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जालिम मुखिया: जिसका नाम सुनते ही खड़े हो जाते थे पुलिसवालों के कान, जुर्म था पेशा
पूरी दुनिया इस समय कोरोना से जंग लड़ रही है। भारत, अमेरिका समेत दुनिया के कई मुल्क जब कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के काम में दिन-रात जुटे हुए हैं। वहीं इससे इतर पाकिस्तान ऐसे समय में भी अपनी भारत विरोधी मानसकिता से उबर नहीं पा रहा है।
नई दिल्ली: पूरी दुनिया इस समय कोरोना से जंग लड़ रही है। भारत, अमेरिका समेत दुनिया के कई मुल्क जब कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने के काम में दिन-रात जुटे हुए हैं।
वहीं इससे इतर पाकिस्तान ऐसे समय में भी अपनी भारत विरोधी मानसकिता से उबर नहीं पा रहा है। इस्लामाबाद में बैठकर इमरान खान और उसके मंत्री भारत के खिलाफ साजिशें रच रहे हैं। वे नेपाल के रास्ते भारत में कोरोना संक्रमितों की घुसपैठ करना चाहते हैं।
ऐसी ही एक बड़ी साजिश का खुलासा नेपाल से गिरफ्तार किये गये जालिम मुखिया नाम के शख्स से शुरूआती पूछताछ में हुआ है। तो आइये जानते हैं कौन है जालिम मुखिया और क्या है इसका पाकिस्तान से कनेक्शन:-
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कौन है जालिम मुखिया
प्राप्त जानकारी के मुताबिक जालिम मुखिया को लोग जालिम मियां के नाम से भी जानते हैं। जालीम मुखिया हथियार तस्करी के आलावा नोटों की स्मगलिंग का काम भी करता है। इस काम के लिए वह नेपाल बॉर्डर का इस्तेमाल करता है।
वह नेपाल के जिला पारसा के सेरवा थाना अंतर्गत जग्रनाथपुर गांव का रहने वाला है। अभी तक जो शुरूआती जानकारी निकलकर सामने आई है उसके मुताबिक वह परसा जिले के जगन्नाथपुर का मेयर भी है। जालिम मुखिया नेपाल कम्यूनिस्ट पार्टी का सक्रिय सदस्य बताया जाता है। वह माओवादी ग्रुप का भी सदस्य भी रह चुका है। पिछली बार हुए नेपाल के चुनाव में उसकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी।
जालीम मुखिया खुद तो भले ही राजनीति में है, लेकिन अब भी अपने लोगों से नकली नोट और हथिरायों की तस्करी करवाता है। सूत्रों का कहना है कि जालीम मुखिया का नेपाल के एक मंत्री से भी गहरे रिश्ते हैं, जिसकी शह पर वह भारत विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।
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क्या है आरोप
बता दें कि दिल्ली के निजामुद्दीन स्थित जमात के मरकज से निकलने के बाद कई लोग नेपाल भी चले गए थे, लॉकडाउन के बाद वह नेपाल में फंसे रह गए ,जालिम उन्हें बॉर्डर पार कराने की फिराक में था यदि ऐसा होता है तो कोरोना वायरस का प्रसार और तेज हो सकता था, इस खुलासे के बाद नेपाल सरकार भी अलर्ट हो गई थी।
जिसके बाद उसे खोजने का काम तेज कर दिया गया था और अब जाकर उसे अरेस्ट किया गया है। सूत्र बताते हैं कि उसका कनेक्शन पाकिस्तान में बैठे आकाओं से भी है। उनके इशारे पर ही वह भारत विरोधी मंसूबों को अंजाम देने में जुटा हुआ था।
सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने पाकिस्तान के नापाक मंसूबों के खिलाफ बिहार प्रशासन को पहले ही अलर्ट कर दिया था। एसएसबी ने पश्चिमी चंपारण जिले के जिलाधिकारी और बेतिया के पुलिस अधीक्षक (एसपी) को पत्र लिखकर सूचित किया था कि भारत में कोरोना वायरस की महामारी फैलाने के लिए साजिश रची जा रही है। पत्र में नेपाल के बॉर्डर के जरिए कोरोना के मुस्लिम मरीजों की घुसपैठ बिहार में कराई जाने की आशंका जताई गई थी।
पत्र में कहा गया था कि नेपाल में मौजूद 40 से 50 भारतीय मुस्लिमों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव है। इन्हें बिहार के जरिए भारत में भेजे जाने की साजिश है। यह भी कहा गया था कि कोविड-19 से संक्रमित करीब 10 से 15 पाकिस्तानी नागरिक नेपाल में मौजूद हैं और वे भारत में दाखिल होने की फिराक में हैं। इन पाकिस्तानी नागरिकों को भारत में महामारी फैलाने का काम सौंपा गया है।
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