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दूर हुआ रोजी-रोटी का संकट, इस कार निर्माता कम्पनी ने 60 दिन बाद शुरू किया काम

लॉकडाउन के बीच अब जन-जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। ऑटो सेक्टर से खबर है कि सुजुकी मोटर ने गुजरात में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते दो महीने से अधिक समय तक प्लांट बंद रखने के बाद उसे फिर से खोल दिया है और गाड़ियों का  विनिर्माण शुरू कर दिया है।

Aditya Mishra
Published on: 25 May 2020 8:21 AM GMT
दूर हुआ रोजी-रोटी का संकट, इस कार निर्माता कम्पनी ने 60 दिन बाद शुरू किया काम
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अहमदाबाद: लॉकडाउन के बीच अब जन-जीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। ऑटो सेक्टर से खबर है कि सुजुकी मोटर ने गुजरात में कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते दो महीने से अधिक समय तक प्लांट बंद रखने के बाद उसे फिर से खोल दिया है और गाड़ियों का विनिर्माण शुरू कर दिया है।

सोमवार को कम्पनी की तरफ से एक बयान जारी कर इस बात की जानकारी दी गई। बता दें कि सुजुकी मोटर गुजरात (एसएमजी) एमएसआई के लिए ठेके पर कारों का उत्पादन करती है। 25 मई से वाहनों का विनिर्माण फिर से शुरू करने के बारें में जानकारी कंपनी की तरफ से एसएमजी को दे दी गई है।

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एसएमजी ने कोरोना वायरस और लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए 23 मार्च को हंसलपुर (गुजरात) प्लांट में मैन्युफैक्चरिंग रोक दिया था। अब जबकि सरकार ने लॉकडाउन में थोड़ी रियायत दी है।

एमएसआई पहले ही मानेसर और गुरुग्राम में अपने दो प्लांट्स में उत्पादन शुरू कर चुकी है। कंपनी ने शेयर बाजार को अवगत कराया है कि वह कड़ाई से सभी सरकारी नियमों और गाइड लाइंस का पालन करेगी।

भारत में कोरोना वायरस के एक लाख से अधिक मरीज

कोरोना के 1 लाख 31 हजार के पार कंफर्म केस आ चुके हैं। एक दिन में 6,767 नए केस सामने आए हैं. कोविड-19 से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3,867 हो गई है। देश में कोरोना के 73560 एक्टिव केस हैं, जबकि कोविड-19 संक्रमण से ठीक हो चुके मरीजों की संख्या 54,441 है।

बंगाल- आंध्रा छोड़ पूरे देश में विमान सेवा शुरू

लॉकडाउन के चौथे चरण में 25 मई से घरेलू उड़ान सेवा को भी फिर से शुरू कर दिया गया, लेकिन अभी भी आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल में हवाई सेवा की शुरुआत नहीं होने वाली है।

कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, बिहार, पंजाब, असम, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश, गोवा और जम्मू-कश्मीर उन कुछ राज्यों में से हैं, जिन्होंने उनके राज्य के हवाई अड्डों पर उतरने वाले यात्रियों के लिए अलग-अलग पृथक-वास के नियम तय किए हैं।

कुछ राज्यों ने जहां यात्रियों को अनिवार्य संस्थागत पृथक-वास केन्द्रों में रखने का फैसला लिया है, वहीं कई अन्य ने उन्हें घर और पृथक-वास केन्द्रों में रखने की बात कही है।

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Aditya Mishra

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