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Land For Job Scam: तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी ने दर्ज किया एक और मामला, अलग से होगी इसमें पूछताछ

Land For Job Scam: मंगलवार को ईडी ने डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दिल्ली स्थित अपने दफ्तर में पूछताछ की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज कर लिया गया है।

Krishna Chaudhary
Published on: 12 April 2023 4:04 PM IST
Land For Job Scam: तेजस्वी यादव की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी ने दर्ज किया एक और मामला, अलग से होगी इसमें पूछताछ
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तेजस्वी यादव (photo: social media )

Land For Job Scam: लैंड फॉर जॉब स्कैम यानी नौकरी के बदले जमीन घोटाले में लालू परिवार पर केंद्रीय एजेंसियों का शिकंजा कसता जा रहा है। सीबीआई के साथ-साथ प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले की जांच कर रही है। इस घोटाले में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के सियासी उत्तराधिकारी और बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव भी फंसे हुए हैं। मंगलवार को ईडी ने उनसे दिल्ली स्थित अपने दफ्तर में पूछताछ की थी। जिसके बाद उनके खिलाफ एक नया मामला दर्ज कर लिया गया है।

ईडी सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जांच एजेंसी ने तेजस्वी के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग के तहत केस दर्ज किया है। अब जांच एजेंसी इस मामले में अलग से उनसे पूछताछ करेगी। ईडी दफ्तर से निकलने के बाद बिहार के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि वह केंद्र हर एजेंसी से पूछताछ में सहयोग कर रहे हैं। मगर हकीकत ये है कि इस प्रकरण में कई स्कैम हुआ ही नहीं है। दरअसल, ईडी से पहले 26 मार्च को सीबीआई भी तेजस्वी प्रसाद से पूछताछ कर चुकी है।

क्यों घिरे हैं तेजस्वी यादव ?

लैंड फॉर जॉब स्कैम में तेजस्वी यादव लालू परिवार के चौथे शख्स हैं, जो जांच एजेंसियों के रडार पर हैं। तेजस्वी के पास मौजूद संपत्ति को लेकर बिहार में विपक्षी नेता सवाल उठाते रहे हैं। पूर्व डिप्टी सीएम और बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी स्थित तेजस्वी यादव के उस बेनामी बंगले के बारे में गंभीर सवाल खड़े कर चुके हैं। जिसकी कीमत करीब 150 करोड़ रूपये है, मगर उसे महज 4 लाख रूपये में खरीदा गया है। इसी तरह एके इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड और एबी एक्सपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड जैसी कंपनियों से उनके क्या संबंध हैं, इस पर भी सवाल होते रहे हैं।

क्या है लैंड फॉर जॉब स्कैम ?

लैंड फॉर जॉब स्कैम 14 साल पुराना मामला है, जब बिहार के पूर्व सीएम और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव यूपीए 1 के दौरान रेल मंत्री हुआ करते थे। यादव पर आरोप है कि उन्होंने जमीन के बदले रेलवे में लोगों को नौकरियां दिलवाईं। उनके आदेश पर सात लोगों को रेलवे के विभिन्न जोनों में बिना किसी विज्ञापन भर्ती या पब्लिक नोटिस के नियुक्ति की गई। आरोप है कि इनमें से 5 उम्मीदवारों ने बाजार दर से बेहद कम कीमत पर अपनी महंगी जमीन लालू परिवार को नकद बेच दी, जबकि अन्य दो ने बतौर उपहार अपनी जमीन दे दी।

सीबीआई के मुताबिक, यह पूरा खेल 2004 से 2009 के बीच का है। जांच एजेंसी ने इस मामले में तत्कालीन रेलवे मंत्री लालू प्रसाद यादव, उनकी पत्नी और पूर्व सीएम राबड़ी देवी, राज्यसभा सांसद मीसा भारती, सेंट्रल रेलवे की पूर्व मैनेजर सौम्य राघवन, रेलवे के पूर्व सीपीओ कमल दीप मैनरई साथ ही 7 उम्मीदवारों के अलावा 4 अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया है। दिलचस्प बात ये है कि इस घोटाले की पहली शिकायत बिहार में राजद के साथ सरकार चला रही जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और अन्य नेताओं ने 2008 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से की थी।



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Krishna Chaudhary

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