महाबलीपुरम: एक ऐसा स्थान जहां मिलने जा रहे दो महाब​ली, जानें खासियत

वहीं खास बात ये है कि मूर्तिकारों ने यहां एक घड़ी का भी निर्माण किया था। इसके सैकड़ों सालों बाद आज इस्तेमाल होने वाली घड़ी की बनाई गई।  इन मंदिरों का निर्माण में अपने अद्भुत कला कौशल दिखाई देता है।

Shivakant Shukla
Published on: 28 July 2023 5:32 PM GMT (Updated on: 28 July 2023 5:36 PM GMT)
महाबलीपुरम: एक ऐसा स्थान जहां मिलने जा रहे दो महाब​ली, जानें खासियत
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नई दिल्ली: तमिलनाडु के महाबलिपुरम में भारत-चीन शिखर सम्मेलन होने जा रहा है। तो इस मौके पर ये जानना बहुत जरूरी है कि आखिर महाबलीपुरम कहां है, और यहां की क्या खासियत है। तो आइये जानते हैं...

चेन्नई से कुछ किलोमीटर दूर है महाबलिपुरम

बता दें कि यह जगह चेन्नई से कुछ किलोमीटर दूर है और इसे भारतीय प्राचीन इतिहास के श्रेष्ठ स्थापत्य वाले मंदिरों के शहर के रूप में भी जाना जाता है। खास बात ये है कि समुद्र तट पर चट्टानों को काट कर मंदिर बनाए गए हैं। ये मंदिर यहां के शासक पल्लव राजाओं ने करीब सातवीं सदी में बनवाए थे।

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जिनपिंग मोदी देंखेंगे यहां की खूबसूरती

बताया जा रहा है कि पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इन जगहों को देखने जायेंगे।

यहां मूर्तिकारों ने बनाई थी सैकड़ों सालों पहले घड़ी

वहीं खास बात ये है कि मूर्तिकारों ने यहां एक घड़ी का भी निर्माण किया था। इसके सैकड़ों सालों बाद आज इस्तेमाल होने वाली घड़ी की बनाई गई। इन मंदिरों का निर्माण में अपने अद्भुत कला कौशल दिखाई देता है।

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अर्जुन के तपस्या की भी है छवि

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक पुरातत्वविद ने बताया कि यहां भगवान शिव से पशुपति अस्त्र हासिल करने के लिए अर्जुन की तपस्या की तस्वीरें पत्थरों पर उकेरी हुई मिलती हैं। यहां चार भुजाओं वाली भगवान शिव की मूर्ति है जिसमें उनका निचला हाथ वरद-मुद्रा में दिखाई देता है, जिसमें अर्जुन को वरदान दिया जा रहा है।

यहां पत्थरों की दीवालों में 64 देवता-देवता, एक मंदिर, 13 मनुष्य, 10 हाथी, 16 शेर, नौ हिरण, दो भेड़, दो कछुए, एक खरगोश, एक जंगली सुअर, एक बिल्ली, 13 चूहे, हैं, सात पक्षी, चार बंदर, और आठ पेड़ बनाए गए हैं।

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बना है अद्भुत शिव मंदिर

जानकारी के अनुसार शैवमत के प्रभाव वाले इस मंदिर में शिव की प्रतिमा में जो जटाएं दिखाई गई हैं उनमें चंद्रमा का अलंकरण उत्तम ढंग से हुआ है और वे चारों तरफ से गणों यानी परिचारकों से घिरे नजर आते हैं। इन सभी को बहुत कुशलता से तराशा गया है। यहां एक विष्णु मंदिर भी है। जिनकी छटा अद्भुत है| बता दें कि चीनी प्रमुख 11-12 अक्टूबर को भारत दौरे पर रहेंगे। वह 11 अक्टूबर को वह चेन्नई पहुंचेंगे।

Shivakant Shukla

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