राफेल के बाद अब मोदी सरकार पर लगा ये बड़ा आरोप, SC ने जारी किया नोटिस

सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र की मोदी सरकार पर राफेल के बाद एक और बड़ा आरोप लगाया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि सरकार ने देशभर में कच्चे लोहे की 358 खदानों की लीज का एक्सटेंशन बिना वैल्यूएशन किए कर दिया जिसकी वजह से 4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।

Dharmendra kumar
Published on: 8 May 2019 9:16 AM GMT
राफेल के बाद अब मोदी सरकार पर लगा ये बड़ा आरोप, SC ने जारी किया नोटिस
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नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर केंद्र की मोदी सरकार पर राफेल के बाद एक और बड़ा आरोप लगाया गया है। इस याचिका में कहा गया है कि सरकार ने देशभर में कच्चे लोहे की 358 खदानों की लीज का एक्सटेंशन बिना वैल्यूएशन किए कर दिया जिसकी वजह से 4 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। यानी जिस तरह से यूपीए की सरकार में 2 जी स्पेक्ट्रम घोटाले में 2.76 लाख करोड़ रुपए के नुकसान को घोटाला माना गया था, उसी तरह इसे भी घोटाला माना जाए।

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एसए बोबड़े की बेंच ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया और पूछा कि इन माइनिंग लीज को क्यों न रद्द किया जाए? इसके अलावा कोर्ट ने उड़ीसा, झारखंड, कर्नाटक और सीबीआई को नोटिस जारी किया है।

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यह याचिका सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट एमएल शर्मा ने दाखिल की है। इसमें कहा गया है कि केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों को बाध्य किया कि वे 288 खदानों की लीज का समय बढ़ा दें। इसके लिए साल 2015 में माइन्स एंड मिनरल्स एक्ट में संशोधन किया गया।

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उन्होंने याचिका में कहा है कि कच्चे लोहे समेत दूसरे अयस्कों की 358 खदानों की माइनिंग लीज की अवधि बढ़ाई गई। इसके लिए खदानों के मूल्य का आंकलन आज के समय के मुताबिक नहीं किया गया। खदानों को दोबारा आवंटित करने के लिए नीलामी प्रक्रिया को भी नहीं अपनाया गया। ज्यादातर खदानें उन्हीं कंपनियों को दे दी गईँ, जिनके पास पहले से वे खदानें थीं। इसके लिए केंद्र सरकार ने सिर्फ एक आदेश जारी किया।

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