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कोरोना का खतरनाक रूप: गावों में तेजी से फैल रहा वायरस, शहरों में ऐसी है हालत
देश में तेजी से कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से फैलता जा रहा है। कई राज्यों में तेजी से कोरोना के केस सामने आ रहे हैं। इस बीच पता चला है कि गांवों में तेजी से कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है।
नई दिल्ली: देशभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस महामारी (Corona Virus) का प्रकोप देखने को मिल रहा है। कई राज्यों में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। वहीं इस बीच सामने आया है कि देश के ग्रामीण इलाकों में तेजी से कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं। जबकि शहरी इलाकों में कोविड-19 से थोड़ी राहत देखने को मिल रही है। 24 से 31 अक्टूबर के मुकाबले 21 से 29 नवंबर के साप्ताहिक नए केसेस की तुलना करने पर पता चला कि नवंबर के आखिरी हफ्ते में करीब 284 जिलों में नए मामलों की संख्या में तेजी आई है।
ग्रामीण इलाकों में बढ़ रहे कोरोना के मामले
आंकड़ों से पता चला है कि ग्रामीण इलाकों में तेजी से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। वहीं बताया गया है कि आकलन में 633 जिलों को ही शामिल किया गया, क्योंकि अन्य जिलों के टाइम सीरीज डेटा उपलब्ध नहीं थे। वहीं इन 284 जिलों में 157 जिले ग्रामीण इलाकों के हैं। वहीं 60 जिले अर्ध-शहरी जबकि 48 जिले शहरी इलाकों के हैं। बता दें कि सितंबर में रोजाना करीब 90 हजार मामले सामने आ रहे थे। यानी जिन जिलों में नए कोरोना मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, उनमें 80 फीसदी से ज्यादा ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों के हैं। जहां पर स्वास्थ्य व्यवस्था काफी खराब है।
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(फोटो- सोशल मीडिया)
शहरी क्षेत्रों में देखी जा रही राहत
वहीं इन आंकड़ों से ये भी सामने आया है कि शहरी क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से थोड़ी राहत देखी जा रही है। जहां पर शुरुआत में कोरोना के केसेस तेजी से सामने आ रहे थे। गौरतलब है कि अप्रैल के आखिरी हफ्ते में करीब 77 फीसदी कोरोना के मामले शहरी क्षेत्रों में ही थे। जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में केवल 10 फीसदी ही पाए गए थे। लेकिन अब इसके बिल्कुल विपरीत परिस्थिति बन चुकी है। 29 नवंबर को कोरोना मामलों में शहरी क्षेत्र की हिस्सेदारी घटकर 52 फीसदी रह गई। वहीं ग्रामीण क्षेत्रों की हिस्सेदारी बढ़कर 24 फीसदी हो गई है।
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महामारी नियंत्रण में आ रही
वहीं अगर ग्रामीण और अर्ध-शहरी जिलों को मिला दिया जाए तो अप्रैल की तुलना में नवंबर में नए कोरोना केसेस की रफ्तार घटती देखी गई है। जिसका मुख्य कारण हर जिले के कुल मामलों और टेस्टिंग रेट में भारी अंतर को बताया जा रहा है। वहीं कुछ जिलों में काफी ज्यादा मामलों की वजह से अन्य जिलों का औसत भी बढ़ गया है। वहीं शहरी जिलों में कोरोना केस की रफ्तार घटने का मतलब है कि इन इलाकों में महामारी नियंत्रण में आ रही है।
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