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समुद्र में भारत की ताकत: US समेत ये देश आएंगे साथ, चीन की हालत खराब

रक्षा मंत्रालय की तरफ से कहा गया है कि भारत समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए मालाबार 2020 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को आमंत्रण भेजा गया है। जल्द उनकी भागीदारी दिखेगी।

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Published on: 19 Oct 2020 2:11 PM GMT
समुद्र में भारत की ताकत: US समेत ये देश आएंगे साथ, चीन की हालत खराब
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इस युद्धपोत की लम्बाई 1,092 फीट (333 मीटर) हैं और इसका वजन तकरीबन 100,000 से टन से अधिक है। पूरी दुनिया के अंदर निमित्ज़ अपनी श्रेणी का सबसे बड़ा युद्धपोत है।

नई दिल्ली: लद्दाख में सीमा पर भारत और चीन के बीच तनाव चरम पर है। दोनों देशों के बीच विवाद को सुलझाने के लिए कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन तनाव अभी तक कम नहीं हो पाया है। चीन की सेना लगातार भारतीय में घुसपैठ करने की कोशिश कर रही है, लेकिन भारतीय सैनिक उनकी हर कोशिश को नाकाम कर कर रही है।

अब इस बीच भारत ने त्रिपक्षीय मालाबार नौसैनिक अभ्यास में शामिल होने के लिए ऑस्ट्रेलिया को आमंत्रित किया है। इस सैनिक अभ्यास में अमेरिका और जापान भी हिस्सा लेंगे। बीते चार दशकों में चीन और भारत के बीच सीमा पर सबसे खराब तनाव बना हुआ है। ऐसे में पहली बार क्षेत्रीय समूह के सभी सदस्य जो क्वाड के रूप में जाने जाते हैं, उनके साथ नौसैनिक अभ्यास के लिए ऑस्ट्रेलिया को इसमें शामिल करने का फैसला किया गया है।

बंगाल की खाड़ी में मालाबार नौसैनिक अभ्यास

यह मालाबार नौसैनिक अभ्यास साल के आखिरी में बंगाल की खाड़ी में किया जाएगा। इसमें भारत के साथ जापान, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका की नौसेनाओं शामिल होंगी। इसमें हिस्सा लेनेके लिए भारत ने ऑस्ट्रेलिया को भी आमंत्रित किया गया है।

Malabar Drill

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रक्षा मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि भारत समुद्री सुरक्षा क्षेत्र में अन्य देशों के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके तहत ऑस्ट्रेलिया के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए मालाबार 2020 में ऑस्ट्रेलियाई नौसेना को आमंत्रण भेजा गया है। जल्द उनकी भागीदारी दिखेगी।

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देशों की नौसेनाओं के बीच समन्वय मजबूत होगा

रक्षा मंत्रा ने बयान में कहा है कि इस साल की कवायद में गैर-संपर्क–समुद्र में प्रारूप पर योजना बनाई गई है। मंत्रालय ने कहा है कि अभ्यास में शामिल होने वाले देशों की नौसेनाओं के बीच समन्वय मजबूत होगा। आगे कहा गया है कि इससे क्वाड राष्ट्र समुद्री डोमेन में सुरक्षा और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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2007 में चीन ने जताई थी आपत्ति

गौरतलब है कि 2007 में मालाबार सैनिक अभ्यास में शामिल होने के लिए भारत और अमेरिका की तरफ से जापान, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर को भी शामिल करने की बात की गई थी, तो उस समय चीन ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी।

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