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MP: स्पीकर के सामने कल 22 विधायक देंगे सपष्टीकरण, जानिए क्यों?

मध्य प्रदेश में ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीजेपी के खेमे में जाने और 22 विधायकों के इस्‍तीफे के बाद अब मध्‍य प्रदेश की कमलनाथ सरकार के अस्तित्‍व पर संकट मंडरा रहा है। इस बीच प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने इस्तीफा देने वाले सभी विधायकों को नोटिस जारी कर उनके सामने पेश होने के लिए कहा है।

suman
Published on: 12 March 2020 9:46 PM IST
MP: स्पीकर के सामने कल 22 विधायक देंगे सपष्टीकरण, जानिए क्यों?
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भोपाल बृहस्पतिवार को इस्तीफा देने वाले छह मंत्रियों समेत 22 बागी कांग्रेस विधायकों को नोटिस जारी कर मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने जवाब मांगा है। विधानसभा के प्रमुख सचिव एपी सिंह ने बताया कि स्पीकर ने इन सभी विधायकों को शुक्रवार को उनके सामने पेश होकर यह स्पष्ट करने के लिए कहा है कि उन्होंने इस्तीफा खुद दिया है और यह फैसला बिना किसी के दबाव में आए लिया गया है।

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स्पीकर ने विधायकों को शुक्रवार तक का समय दिया है। नोटिस में कहा गया है कि इस्तीफा देने वाले सभी 22 विधायक शुक्रवार तक स्पीकर से सामने उपस्थित होकर यह स्पष्टीकरण दें कि उन्होंने त्यागपत्र स्वैच्छिक रूप से दिया है और बिना किसी के दबाव में आए उन्होंने यह फैसला लिया है। इस बीच बीजेपी ने कहा है कि वह आगामी 16 मार्च को सदन में फ्लोर टेस्ट की मांग करेगी जबकि कांग्रेस का कहना है कि वह सभी 22 विधायकों के इस्तीफे पर फैसले के बाद ही किसी भी तरह के टेस्ट के लिए तैयार होगी।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बताया कि स्पीकर प्रजापति ने 22 विधायकों को नोटिस जारी किया है। इनमें 6 मंत्री हैं, जिन्होंने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। सिंह ने यह सवाल भी उठाया है कि विधायकी छोड़ने वाले विधायक अपना इस्तीफा सौंपने के लिए स्पीकर से मुलाकात क्यों नहीं कर रहे हैं।

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विधायकों के इस्तीफा देने के बाद अब गेंद स्पीकर प्रजापति के पाले में है। नियमों के मुताबिक अगर किसी सदस्‍य ने इस्‍तीफा दिया है तो उससे विधानसभा अध्‍यक्ष का संतुष्‍ट होना जरूरी है। यदि वह संतुष्‍ट हैं तो इस्‍तीफा स्‍वीकार कर सकते हैं। यदि स्‍पीकर को लगता है कि दबाव डालकर विधायकों से इस्‍तीफा दिलवाया गया है तो वह सदस्‍य से बात कर सकते हैं। साथ ही उस सदस्‍य को अपने समक्ष उपस्थित होने को कह सकते हैं। स्‍पीकर के संतुष्‍ट होने पर ही इस्‍तीफे को अगले कार्रवाई के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है। कर्नाटक में स्‍पीकर ऐसा कर चुके हैं। मौजूदा हालात को देखते हुए लगता नहीं कि स्‍पीकर इतनी आसानी से इस्‍तीफा स्‍वीकार करेंगे।



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