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बेसिक शिक्षकों की ऑनलाइन ट्रेनिंग का खाका तैयार, जानिए कब से होगी शुरू
यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के स्टूडेंट एसेसमेंट टेस्ट (एसएटी) के रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों तक पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही...
मनीष श्रीवास्तव
लखनऊ: यूपी के बेसिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. सतीश चन्द्र द्विवेदी ने परिषदीय विद्यालयों के विद्यार्थियों के स्टूडेंट एसेसमेंट टेस्ट (एसएटी) के रिपोर्ट कार्ड अभिभावकों तक पहुंचाने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने विद्यालयों में मूलभूत अवस्थापना सुविधाओं को सुनिश्चित करने के लिए ऑपरेशन कायाकल्प के अन्तर्गत समस्त मानकों से संतृप्त विद्यालयों के कार्य पूर्णता यथाशीघ्र कराने के निर्देश अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि विभागीय योजनाओं का क्रियान्वयन सही ढंग से किया जाये। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता एवं लापरवाही नहीं की जाए।
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बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री ने कही ये बात...
समग्र शिक्षा की विभागीय समीक्षा बैठक में गुरुवार को डॉ. द्विवेदी ने ई-पाठशाला से बच्चों तक शिक्षा के तहत दूरदर्शन, आकाशवाणी, व्हाट्सएप, यूट्यूब से किये जा रहे कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और इसके प्रचार-प्रसार पर बल दिया। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि माह मार्च से शुरू हुए देशव्यापी तालाबंदी (लाॅकडाउन) के दौरान विभाग ने स्कूलों को फिर से खोलने से पहले शिक्षण-अधिगम संसाधनों को तैयार करने और मजबूत शैक्षणिक आधार तैयार करने के उद्देश्य से विभाग ने अपनी सशक्त अकादमिक टीमों को लगा दिया है।
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शिक्षकों के लिए सहायक होंगी ये योजनाएं
राज्य परियोजना कार्यालय (एसपीओ) समग्र शिक्षा अभियान, उत्तर प्रदेश और स्टेट काउंसिल ऑफ एजूकेशन रिसर्च एण्ड ट्रेनिंग (एससीईआरटी, उप्र) के मार्गदर्शन में 225 स्टेट रिसोर्स समूह के सदस्यों (एसआरजी, 3 प्रति जिला) और लगभग 2250 अकादमिक रिसोर्स पर्सन्स (एआरपी, 5 प्रति ब्लाॅक स्तरीय टीम) ने सभी शिक्षकों के सहज अध्यापन और कक्षा-कक्ष शिक्षण की सुगमता के लिए 20,000 से अधिक शिक्षण योजनाएं तैयार की हैं। यह शिक्षण योजनाएं कक्षा 1 से 5 तक के सभी 289 अध्यायों को समाहित किए हुए हैं, जिसमें हिंदी, गणित, पर्यावरणीय अध्ययन तथा अंग्रेजी की पाठ्य सामग्री शामिल है। यह शिक्षण योजनाएं शिक्षकों को कक्षा शिक्षण की तैयारी में सहायक होगी।
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इसके साथ ही शिक्षण के दौरान होने वाली गतिविधियों यथा-अनुकरण वाचन शैक्षणिक गतिविधियों का निर्माण, समूह कार्य, पुनरावृत्ति और आकलन आदि में 40 मिनट को व्यवस्थित रूप से बांटने में सहायक होंगी। इसी श्रृंखला में आगे कक्षा 6,7,8 की पाठ्यपुस्तकों पर आधारित शिक्षण योजनाएं बनायी जायेंगी।
9000 से ज्यादा न्याय पंचायत स्तर पर शुरू होगा ये
उन्होंने बताया कि ’शिक्षकों’ के पास कक्षा में जाने से पहले पर्याप्त शिक्षण अधिगम सामग्री (टीएलएम) होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश देश का ऐसा अग्रणी राज्य बन गया है, जिसके अकादमिक रिसोर्स समूहों ने कक्षा 1-5 के लिए 20,000 शिक्षण-योजनाएं शैक्षिक संसाधन के रूप में तैयार की हैं। इन शिक्षण योजनाओं को बनाने में हमारे एसआरजी और एआरपी ने असीम उत्साह के साथ इनका निर्माण किया है। इसी क्रम में आगे बढ़ते हुए विभाग की योजना है एक छोटा अकादमिक समूह बनाकर प्रत्येक पाठ की 3 सर्वश्रेष्ठ शिक्षण योजनाओं को संकलित करें, उन्हें 9000 से अधिक न्याय पंचायत स्तर के शिक्षकों को व्हाट्सएप टीचर काॅर्नर के नाम से एवं कुछ शिक्षण योजनाओं को बुकलेट के रूप में प्रिन्ट कर उपलब्ध करायी जायेगी।
