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Supreme Court: RJD के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को SC ने सुनाई उम्रकैद की सजा, 1995 में किया था डबल मर्डर
Supreme Court: राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (1 सितंबर) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पूर्व सांसद को 1995 में हुए डबल मर्डर मामले में ये सजा दी गई है।
Supreme Court: राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार (1 सितंबर) को उम्रकैद की सजा सुनाई है। पूर्व सांसद को 1995 में हुए डबल मर्डर मामले में ये सजा दी गई है। बीते दिनों 18 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हे इस मामले में दोषी करार देते हुए फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन आज शुक्रवार को फैसला सुना दिया है।
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सुप्रीम कोर्ट ने 10-10 लाख देने का दिया आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने 1995 हत्या कांड में मारे गए दोनों लोगों के परिजनों को 10-10 लाख रूपए देने का आदेश दिया है। इसके अलावा इस घटना में जख्मी हुए एक युवक को भी पांच लाख रूपए की आर्थिक मदद देने का आदेश दिया है। प्रभुनाथ सिंह को इस मामले में पटना की एक कोर्ट ने साल 2008 में बरी कर दिया था। बाद में साल 2012 में पटना हाईकोर्ट ने भी इस फैसले को सही ठहराया था। पीड़ित के भाई ने इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में अपील की थी।
ये है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक बिहार में साल 1995 में विधानसा चुनाव के लिए मतदान हो रहा था। छपरा जिले के मशरख में राजेंद्र राय और दारोगा राय की पोलिंग बूथ के पास ही गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हत्या का आरोप पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह पर लगा था। आरोप था कि दोनों ने प्रभुनाथ सिंह कहे के अनुसार वोट नहीं दिया था, जिसके कारण दोनों की हत्या कर दी गई थी।
आपको बता दें कि 1995 का यह वही चुनाव था जिसमें अशोक सिंह ने प्रभुनाथ सिंह को हरा दिया था। इसके बाद प्रभुनाथ ने कहा था कि वह 90 दिनों के अंदर ही अशोक सिंह की हत्या कर देंगे। विधायक बनने के 90 वें दिन ही 3 जुलाई 1995 को अशोक सिंह की हत्या कर दी गई थी। प्रभुनाथ सिंह इसी हत्याकांड मामले में झारखंड के हजारीबाग केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं।
प्रभुनाथ सिंह का राजनीतिक सफर
प्रभुनाथ सिंह साल 1985 में पहली बार मशरख विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए थे। 1990 में उन्होने इसी विधानसभा से राष्ट्रीय जनता दल के बैनर तले चुनाव लड़ा था और विधायक बन गए थे। उन्होने 1988, 1999, 2004 व 2013 में महाराजगंज से लोकसभा का चुनाव जीता था। 1995 में विधायक अशोक सिंह की हत्या के बाद हुए उपचुनाव में अशोक के भाई तारकेश्वर सिंह जीते।