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SPG chief A K Sinha Passes Away: एसपीजी के डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का निधन
SPG chief A K Sinha Passes Away:1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण कुमार सिन्हा वर्तमान में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के डायरेक्टर थे। उनकी सर्वोपरि जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की निगरानी करना था।
SPG chief A K Sinha Passes Away: एसपीजी के डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे 61 साल की उम्र में अरुण कुमार सिन्हा का निधन हो गया। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में उन्होंने अंतिम सांस ली। लीवर की बीमारी के चलते कई दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। 1987 बैच के आईपीएस अफसर थे एके सिन्हा।
देश के प्रधानमंत्री की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का बुधवार सुबह निधन हो गया। तबीयत खराब होने के कारण 61 वर्षीय सिन्हा को गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती इलाज चल रहा था। केरल कैडर के 1987 बैच के आईपीएस अफसर रहे सिन्हा को हाल ही में एसपीजी के डायरेक्टर के तौर पर एक साल का एक्सटेंशन दिया गया था।
सिन्हा 2016 से एसपीजी के डायरेक्टर के रूप में कार्यरत थे। उन्हें हाल ही में सेवा विस्तार दिया गया था। विशेष सुरक्षा समूह (एसपीजी) की स्थापना 1985 में की गई। एसपीजी की स्थापना प्रधानमंत्री, पूर्व प्रधानमंत्रियों और उनके परिवार के सदस्यों को निकटतम सुरक्षा कवर प्रदान करने के इरादे से की गई थी।
1987 बैच के आईपीएस अधिकारी अरुण कुमार सिन्हा वर्तमान में स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) के डायरेक्टर थे। उनकी सर्वोपरि जिम्मेदारी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा की निगरानी करना था। एसपीजी के प्रमुख अरुण कुमार सिन्हा का 6 सितंबर 2023, बुधवार को जॉन्डिस और लीवर प्रॉब्लम से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह 61 वर्ष के थे। 2016 से एसपीजी निदेशक के रूप में कार्यरत थे।
जानिए कौन थे एसपीजी डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा-
एसपीजी डायरेक्टर अरुण कुमार सिन्हा का निधन जॉन्डिस लेवल बढ़ने से हुआ। गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में इनका इलाज चल रहा था। 5 सितंबर को इन्हें वेटिलेटर पर रखा गया था और 6 सितंबर 2023 को सुबह 6 बजे के करीब उनका निधन हो गया।
झारखंड के हजारीबाग से की थी पढ़ाई-
अरुण कुमार सिन्हा मुलरुप से झारखंड के हजारीबाग जिले के रहने वाले थे। उनके पिता स्वर्गीय महेंद्र प्रसाद भारतीय सेना में थे। अरुण कुमार सिन्हा ने हजारीबाग के हिंदू स्कूल से अपनी पढ़ाई की थी। उन्होंने संत कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से जूलॉजी से बीएससी की थी। 1987 में उनका चयन भारतीय पुलिस सेवा में हुआ था। इन्हें केरल कैडर मिला था। केरल के तिरुवनंतपुरम में डीसीपी कमिश्नर, इंटेलिजेंस में रेंज आईजी और प्रशासन आईजी जैसे महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया था। उनके कार्यकाल के दौरान, उन्हें कानून और व्यवस्था का प्रभार दिया गया और उन्होंने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल गयूम की राज्य की राजधानी में हत्या करने की कोशिश करने वाले मास्टरमाइंड को पकड़ लिया था।
उनके इन कार्यों के चलते मिली पहचान-
पुलिस बल के भीतर अरुण कुमार सिन्हा की प्रोफेशनल जर्नी बेहद उल्लेखनीय और प्रभावशाली रही। उनके पिछले प्रयासों में केरल में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (विशेष सेवाएं और यातायात) के रूप में उनका अटूट समर्पण देखा गया। इसके अलावा, महिला सुरक्षा और एनआरआई मामलों में सिन्हा के योगदान के साथ-साथ सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के भीतर उनकी अदम्य भावना ने इस क्षेत्र में एक अनुकरणीय व्यक्ति के रूप में उनके कद को और मजबूत कर दिया था। सुरक्षा प्रोटोकॉल और कानून प्रवर्तन की पेचीदगियों की व्यापक समझ रखने वाले अरुण सिन्हा देश भर में फैले विभिन्न पुलिस बलों से चुने गए लगभग 3,000 अत्यधिक कुशल कमांडो की एक दुर्जेय टीम का कुशलतापूर्वक नेतृत्व कर रहे थे। सिन्हा ईमेल से मौत, प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के खिलाफ धमकी और लेटर बम मामले जैसे जटिल मामलों को सुलझाने में शामिल थे। उनकी सराहनीय सेवा के लिए उन्हें राष्ट्रपति पदक से भी सम्मानित किया गया था।