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कम नहीं हो रहीं राहुल गांधी की मुश्किलें, शिकायतकर्ता ने कहा- अब वे सांसद नहीं, कोर्ट में हो सकते हैं पेश
Rahul Gandhi: राहुल ने अपने भाषण में महात्मा गांधी की हत्या का आरोप आरएसएस पर लगाया था, कुंटे ने भिवंडी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शिकायत की थी और कहा था कि गांधी के इस बयान से आरएसएस की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है।
Rahul Gandhi: राहुल गांधी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। एक से राहत मिलती नहीं तो वहीं दूसरी मुश्किलें शुरू हो जाती है। अभी सूरत कोर्ट ने उन्हें दो साल की सजा सुनाई है जिससे उनकी सांसद सदस्यता चली गई तो वहीं अब आरएसएस कार्यकर्ता ने शुक्रवार को ठाणे कोर्ट को सूचित किया कि जिस तरह गुजरात की कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया है, वैसा ही एक मामला ठाणे की अदालत में भी है। चूंकि अब वे सांसद नहीं हैं तो उन्हें मिली स्थाई छूट रद्द की जाए, इसलिए अब वह मानहानि मामले में अदालत में पेश हो सकते हैं।
यह है पूरा मामला-
2014 में राहुल गांधी के एक भाषण के खिलाफ शिकायतकर्ता और आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने शिकायत दर्ज कराई थी। राहुल गांधी ने अपने भाषण में महात्मा गांधी की हत्या का आरोप आरएसएस पर लगाया था, जिसके बाद कुंटे ने भिवंडी मजिस्ट्रेट की कोर्ट में शिकायत की थी। इस पर कुंटे ने कहा था कि राहुल गांधी के इस बयान से आरएसएस की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंची है। इस मामले में राहुल गांधी 2018 में अदालत में पेश हुए थे। इस दौरान उन्होंने खुद को निर्दोष साबित किया था।
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राहुल ने स्थाई छूट की मांग की थी-
राहुल गांधी ने पिछले साल कोर्ट में पेश होने से स्थाई छूट की मांग की थी। आवेदन में राहुल गांधी ने कहा था कि मैं एक सांसद हूं। मुझे अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करना पड़ता है। पार्टी के भी काम होते हैं, जिनमें शामिल होना पड़ता है। कई यात्राएं करनी पड़ती हैं। इस कारण से मुझे अदालत में पेश होने से स्थाई छूट दी जाए।
मांग निरस्त करने की मांग
दो दिन पहले, कुंटे ने राहुल गांधी के आवेदन का विरोध करते हुए, एक लिखित सूचना कोर्ट में जमा की, जिसमें कहा गया था कि मानहानि मामले में सूरत की एक कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराया था। इसके बाद कांग्रेस नेता अयोग्य घोषित कर दिए गए हैं। इसलिए अब स्थायी छूट की मांग करने वाला उनका आवेदन निरस्त किया जाए। राहुल गांधी के वकील नारायण अय्यर ने कहा कि कोर्ट ने इस पर संज्ञान लिया और स्थायी छूट के आवेदन पर आदेश को एक अप्रैल तक स्थगित कर दिया है।
इस मामले में हो चुके हैं अयोग्य-
गुजरात के सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल गांधी को 2019 में उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि मामले में दो साल की जेल की सजा सुनाई थी, जो उनके ‘‘सभी चोरों का मोदी उपनाम क्यों है‘‘ टिप्पणी पर दर्ज किया गया था। लेकिन कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी और सजा को 30 दिनों के लिए निलंबित कर दिया, ताकि हाई कोर्ट में अपील करने की अनुमति मिल सके। अगले दिन, गांधी को लोकसभा के सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया। अब इस मामले में भी राहुल गांधी की मुश्किलें बढ़ सकती हैं।