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महापैकेज से आंतकियों को फायदा, सामने आईं चौकाने वाली रिपोर्ट

कंपनी द्वारा जारी इस रिपोर्ट के जरिए ये चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी और अपराधी देश की इस आर्थिक गिरावट का इस्तेमाल नया पैसा बनाने या फिर अपने आतंकी ठिकानों को और मजबूत करने के लिए कर सकते हैं।

Vidushi Mishra
Published on: 13 May 2020 8:33 AM GMT
महापैकेज से आंतकियों को फायदा, सामने आईं चौकाने वाली रिपोर्ट
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नई दिल्ली: ग्लोबल मनी लॉन्ड्रिंग की देख-रेख करने वाली बड़ी कंपनी फाइनेंस कार्यवाही कार्यदल ने ये दावा पेश किया है कि भिन्न-भिन्न देशों ने आर्थिक प्रभाव को कम करने के लिए जो राहत पैकेज का ऐलान किया है उससे आंतकवादियों और अपराधियों को फायदा हो सकता है। कंपनी के इस दावे से कई तरह की बाते सामने निकल कर आ रही हैं।

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आतंकी ठिकानों को और मजबूत

कंपनी द्वारा जारी इस रिपोर्ट के जरिए ये चेतावनी दी गई है कि आतंकवादी और अपराधी देश की इस आर्थिक गिरावट का इस्तेमाल नया पैसा बनाने या फिर अपने आतंकी ठिकानों को और मजबूत करने के लिए कर सकते हैं।

साथ सिलसिले में एफएटीएफ ने रिपोर्ट में बताया कि आर्थिक गिरावट में आतंकवादी या तो रियल एस्टेट में निवेश करता है या खराब पड़े व्यापारों में पैसा डालता है।

जारी इस रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्तीय बोझ को कम करने में कंपनी और व्यक्ति को जो आर्थिक परेशानियां सामने आ रही हैं उससे टैक्स कपट और संबंधित अपराधों की संख्या बढ़ सकती है।

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निगरानी कर पाना मुश्किल

वहीं कुछ देश बैंकनोट की निकासी पर भी सोच-विचार कर रहे हैं लेकिन ऐसे में एफएटीएफ का कहना है कि बैंकनोट से गोल्ड जैसी सुरक्षित संपत्ति को खरीदी जा सकती है जिस पर निगरानी कर पाना मुश्किल है।

आगे इस रिपोर्ट के अनुसार, कुछ देश ने अनुदान घोटाले में बढ़ोतरी होने की भी आशंका जताई जा रही है। यहां आतंकवादी अंतर्राष्ट्रीय संस्थान और धर्मार्थ संगठन के तौर पर कोविड-19 के लिए दान की अपील करते हुए ई-मेल कर सकते हैं।

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मॉनिटरी पेनल्टी न लगाने का ऐलान

कंपनी की अपनी इस रिपोर्ट के अनुसार, कुछ देशों ने उल्लंघन करने वालों पर मॉनिटरी पेनल्टी न लगाने का ऐलान किया है। लेकिन कुछ फाइनेंशियल इंटेलिजेंस ईकाई ने या तो अपने संचालन में बिल्कुल कमी कर दी है या फिर पूरी तरह से बंद कर दिया हैं।

इस सब पर नजर रखते हुए एफएटीएफ का कहना है कि कोरोना वायरस की वजह से कानून प्रवर्तन और सिक्योरिटी फोर्सेस ज्यादा खतरे में है।

एक तरफ जहां दुनिया के सारे बैंक एक बैंक एंटी मनी लॉन्ड्रिंग का पालन करने की कोशिश कर रहे हैं तो वहीं कुछ देशों ने माना है कि नॉन बैंकिंग प्रक्रियाओं जैसे ऑनलाइन गेमलिंग, इंश्योरेंस सेक्टर और कीमती मेटल्स और स्टोन में बढ़ोतरी हुई है।

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Vidushi Mishra

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