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SC का बड़ा आदेश: आपस में बातचीत कर निकाले हल, कंपनियों को दी बड़ी राहत
54 दिनों के लॉकडाउन के दौरान कामगारों को पूरा वेतन देने के मामले में आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियोक्ता (कंपनी) और कर्मचारियों को आपस में बातचीत कर हल निकालने को कहा।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के चलते देश लॉकडाउन के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में कामगारों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। लॉकडाउन के चलते काम बंद होने की वजह से कर्मचारियों की सैलरी भी रोक ली गई है। ऐसे में 54 दिनों के लॉकडाउन के दौरान कामगारों को पूरा वेतन देने के मामले में आज यानी शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की।
कंपनी को कर्मचारी आपस में बातचीत कर निकाले हल
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नियोक्ता (कंपनी) और कर्मचारियों को आपस में बातचीत कर हल निकालने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि राज्य के श्रम विभाग इसमें मदद करेंगे और इस बीच पूरी सैलरी ना देने वाली कंपनियों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाएगी। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस संबंध में चार हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया है।
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जुलाई के आखिरी हफ्ते में होगी अगली सुनवाई
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने MSMEs सहित कई कंपनियों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाया, जिसमें कोरोना महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के 54 दिनों की अवधि के दौरान कर्मचारियों को पूर्ण वेतन और भुगतान करने के गृह मंत्रालय के आदेश को चुनौती दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से निजी नियोक्ताओं, कारखानों और उद्योगों को बड़ी राहत मिली है। अब इस मामले की अगली सुनवाई जुलाई के आखिरी हफ्ते में होगी।
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आदेश को सर्कुलेट करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र की
कोर्ट के फैसले के मुताबिक, कर्मचारियों और कंपनियों को 54 दिन के लॉकडाउन की मजदूरी के भुगतान के लिए बातचीत करनी होगी। कोर्ट के आदेश को सर्कुलेट करने की जिम्मेदारी राज्य और केंद्र सरकार को दी गई है।
नियोक्ताओं के खिलाफ ठोस कार्रवाई करने का निर्देश नहीं
जस्टिस भूषण ने कहा कि 'हमने नियोक्ताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। पहले के आदेश जारी रहेंगे। विस्तृत हलफनामा केंद्र द्वारा जुलाई के अंतिम सप्ताह में दाखिल किया जाना चाहिए। राज्य सरकार के श्रम विभागों के कर्मचारियों और नियोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए बातचीत की जाए।'
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