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बिल्डर्स को झटका: SC का बड़ा फैसला, घर खरीदने वाले को मिली राहत, अब होगा ऐसा

घर खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि घर खरीदार एक तरफा शर्त मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि एग्रीमेंट की एकतरफा शर्त को मानने के लिए डेवलपर्स किसी भी घर खरीदार को बाध्य नहीं कर सकता है।

Ashiki
Published on: 13 Jan 2021 10:56 PM IST
बिल्डर्स को झटका: SC का बड़ा फैसला, घर खरीदने वाले को मिली राहत, अब होगा ऐसा
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घर खरीदार के लिए बड़ी खबर, बायर्स पर बिल्डर नहीं थोप सकता एकतरफा एग्रीमेंट

नई दिल्ली: अगर आप भी घर खरीदने की सोच रहे हैं तो सुप्रीम कोर्ट की तरफ से आपके लिए बेहद अहम खबर आई है। घर खरीदारों के हितों को ध्यान में रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला सुनाया है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि घर खरीदार एक तरफा शर्त मानने के लिए बाध्य नहीं हैं। सुप्रीम कोर्ट ने ये साफ कर दिया है कि एग्रीमेंट की एकतरफा शर्त को मानने के लिए डेवलपर्स किसी भी घर खरीदार को बाध्य नहीं कर सकता है।

9 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने होंगे पैसे

कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि समय रहते प्रोजेक्ट की डिलीवरी नहीं देने की हालत में बिल्डर को बगैर किसी लाग लपेट के होम बायर को पूरा पैसा लौटाना पड़ेगा। एक याचिका में सुनवाई के दौरान सर्वोच्च न्यायलय ने साफ कर दिया है कि अगर बिल्डर ने प्रोजेक्ट को समय से पूरा कर के डिलीवरी नहीं तो बिना किसी बहस के उसे घर खरीदार को पूरे पैसे वापस देने होंगे। सुप्रीम कोर्ट के मुताबिक ये पैसे 9 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने होंगे। यह सुनवाई गुरुग्राम के प्रोजेक्ट को लेकर की जा रही थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने ये अहम फैसला सुनाया है।

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बता दें कि देश की सबसे बड़ी अदालत में डेवलपर के द्वारा दायर की गई एक याचिका पर सुनवाई चल रही थी। डेवलपर ने सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग के आदेश के खिलाफ दायर की थी। राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग ने डेवलपर को आदेश दिया था कि प्रोजेक्ट में बहुत ज्यादा देरी होने और कंप्लीशन सर्टिफिकेट नहीं लेने की वजह से घर खरीदारों को उनका पूरा पैसा वापस करे।

इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि करार एकतरफा है साथ ही यह उपभोक्ता कनून, 1986 के तहत अनुचित व्यापार व्यवहार है और इस तरह की शर्त करार में डालना धारा 2(1)(आर) के खिलाफ है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि घर खरीदार रेरा के साथ-साथ उपभोक्ता अदालत का दरवाजा भी खटखटा सकता है।

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