी

भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस के व्यापक संक्रमण से जूझ रहे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही अपने मंत्रिमंडल का गठन करने की कवायद में जुटे हुए हैं। इस बाबत उन्होंने राज्य के वरिष्ठ नेताओं से अलग-अलग चर्चा पूरी कर ली है। केंद्र के वरिष्ठ नेताओं से भी उनकी इस मुद्दे पर जल्द ही चर्चा होने की संभावना है।

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अभी छोटा होगा शिवराज मंत्रिमंडल

जानकार सूत्रों का कहना है कि राज्य में कोरोना के खिलाफ चल रही जंग के मद्देनजर अभी मंत्रिमंडल को छोटा रखने का फैसला किया गया है। इस बाबत चल रही चर्चाओं से संकेत मिला है कि मंत्रिमंडल में 6 से 10 तक मंत्री हो सकते हैं।

सीएम चौहान ने इस बाबत राज्य के नेताओं से अलग-अलग बातचीत की है। अब वे इस बाबत केंद्र के नेताओं से जल्द ही चर्चा करने वाले हैं। हाईकमान से हरी झंडी मिलते ही एक संक्षिप्त कार्यक्रम में मंत्रियों को शपथ दिलाने की योजना है।

महसूस हो रही मंत्रियों की जरूरत

सूत्रों का कहना है कि कोरोना के संक्रमण से पैदा हुई दिक्कतों के कारण कई महत्वपूर्ण विभागों में मंत्रियों की जरूरत महसूस हो रही है। अभी तक मुख्यमंत्री चौहान ही सारे विभागों को लेकर होने वाली चर्चाओं की अगुवाई कर रहे हैं मगर कई विभागों में मंत्री न होने के कारण दिक्कतें महसूस हो रही हैं।

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कोरोना के खिलाफ जंग में कामयाबी के लिए कई विभागों ने अपनी गतिविधियां तेज कर दी हैं, लेकिन इन विभागों में मंत्री ना होने के कारण सीएम पूरी तरह अफसरों पर ही निर्भर हैं। खासतौर पर चिकित्सा, शिक्षा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, कृषि एवं सहकारिता, पंचायत, वित्त और वाणिज्यकर विभाग में मंत्रियों की विशेष रूप से जरूरत महसूस की जा रही है।

सिंधिया खेमे से दो को मिल सकता है तोहफा

विभागों की दिक्कतें दूर करने के लिए ही मंत्रिमंडल के गठन की कवायद शुरू हुई है। अभी ऐसे वरिष्ठ नेताओं को ही मंत्रिमंडल में रखने का फैसला किया गया है जिन्हें पूर्व में भी विभागों का अनुभव है।

साथ ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के लोगों को भी एडजस्ट करने की कोशिश की जा रही है। माना जा रहा है कि सिंधिया खेमे से पूर्व मंत्री तुलसी सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा सकती है।

भाजपा से इनके नाम चर्चा में

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं में गोपाल भार्गव, नरोत्तम मिश्रा, भूपेंद्र सिंह, रामपाल सिंह, विजय साह, गौरीशंकर बिसेन और मीना सिंह के नाम मंत्री पद के लिए चल रहे हैं। सियासी जानकारों का कहना है कि कांग्रेस से भाजपा में आने वाले वरिष्ठ नेता बिसाहू लाल को भी मंत्री बनाया जा सकता है।

जानकारों के मुताबिक दलित कोटे से तुलसी सिलावट और आदिवासी कोटे से बिसाहू लाल, मीना सिंह और विजय साह को मौका मिल सकता है।

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राज्य में बढ़ रहा मरीजों का आंकड़ा

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के तमाम कोशिशों के बावजूद मध्यप्रदेश में कोरोना संक्रमित मरीजों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है। राज्य में कोरोना से संक्रमित होने वालों की संख्या 938 तक पहुंच गई है। इंदौर और भोपाल में कोरोना के सबसे अधिक केस दर्ज किए गए हैं।

इंदौर में कोरोना के मरीजों की संख्या 569 और भोपाल में मरीजों का आंकड़ा 168 तक पहुंच गया है। राज्य में कोरोना से 53 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें सबसे ज्यादा मौत इंदौर में दर्ज की गई है जहां इस किलर वायरस ने 37 लोगों की जान ले ली है। इसके अलावा भोपाल में पांच और उज्जैन में छह लोगों की मौत हो चुकी है।

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Vidushi Mishra

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