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टूट गई सारी हदें: मौलाना के जनाजे में 10 हजार लोग शामिल, उठाया गया ये कदम

असम में सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियाँ उड़ गयी जब एक विधायक के पिता के जनाजे में हजारों लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। प्रशासन ने 3 गाँवों को सील कर दिया।

Shivani
Published on: 5 July 2020 10:00 AM IST
टूट गई सारी हदें: मौलाना के जनाजे में 10 हजार लोग शामिल, उठाया गया ये कदम
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गुवाहाटी: अनलॉक के बीच केंद्र ने कोरोना संक्रमण बढ़ने से रोकने के लिए नियमों की एक गाइडलाइन जारी की है, जिसकी असम में उस समय धज्जियाँ उड़ गयी जब एक मौलाना की अंतिम विदाई में हजारों लोगों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। नियम के मुताबिक, अंतिम संस्कार में 20 लोगों में शामिल होने की बात तो बहुत दूर की सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क पहनने की अनिवार्यरता का भी पालन नहीं हुआ।

भयानक लापरवाही, हो सकता है कोरोना विस्फोट

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मामलों से देश और देशवासी परेशान है। भले ही सरकार ने अनलॉक कर महीनों से घरों में कैद लोगों को सामान्य जीवन देना का प्रयास किया हो, लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग और कई अन्य नियमों के जरिये संक्रमण को रोकने की कोशिश जारी है। बावजूद इसके सरकार के नियमों की असम में जमकर धज्जियाँ उड़ाई गयीं।

विधायक अमिनुल इस्लाम के पिता के जनाजे में 10 हजार लोग शामिल

मामला असम के नगांव ज़िले का है, जहां ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) के विधायक अमिनुल इस्लाम के पिता खैरुल इस्लाम के देहांत के बाद उनके जनाजे में 10 हजार लोग शामिल हुए। इतनी भीड़ देख जिला प्रशासन के भी पसीने छूट गए।

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सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ी धज्जियां

विधायक अमिनुल इस्लाम के पिता खैरुल इस्लाम नॉर्थ ईस्ट में ऑल इंडिया जमात उलेमा और आमिर-ए-शरियत के उपाध्यक्ष थे। ऐसे में वे काफी मशहूर थे। जनाजे में शामिल लोगों ने न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रखा और न ही वे लोग मास्क लगा कर आये थे।

3 गाँव किये गए सील, दो केस दर्ज

कोरोना का संक्रमण बढ़ने के डर से जिला प्रशासन ने 3 गाँवों को पूरी तरीके से सील कर दिया। इसके अलावा कई लोगों के खिलाफ इस मामले में केस भी दर्ज किया गया। दो केस दर्ज किये गए हैं, एक पुलिस द्वारा और दूसरा जिला मजिस्ट्रेट द्वारा, जो मौके पर मौजूद थे।

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विधायक अमिनुल इस्लाम ने कहा

वहीं इस मामले में विधायक अमिनुल इस्लाम ने सफाई देते हुए कहा कि उनके पिता बेहद लोकप्रिय व्यक्ति थे। ऐसे में उनके चाहने वाले बड़ी संख्या में आखिरी दर्शन के लिए आ गए। उन्होंने बताया, 'हमने मृत्यु और अंतिम संस्कार के बारे में प्रशासन को सूचित किया था। पुलिस ने लोगों को वहां पहुंचने से मना भी किया था। कई गाड़ियों को वापस लौटने के लिए भी कहा गया था, लेकिन फिर भी किसी तरह लोग वहां पहुंच गए।'

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