ये है असली भारत: क्वारंटाइन मुसलमानों को सहरी-इफ्तारी दे रहा वैष्णो देवी मंदिर

एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें रसोइये बड़े-बड़े बर्तनों में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए खाना बनाते हुए दिख रहे हैं।

Aradhya Tripathi
Published on: 23 May 2020 12:07 PM GMT
ये है असली भारत: क्वारंटाइन मुसलमानों को सहरी-इफ्तारी दे रहा वैष्णो देवी मंदिर
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भारत एक ऐसा देश है जहां सभी धर्मों को सभी जाति और वर्गों को समान माना जाता है। यहां सभी को बराबर प्यार और स्नेह दिया जाता है। भले ही कोई भी राजनीतिक दल या कोई कितना भी प्रयास कर ले लेकिन भारत की एकता और अखंडता सदैव बनी रहती है। हाल ही में इसकी एक मिसाल सामने आई है। साम्प्रदायिक एकता की मिसाल पेश करते हुए माता वैष्णो देवी मंदिर कोरोना वायरस के इस संकट के काल में रमजान के दौरान जम्मू के कटरा में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे मुस्लिमों को सहरी और इफ्तारी दे रहा है।

500 मुस्लिमों को मंदिर बोर्ड करा रहा भोजन

दरअसल आज कल मुस्लिमों का सबसे पाक और पवित्र माना जाने वाला रमजान का महीना चल रहा है। जो बस अब अपने अंतिम चरण में है और ख़तम ही होने वाला है। ऐसे में कोरोना के इस संकट काल में करीब 500 मुस्लिम कटड़ा में क्वारंटाइन हैं। ऐसे में एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें रसोइये बड़े-बड़े बर्तनों में क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे लोगों के लिए खाना बनाते हुए दिख रहे हैं। शेयर इए गए इस वीडियो की रिपोर्ट में ये दावा किया जा रहा है कि मंदिर कोरोना संकट के दौरान मुसलमानों की मदद के लिए दो समय का भोजन परोस रहे हैं।

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गौरतलब है कि कोरोना के बढ़ते मरीजों को देखते हुए मंदिर बोर्ड ने मार्च में आशीर्वाद भवन को क्वारंटाइन सेंटर में तब्दील कर दिया था। श्राइन बोर्ड के सीईओ रमेश कुमार का कहना है कि मंदिर रमजान के पवित्र महीने में लोगों को पारंपरिक सहरी और इफ्तारी दे रहा है। यहां तक कि जम्मू कश्मीर प्रशासन ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने लोगों को वापस लाने का फैसला किया है।

लोग कर रहे हैं सराहना

रिपोर्ट के अनुसार जो लोग आशीर्वाद भवन के क्वारंटाइन सेंटर में रह रहे हैं वह प्रवासी कामगार ही हैं। जहां एक ओर भारत के मुसलमान भी लॉकडाउन के बीच रमज़ान की समाप्ति का इंतजार कर रहे हैं। तो वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो क्वारंटाइन सेंटर्स में फंसे हुए हैं। कई लोगों के लिए रमजान, ईश्वर, परिवार और समुदाय के करीब जाने का समय है, लेकिन महामारी ने उन परंपराओं को फिलहाल रोक रखा है। फिलहाल मंदिर बोर्ड की ओर से किए जा रहे इस काम की लोग सराहना कर रहे हैं।

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लोगों का कहना है कि मुश्किल समय में मंदिर लोगों की मदद कर रहा है ये देखकर अच्छा लग रहा है। हालांकि ये खबर आने के बाद कुछ लोग इसमें भी सांप्रदायिक रंग ढूंढकर वैष्णो देवी मंदिर प्रशासन के इस फैसले को गलत बताने लगे। जहां अधिकतर लोग इसे एक बेहतरीन कदम बता रहे हैं वहीं कुछ लोग इसमें इस्लामोफोबिया देख रहे हैं। लोग मंदिर बोर्ड द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय की मदद करने के इस कदम पर गुस्सा जता रहे हैं।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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