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मिला स्पाइस-2000 बम: आतंकी ठिकानों को मिनटों में किया था नष्ट

भारत के हवाई ताकत में बढ़ोत्तरी करने के उद्देश्य से उसे बिल्डिंग ब्लास्टर स्पाइस-2000 बम मिलने शुरु हो गए हैं। ये उन बमों का उन्नत संस्करण हैं जिन्हें पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।

Shreya
Published on: 3 May 2023 9:35 AM GMT
मिला स्पाइस-2000 बम: आतंकी ठिकानों को मिनटों में किया था नष्ट
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नई दिल्ली: भारत के हवाई ताकत में बढ़ोत्तरी करने के उद्देश्य से उसे बिल्डिंग ब्लास्टर स्पाइस-2000 बम मिलने शुरु हो गए हैं। ये उन बमों का उन्नत संस्करण हैं जिन्हें पाकिस्तान के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आंतकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया गया था। ये बम ग्वालियर में स्थित वायुसेना के अड्डे को दिया जा रहा है।

ग्वालियर स्थित वायुसेना अड्डे लाया जाएगा स्पाइस-2000-

बता दें कि देश में ग्वालियर स्थित अड्डा मिराज-200 लड़ाकू विमानों का मुख्य ठिकाना है। इस लड़ाकू विमानों से इजरायली स्पाइस-2000 बम गिराए जा सकते हैं। आपात खरीद प्रकिया के तहत भारतीय वायुसेना ने जून में इजराइल की फर्म के साथ मार्क 84 वारहेड और बमों की खरीद में 250 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इस सौदे के तहत 100 से ज्यादा स्पाइस-2000 बमों की खरीद की जानी है।

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मोदी सरकार ने आपात खरीद प्रकिया को किया था शुरु-

मोदी सरकार ने इस आपात खरीद की प्रक्रिया का व्यवस्था की है ताकि तीनों सेनाएं अपनी जरुरत के हथियार और गोला-बारुद की खरीद के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरे बिना ही कुछ महीनों में हथियारों की खरीद कर सकें। बालाकोट में हुए हमले में मिली सफलता के बाद वायुसेना ने बड़ी संख्या में इन बमों की जरुरत महसूस की है। वहीं नए बम बालाकोट में प्रयोग किए गए बमों से ज्यादा अधिक शक्तिशाली हैं और बड़ी इमारतों को पूरी तरह से नष्ट करने में सक्षम हैं। बालाकोट हमला पाकिस्तान द्वारा 14 फरवरी को पुलवामा में किए गए हमले के जवाब में किया गया था।

मुख्य हथियारों में से एक है इजरायल-

भारतीय सेना ने आपात खरीद प्रकिया के तहत भारतीय वायुसेना ने जून में इजराइल की फर्म के साथ मार्क 84 वारहेड और बमों की खरीद में 250 करोड़ रुपये का सौदा पर हस्ताक्षर किए हैं। ये हस्ताक्षर इसलिए किए क्योंकि बालाकोट पर किए गए हमले में इस्तेमाल किए बमों ने जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को पूरी तरह से ताबाह कर दिए थे। इसल्ए सेना ने इसे खरीदने की कवायद शुरु की। बता दें कि भारतीय वायुसेना के मुख्य हथियार और गोला-बारुद में से इजरायल एक है।

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