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पुरुषवादी सोच पर सुप्रीम कोर्ट सख्तः महिलाएं क्या पहनें, इस पर टिप्पणी से बचें जज

सर्वोच्च अदालत ने देश भर के सभी जजों को लैंगिक पूर्वाग्रह से बचने की नसीहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि जज महिलाओं के कपड़े और आचरण पर टिप्पणी करने से बचें।

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Published on: 19 March 2021 8:45 AM IST
पुरुषवादी सोच पर सुप्रीम कोर्ट सख्तः महिलाएं क्या पहनें, इस पर टिप्पणी से बचें जज
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नई दिल्ली: सर्वोच्च अदालत ने देश भर के सभी जजों को लैंगिक पूर्वाग्रह से बचने की नसीहत दी है। कोर्ट ने कहा है कि जज महिलाओं के कपड़े और आचरण पर टिप्पणी करने से बचें। साथ ही कोर्ट ने कहा कि जज सुनवाई के दौरान या अपने आदेशों में कोई भी ऐसी टिप्पणी न करें जो पूर्वाग्रह से ग्रस्त हो।

दरअसल, कोर्ट ने एक मामले में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के आदेश को निरस्त करते हुए यह बातें कही हैं। हाई कोर्ट ने यौन उत्पीड़न के एक आरोपी को ज़मानत देते समय शिकायतकर्ता महिला से राखी बंधवाने की शर्त रखी थी। सुप्रीम कोर्ट ने ऐसी शर्त को गलत करार दिया है। साथ ही इसे पीड़िता की तकलीफ बढ़ाने वाला बताते हुए रद्द कर दिया।

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जजों को सुप्रीम कोर्ट ने दी ये सलाह

सुप्रीम कोर्ट ने यौन अपराधों से जुड़े मामलों में महिलाओं के खिलाफ रुढ़िवादी रुख से बचने की सलाह दी है। साथ ही कहा है कि कोर्ट अपनी ओर से पीड़िता व आरोपी के बीच शादी, मेल-मिलाप या समझौता करने की शर्त और सुझाव आदि न दें। कोर्ट ने कहा कि अगर आरोपी की जमानत दी जाती है तो शिकायतकर्ता को इस बाबात फौरन जानकारी दी जानी चाहिए।

अदालत ने कहा कि जहां भी जमानत दी जाती है, शिकायतकर्ता को तुरंत सूचित किया जा जाए कि आरोपी को जमानत दे दी गई है। जमानत शर्तों में महिलाओं और समाज में उनके स्थान को लेकर रुढ़िवाद या पितृसत्तात्मक धारणाओं से परे हटकर निर्देश होने चाहिए। इतना ही नहीं कोर्ट ने नए जजों की ट्रेनिंग में जेंडर सेंसिटाइजेशन का विषय रखे जाने का निर्देश दिया है। साथ ही बार काउंसिल ऑफ इंडिया से भी कहा है कि वह एलएलबी की पढ़ाई में यौन अपराध और महिलाओं के प्रति संवेदनशीलता को भी शामिल करें।

ये है पूरा मामला

जानकारी के मुताबिक 20 अप्रैल 2020 को पड़ोस में रहने वाली महिला के घर में घुसकर छेड़छाड़ के आरोप में जेल में बंद विक्रम बागरी ने इंदौर में जमानत याचिका दायर की थी। 30 जुलाई को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट की इंदौर बेंच ने छेड़छाड़ के एक आरोपी को सशर्त जमानत दी थी।

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मध्य प्रदेश हाई कोर्ट हाईकोर्ट ने शर्त रखी थी कि आरोपी 3 अगस्त को रक्षाबंधन के दिन 11 बजे अपनी पत्नी को साथ लेकर पीड़िता के घर राखी और मिठाई लेकर जाएगा। इसके साथ आरोपी पीड़िता की रक्षा का वचन देकर भाई के रूप में परम्परा अनुसार उसे 11 हजार रुपये देगा और पीड़िता के बेटे को भी 5 हजार रुपये कपड़े और मिठाई के के लिए देगा।



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