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Delhi News: रैपिड रेल में लगा दो इनके विज्ञापन का पैसा, सुप्रीम कोर्ट की केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार, एक हफ्ते का दिया समय
Delhi News: केजरीवाल सरकार के रवैए पर नाराजगी जताते हुए शीर्ष अदालत ने यहां तक कहा कि इनके विज्ञापन बजट का पैसा प्रोजेक्ट में लगा दिया जाए।
Delhi News: दिल्ली में सत्तारूढ़ केजरीवाल सरकार को एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट से करारा झटका लगा है। रैपिड रेल सेवा के लिए बजट न दिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। केजरीवाल सरकार के रवैए पर नाराजगी जताते हुए शीर्ष अदालत ने यहां तक कहा कि इनके विज्ञापन बजट का पैसा प्रोजेक्ट में लगा दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने इस बाबत फैसला लेने के लिए केजरीवाल सरकार को एक सप्ताह का समय दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने जुलाई में दिया था निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने गत जुलाई महीने के दौरान भी रीजनल रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आरआरटीएस) के लिए पैसा न देने पर केजरीवाल सरकार को फटकार लगाई थी। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने केजरीवाल सरकार को 2 महीने के भीतर 415 करोड़ रुपए देने का निर्देश दिया था।
शीर्ष अदालत की पीठ ने उस समय कहा था कि आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व वाली सरकार पिछले तीन वर्षों में विज्ञापनों पर 1,000 करोड़ रुपये खर्च कर सकती है तो निश्चित तौर पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को भी वित्त पोषित किया जा सकता है।
आदेश का पालन न होने पर सख्त रवैया
अब यह मामला फिर अदालत के सामने आने पर सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल सरकार के रवैए पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि दिल्ली सरकार की ओर से अदालत के आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया? अदालत ने चेतावनी भरे अंदाज में कहा कि हम दिल्ली सरकार के विज्ञापन बजट पर स्टे लगा देंगे। विज्ञापन बजट का पैसा अटैच करने के साथ ही रैपिड रेल सेवा में लगा देंगे।
शीर्ष अदालत की ओर से जुलाई में दिए गए निर्देश के बावजूद अभी तक केजरीवाल सरकार के लिए आरआरटीएस के लिए बजट नहीं मुहैया कराया गया है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस सुधांशु धूलिया की पीठ ने निर्देश दिया कि केजरीवाल सरकार के विज्ञापन बजट को रैपिड रेल सेवा प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर कर दिया जाए।
हालांकि इस आदेश के अनुपालन के लिए केजरीवाल सरकार को एक सप्ताह की मोहलत दी गई है। यदि इस अवधि के दौरान केजरीवाल सरकार की ओर से इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो यह आदेश लागू हो जाएगा। शीर्ष अदालत के इस रवैए से केजरीवाल सरकार को करारा झटका लगा है।
केजरीवाल सरकार को एक हफ्ते का समय
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट के प्रभावित होने को गंभीर मामला माना। शीर्ष अदालत का कहना था कि यदि इस तरह का प्रोजेक्ट प्रभावित होता है और विज्ञापनों पर पैसा खर्च किया जाता है तो हम पैसा इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े प्रोजेक्ट के लिए ट्रांसफर करने के लिए कह सकते हैं।
वरिष्ठ वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने दिल्ली सरकार का पक्ष रखते हुए अदालत से एक हफ्ते का समय देने का अनुरोध किया। इस अनुरोध पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा यदि एक हफ्ते के भीतर इस दिशा में कदम नहीं उठाया गया तो अदालत का आदेश अपने आप लागू हो जाएगा।
भाजपा भी इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार को घेरती रही है। भाजपा का कहना है कि दिल्ली के लोगों की समस्याओं के प्रति केजरीवाल सरकार गंभीर नहीं है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट को सख्त रवैया दिखाना पड़ रहा है।