25-25 शिक्षकों का बनेगा बैच
उन्होंने कहा कि सभी शिक्षकों को बुनियादी शिक्षा पर प्रत्येक शिक्षक का आगामी पहली जुलाई से संबंधित खण्ड शिक्षा अधिकारी द्वारा 25-25 शिक्षकों का बैच बनाकर ऑनलाइन प्रशिक्षण आयोजित किया जायेगा। प्रत्येक दिन कम से कम दो-दो घंटे के दो बैचों में प्रशिक्षण का आयोजन किया जायेगा। प्रशिक्षण को सम्बन्धित विकासखण्ड के एआरपी द्वारा सुगम बनाया जाये तथा शिक्षक प्रशिक्षण में राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा विकसित माॅड्यूल ध्यानाकर्षण, आधारशिला एवं शिक्षण संग्रह के आधार पर एआरपी द्वारा विधिवत तैयारी के साथ के गुणवत्तापरक प्रशिक्षण सम्पन्न कराया जायेगा।
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रीमिडियल टीचिंग के विषय में दिये निर्देश
उन्होंने बताया कि खण्ड शिक्षा अधिकारियों द्वारा सभी प्रधानाध्यापकों की वीडियो मीट या ऑनलाइन बैठक कर मिशन प्रेरणा के तहत संचालित गतिविधियां तथा एसएटी-2 के रिजल्ट एवं रीमिडियल टीचिंग के विषय में आवश्यक निर्देश दिये जायेंगे। प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को प्रिंट रिच एन्वायरमेंट की अवधारणा स्पष्ट किया जायेगा तथा वेबसाइट पर टीचर कार्नर में उपलब्ध शैक्षणिक चार्ट, पोस्टर, माॅड्यूल, ग्रेडेेड बुक इत्यादि शिक्षण सहायक सामग्रियों का निरन्तर अध्ययन किया जायेगा एवं प्रशिक्षण के दौरान एआरपी द्वारा डिमान्सट्रेट करके तथ्य को समझाया जायेगा तथा शिक्षकों को कक्षा शिक्षण में प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जायेगा।
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डेढ़ लाख से ज्यादा एजेंसियों का हुआ पंजीकरण
बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) ने बताया कि विभाग की विभिन्न योजनाओं में विद्यालय प्रबन्ध समिति स्तर तक धनराशि के भुगतान की प्रकिया को त्वरित व पारदर्शिता से धनराशि के हस्तानातरण, व्यय और वित्तीय डाटा विश्लेषण के लिए पीएफएमएस प्रणाली लागू किया जाना है। पीएफएमएस पोर्टल पर समग्र शिक्षा में जनपद के डीपीओ, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान, एडी बेसिक, ब्लाक संसाधन केन्द्र, कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तथा विद्यालय प्रबंध समिति (एसएमसी) स्तर की कुल 1,64000 इम्प्लीमेटिंग एजेन्सियों का पंजीकरण किया जा चुका है।
पीएफएमएस का यूजर मैनुअल भेजा जा चुका
पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से धनराशि अन्तरण का कार्य पूरे प्रदेश में प्रारम्भ करने से पहले लखनऊ के सरोजनी नगर विकास खण्ड में पायलेट प्रोजेक्ट के रूप में इस प्रणाली को लागू किया गया है। जिला परियोेजना कार्यालय के पीएफएमएस मास्टर ट्रेनर नामित कराकर उन्हें प्रशिक्षित कर दिया गया है। इस पोर्टल पर कार्य करने के लिए फंड फ्लो एंड स्टैडंर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर तथा समग्र शिक्षा पीएफएमएस यूजर मैनुअल भी जनपदों को भेजा जा चुका है। राज्य परियोजना कार्यालय द्वारा पीएफएमएस प्रणाली के माध्यम से टोकन मनी खातों की पुष्टि के लिए एक रुपये की धनराशि ट्रांसफर भी की जा चुकी है।
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एप पर प्रशिक्षण कोर्स अपलोड किये गये
उन्होंने बताया कि शिक्षकों के सेवारत प्रशिक्षण की प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने का प्रयास किया जा रहा है। विभाग द्वारा इस लॉकडाउन की अवधि का सदुपयोग करते हुए बिना किसी अतिरिक्त व्यय के 'दीक्षा एप' के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षक प्रशिक्षण शुरू किया गया है। प्रशिक्षण की शुरुआत करते हुए 'दीक्षा एप' पर 75 प्रशिक्षण कोर्स अपलोड किये गये हैं। यह प्रशिक्षण कोर्स ऐक्टिविटी बेस्ड लर्निंग, 'उपचारात्मक शिक्षा, 'लर्निंग आउटकम' इत्यादि विषयों पर आधारित है, जिनमें करीब 2.54 लाख शिक्षकों ने पंजीकरण कराया और घर बैठे अपने सुविधानुसार समय में यह प्रशिक्षण पूर्ण कर रहे हैं।
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