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Maharashtra : अजित पवार की नाराजगी पर सुप्रिया सुले ने तोड़ी चुप्पी, दरकिनार किए जाने से इनकार,बोलीं-बन सकते हैं अगले CM
Maharashtra Politics: पार्टी की नई कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान दिया। अजित पवार को लेकर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने मीडिया में चल रही चर्चाओं को अफवाह बताते हुए इसका खंडन किया।
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की सियासत में इन दिनों एनसीपी नेता अजित पवार की नाराजगी की खूब चर्चा हो रही है। एनसीपी मुखिया शरद पवार की ओर से अपनी बेटी सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने के बाद अजित पवार की नाराज होने की बात कही जा रही है। इस बीच पार्टी की नई कार्यकारी अध्यक्ष सुप्रिया सुले ने बड़ा बयान दिया। अजित पवार को लेकर पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुए उन्होंने मीडिया में चल रही चर्चाओं को अफवाह बताते हुए इसका खंडन किया।
उन्होंने कहा कि यह कहना गलत होगा कि अजित पवार को दरकिनार किया गया है। सुले ने कहा कि महाराष्ट्र की सियासत में पवार बड़ी भूमिका निभा रहे हैं। वे मौजूदा समय में विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं और महाविकास अघाड़ी गठबंधन को सबसे अधिक सीट मिलने की स्थिति में वे राज्य के अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
अजित पवार की नाराजगी की खबरों को किया खारिज
अजित पवार की नाराजगी की चर्चाओं के बीच सुप्रिया सुले ने कहा कि कौन कहता है कि अजित पवार खुश नहीं है। क्या किसी ने उनसे प्रतिक्रिया ली है? उन्होंने कहा कि मीडिया में चल रही अजित पवार की नाराजगी की खबरें पूरी तरह गॉसिप हैं। सुले ने कहा कि मौजूदा समय में वे विधानसभा में विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहे हैं जो कि मुख्यमंत्री के पद के बराबर महत्वपूर्ण पद है। एनसीपी की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा कि अगर विधानसभा चुनाव के दौरान महाविकास अघाड़ी गठबंधन में उनकी पार्टी को सबसे अधिक सीटें मिली तो दादा अजित पवार अगले मुख्यमंत्री हो सकते हैं।
सुप्रिया सुले की ओर से दिए गए इस बयान को बड़ा संकेत माना जा रहा है। जानकारों के मुताबिक आने वाले दिनों में भी महाराष्ट्र की सियासत में अजित पवार प्रमुख भूमिका निभाएंगे। एनसीपी नेतृत्व अजित पवार की अनदेखी किए जाने के मूड में नहीं दिख रहा है। इसी कारण उन्हें आगे भी महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने की बात कही जा रही है।
अजित पवार भी बोले-मैं नाराज नहीं
इस बीच अजित पवार ने भी अपनी नाराजगी की खबरों को गलत बताया है। उन्होंने कहा कि कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में मेरी नाराजगी की बात कही गई है। कहा जा रहा है कि पार्टी में कोई पद न दिए जाने के कारण मैं नाराज हूं जबकि इन खबरों में कोई सच्चाई नहीं है। उन्होंने पार्टी का नेतृत्व को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया।
उन्होंने कहा कि शरद पवार के इस्तीफे के बाद जब पार्टी में कोर कमेटी बनाई गई थी तो कोर कमेटी को दो फैसले लेने थे। पहला शरद पवार को इस्तीफा वापस लेने के लिए तैयार करना और दूसरा कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में सुप्रिया सुले की नियुक्ति।
उन्होंने सुप्रिया सुले को कार्यकारी अध्यक्ष बनाए जाने से खुद के नाराज होने की बात को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह सच है कि पार्टी में मुझे कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई है । मगर मैं विपक्ष के नेता की भूमिका निभा रहा हूं और यह कम बड़ी जिम्मेदारी नहीं है।
भाजपा से नजदीकी पड़ी महंगी
दूसरी ओर एनसीपी के एक नेता का कहना है कि भाजपा से बढ़ती नजदीकी के कारण अजित पवार के पंख काट दिए गए हैं। नाम न छापने की शर्त पर इस नेता ने कहा कि भाजपा हमेशा अजित पवार को तोड़ने की कोशिश में जुटी रहती है। वैसे एनसीपी को तोड़ना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इसी कारण शरद पवार ने सुप्रिया सुले और प्रफुल्ल पटेल को कार्यकारी अध्यक्ष बनाने का फैसला किया है।
इसके साथ ही अजित पवार को यह भी साफ कर दिया गया है कि यदि वे भविष्य में पार्टी और नेतृत्व के प्रति वफादार बने रहेंगे तो एमवीए गठबंधन में एनसीपी के सबसे ज्यादा सीट जीतने की स्थिति में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जा सकता है। एनसीपी नेता के इस बयान से साफ हो गया है कि शरद पवार ने बड़ी सोची समझी रणनीति के तहत सुले और प्रफुल्ल पटेल को बड़ी जिम्मेदारी सौंपी है।