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1 अक्टूबर से होने जा रहे हैं इन नियमों में बड़े बदलाव, जानिए क्या है आपके फायदे में
कल यानि 1 अक्टूबर से देश में कई नियमों में बदलाव होने वाले हैं। इन बदलाव से एक ओर जहां अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा तो वहीं आपके बजट पर भी काफी फर्क पड़ने वाला है।
नई दिल्ली: कल यानि 1 अक्टूबर से देश में कई नियमों में बदलाव होने वाले हैं। इन बदलाव से एक ओर जहां अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा तो वहीं आपके बजट पर भी काफी फर्क पड़ने वाला है। इन बदलावों के वजह से जहां कुछ क्षेत्रों में राहत मिलेगी तो आपके जेब पर भारी असर पड़ सकता है। तो चलिए आपको बताते हैं उन बदलावों के बारे में जो आपकी जेब पर सीधा असर डालेंगे।
1- ड्राइविंग लाइसेंस में होगा बदलाव-
1 सितंबर से नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो चुका है, जिसमें ट्रैफिक नियमों को लेकर बड़े बदलाव हुए हैं। इसके अन्तर्गत नियमों में बदलाव तो हो चुके हैं लेकिन अब आपका ड्राइविंग लाइसेंस (DL) भी बदलने वाला है। सरकार DL और RC से जुड़े नियमों में बदलाव करने वाली है। ये नियम 01 अक्टूबर, 2019 से लागू होंगे। इन नियमों के लागू हो जाने के बाद सभी लोगों को अपना डीएल बदलवाना पड़ेगा। नए नियमों के अनुसार अब डीएल और आरसी पंजीकरण प्रमाण-पत्र एक ही रंग के हो जाएंगे। यही नहीं अब ड्राइविंग लाइसेंस और आरसी में माइक्रोचिप के अलावा क्यूआर कोड होंगे।
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2- SBI के क्रेडिट कार्ड से अब नहीं मिलेगा कैशबैक-
इन बदलावों के बाद देश के बड़े सरकारी बैंक SBI के क्रेडिट कार्ड से अब पेट्रोल और डीजल की खरीदारी पर आपको कैशबैक मिलना बंद हो जाएगा। 1 अक्टूबर से लागू हो रहे इस नियम के बारे में SBI बैंक अपने ग्राहकों को मैसेज के जरिए सूचना दे रहा है। अभी तक एसबीआई के क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल और डीजल की खरीदारी पर ग्राहकों को 0.75 फीसदी तक कैशबैक का लाभी मिल जाता था। बताया जाता है कि एचपीसीएल, बीपीसीएल और आईओसी ने कैशबैक योजना को वापस लेने का सुझाव दिया था जिसके बाद यह कदम उठाया गया है।
3- मंथली एवरेज बैलेंस में हुआ ये बदलाव-
1 अक्टूबर से लागू होने वाले नियमों में सरकारी बैंक SBI निर्धारित किए गए मंथली एवरेज बैलेंस को न बनाए रखने पर लगने वाले जुर्माने में 80 फीसदी की कमी करने वाली है। यदि आप SBI के ग्राहक हैं और मेट्रो सिटी में रहते हैं तो आपको मंथली एवरेज बैलेंस 3 हजार बनाए रखना होगा। शहरी इलाकों के सभी शाखाओं में ये नियम लागू होगा। खाते में निर्धारित रकम से यदि बैलेंस 75 फीसदी से कम रहता है तो जुर्माने के तौर पर 80 रुपये प्लनस GST देना होगा। खाते में 50 से 75 फीसदी तक बैलेंस रखने वालों को 12 रुपये और GST देना होगा। 50 फीसद से कम बैलेंस होने पर 10 रुपये जुर्माना प्लरस GST अदा करना होगा।
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4- जीएसटी की दरें होंगी कम-
गोवा में 20 सितंबर को हुए जीएसटी काउंसिल की 37वीं बैठक में कई वस्तुओं पर टैक्स कम किया गया है। 1 अक्टूबर से ये नियम लागू हो जाएंगे। इस नियम के अनुसार अगर आप 1000 रुपये तक के किराए वाले में रुकते हैं तो आपको टैक्स नहीं देना होगा। यही नहीं 7500 रुपए तक टैरिफ वाले कमरे के किराए पर केवल 12 फीसदी जीएसटी देना होगा। छोटे वाहन मालिकों को राहत दी गई है और 10 से 13 सीटों तक के पेट्रोल और डीजल वाले वाहनों से सेस घटा दिया गया है। साथ ही स्लाइड फास्टनर्स (जिप) पर जीएसटी 12 फीसदी कर दिया है।
5- जीएसटी टर्नओवर में बड़ा बदलाव-
जीएसटी काउंसिल के फैसले के मुताबिक, जो कारोबारी पांच करोड़ सलाना से ज्यादा टर्नओवर करते हैं उनके लिए जीएसटी रिटर्न का तरीका बदलने वाला है। इन कारोबारियों को जीएसटीआर-1 की जगह एएनएक्स-1 फॉर्म भरना होगा और ये अनिवार्य होगा। वहीं छोटे कारोबारियों को इसी फॉर्म के जरिए जीएसटी रिटर्न फाइल करना होगा। लेकिन 1 जनवरी, 2020 से उनके लिए ये अनिवार्य होगा। बड़े करदाता अक्टूबर और नवंबर का जीएसटी रिटर्न जीएरसटीआर 3बी फॉर्म से भरेंगे।
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6- पेंशन पॉलिसी में ये होंगे बदलाव-
1 अक्टूबर से बदले जा रहे नियमों में केंद्र सरकार पेंशन पॉलिसी में भी बदलाव करने जा रही है। इस नियम के अनुसार किसी कर्मचारी के कार्यकाल के अगर सात साल पूरे हो जाते हैं तो उसके परिवार वालों को बढ़ी हुई पेंशन का लाभ मिलेगा। ऐसी स्थिति अभी तक कर्मचारी की जो आखिरी वेतन होती थी उसके 50 प्रतिशत हिसाब से ही पेंशन मिलती थी। इस नियम को लागू करने के लिए सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। बता दें कि ये कर्मचारियों के हित में सरकार का सबसे बड़ा फैसला माना जा रहा है।