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चीन की वादाखिलाफी से मामला उलझा, तल्ख माहौल में भारत का ड्रैगन को साफ संदेश

चीन की लगातार पैंतरेबाजी के कारण लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुआ विवाद सुलझने के बजाय और उलझता ही जा रहा है।

Roshni Khan
Published on: 19 Jun 2020 5:02 AM GMT
चीन की वादाखिलाफी से मामला उलझा, तल्ख माहौल में भारत का ड्रैगन को साफ संदेश
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नई दिल्ली: चीन की लगातार पैंतरेबाजी के कारण लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शुरू हुआ विवाद सुलझने के बजाय और उलझता ही जा रहा है। चीन की लगातार वादाखिलाफी के कारण सैन्य व कूटनीतिक स्तर पर बातचीत के दरवाजे खुले होने के बावजूद दोनों देशों के बीच तल्खी काफी बढ़ गई है। लद्दाख की गलवान घाटी में 15 जून की रात हुई हिंसक झड़प के बाद सैन्य कमांडर स्तर पर हुई बातचीत का भी अभी अब तक कोई नतीजा नहीं निकल सका है। इस बीच भारत की ओर से चीन को स्पष्ट संदेश दिया गया है कि वह चीन की किसी भी चालबाजी को कामयाब नहीं होने देगा। भारत अब इस मामले में काफी फूंक-फूंक कर कदम आगे बढ़ा रहा है।

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चीन खेल रहा माइंड गेम

भारत की ओर से चीन को आर्थिक मोर्चे पर भी गहरी चोट पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। बीएसएनएल और एमटीएनएल को चीनी उपकरणों का कम से कम इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। भारतीय रेलवे की ओर से चीनी कंपनी से किया गया 471 करोड़ का करार रद्द किया जा चुका है। जानकार सूत्रों का कहना है कि आर्थिक मोर्चे पर इन कदमों से सरकार ने चीन पर कूटनीतिक दबाव बढ़ा दिया है।

सूत्रों के मुताबिक लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय सैन्य कर्मियों के साथ धोखेबाजी करने के बावजूद चीन माइंड गेम खेल रहा है। चीन की ओर से भारत को गलत साबित करने की लगातार कोशिश की जा रही है जबकि भारतीय सैनिकों पर छल से हमले की शुरुआत चीन की ओर से ही की गई थी।

चीन की दोहरी चाल

जानकार सूत्रों का कहना है कि चीन इस मामले में दोहरा खेल खेलने में लगा हुआ है। एक ओर तो वह भारतीय पक्ष से बातचीत का दिखावा कर रहा है तो दूसरी ओर भारत के खिलाफ खतरनाक साजिश रचने में भी जुटा हुआ है। गलवान की घटना के बाद चीन की भाषा लगातार भड़काऊ बनी हुई है और वह भारत को ही दोषी ठहराने की कोशिश में जुटा हुआ है।

चीन के दावे से मामला उलझा

सूत्रों का कहना कि बुधवार को दोनों पक्षों की बातचीत में इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों देश आगे कोई ऐसा कदम नहीं उठाएंगे जिससे दोनों देशों के बीच विवाद बढ़े, लेकिन उसके बाद ही चीन की ओर से पूरी गलवान घाटी पर दावा जता दिया गया। चीन के विदेश मंत्रालय ने पूरी गलवान घाटी को अपना हिस्सा बताते हुए भारत पर ही नियमों के उल्लंघन का आरोप मढ़ दिया। चीन की पैंतरेबाजी के कारण दोनों पक्षों के बीच कूटनीतिक तल्खी लगातार बढ़ती जा रही है। भारत ने बीजिंग के दावे को तुरंत ठुकराते हुए कहा कि देश की संप्रभुता और अखंडता से कोई समझौता नहीं किया जा सकता।

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भारत पर उल्टा दोषारोपण

चीन ने गुरुवार को भारत पर वास्तविक नियंत्रण रेखा के अतिक्रमण का आरोप लगाया। चीन ने कहा कि भारतीय सैनिक नियमों का उल्लंघन करते हुए चीन के इलाके में घुस आए। चीन की ओर से चेतावनी भरे लहजे में कहा गया कि भारत को मौजूदा स्थितियों का गलत आकलन नहीं करना चाहिए और चीन की क्षेत्रीय संप्रभुता की रक्षा करने की इच्छाशक्ति को कम नहीं आंकना चाहिए।

चीन के इन बयानों से समझा जा सकता है कि वह बातचीत का नाटक जरूर कर रहा है मगर अपनी चालबाजी से भी बाज नहीं आ रहा है। चीनी सरकार के मुख्य पत्र ग्लोबल टाइम्स में भी लगातार भारत विरोधी भड़काने वाली चीजें प्रकाशित की जा रही है। इसी कारण भारत की ओर से भी जवाबी तैयारी करते हुए को हर मुद्दे पर चीन को मुंहतोड़ जवाब देने की कोशिश की जा रही है।

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