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12 साल बाद लौटा पाकिस्तान से: अभी तक नहीं गया घर, जानिए क्या है वजह
बताते हैं कि सोनू सिंह का पिता और चाचा सारे कागजात लेकर अमृतसर पहुंचे। परिजनों ने सोनू सिंह के कागजात दिखाए मगर उन्होंने मानने से इंकार कर दिया है।
झांसी: जिंदगी के बारह साल पाकिस्तान की जेलों में काटने के बाद ललितपुर के थाना मड़ावरा के ग्राम संतवासा गांव का सोनू सिंह उर्फ सोहन सिंह अपने गांव अभी तक नहीं पहुंचा है। पंजाब पुलिस का कहना है कि कागजात के अलावा कोई अफसर साथ लेकर आएंगे, तभी सोनू सिंह को हवाले करेंगे, वरना सोनू सिंह यहीं पर रहेगा। उधर, घर के कुछ सदस्य, सोनू सिंह को गांव लाने के लिए मना कर रहे हैं। इस बात को लेकर परिजन काफी चिंतित नजर आ रहा हैं।
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सोनू सिंह का पिता और चाचा सारे कागजात लेकर अमृतसर पहुंचे
बताते हैं कि सोनू सिंह का पिता और चाचा सारे कागजात लेकर अमृतसर पहुंचे। परिजनों ने सोनू सिंह के कागजात दिखाए मगर उन्होंने मानने से इंकार कर दिया है। इस मामले में पंजाब के अफसरों ने ललितपुर डीएम से भी वार्ता की मगर यह लोग मानने को तैयार नहीं है। पंजाब पुलिस कमिश्नर का कहना है कि वह लोग सोनू सिंह के परिजनों को नहीं जानते हैं। जब तक कोई अफसर ललितपुर से परिजनों के साथ नहीं आएगा, तब तक वह सोनू सिंह को हवाले नहीं कर सकते हैं।
अगर उन्होंने सोनू सिंह को हवाले कर दिया
पंजाब पुलिस कमिश्नर का मानना है कि अगर उन्होंने सोनू सिंह को हवाले कर दिया। रास्ते से सोनू सिंह रहस्यमय ढंग से गायब हो गया तो उनको मुसीबत पढ़ सकती है। इसी बात को लेकर पंजाब पुलिस के अफसर परेशान है। उधर, गांव में रहने वाले सोनू सिंह के परिजन का कहना है कि सोनू सिंह को गांव लाया गया तो वहां पर भी वह नशे का आदि हो जाएगा। वह कभी भी गांव से भाग सकता है इसलिए उसे यहां न लाने की बात कह रहे हैं। इसी बात को लेकर सोनू सिंह का परिवार को फाड़ में बंट गया है।
मालूम हो कि ललितपुर के थाना मड़ावरा के ग्राम संतवासा में रोशन सिंह लोधी परिवार समेत रहता है। उसके चार बेटे हैं, जिनमें सोनू सबसे छोटा बेटा है। लगभघ 19 साल की उम्र में सोनू सिंह बाबा बनने की कहकर घर से कहीं निकल गया और उसका दिमागी संतुलन भी ठीक नहीं था। पूरा परिवार उसकी तलाश में भटकता रहा, लेकिन पता नहीं चला।
इसी साल परिजनों को सूचना मिली कि सोनू पाकिस्तान की जेल में बंद है। इसके बाद 26 अक्तूबर को इंटेलीजेंस ब्यूरो ने थानाध्यक्ष मड़ावरा कृष्णवीर सिंह को सोने के पाकिस्तान से रिहा होकर अमृतसर में पहुंचने की जानकारी दी। अमृतसर पहुंचने पर सोनू को छेहरटा के नारायणगढ़ के कम्यूनिटी सेंटर में क्वारंटन किया गया थआ। जानकारी मिलते ही परिवार में खुशी का माहौल पैदा हो गया। पिता रोशन सिंह व चाचा उदय सिंह अमृतसर पहुंच गए। 12 साल बाद एक दूसरे को सामने देखकर सोनू और उसका पिता दोनों ही बेहद भावुक हो गए थे।
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इनका कहना है
प्रभारी निरीक्षक मड़ावरा कृष्णवीर सिंह का कहना है कि सोनू सिंह अभी तक गांव नहीं पहुंचा है। पंजाब के अफसर कागजात व ललितपुर के अफसर को यहां लाने की बात पर अड़े हुए हैं। इस मामले में ललितपुर के डीएम ने भी वार्ता की है। उनका कहना है कि इंटेलीजेंस द्वारा सोनू के संबंध में मुकदमा दर्ज होने के संबंध में जानकारी मांगी गई थी। उन्हें बताया था कि सोनू के खिलाफ यहां पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं है।
रिपोर्ट- बी.के.कुशवाहा
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