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बाइक फॉर यू के नाम पर हजारों लोगों से ऐसे की करोड़ों की ठगी, 3 गिरफ्तार
बाइक बोट से आइडिया लेकर बाइक फॉर यू कंपनी के नाम पर 6 हजार से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में लोगों की शिकायत पर पुलिस ने सोमवार सुबह एमडी समेत 3 जालसाजों को गिरफ्तार किया।
नोएडा: बाइक बोट से आइडिया लेकर बाइक फॉर यू कंपनी के नाम पर 6 हजार से अधिक लोगों से करोड़ों की ठगी के मामले का पुलिस ने खुलासा किया है। इस मामले में लोगों की शिकायत पर पुलिस ने सोमवार सुबह एमडी समेत 3 जालसाजों को गिरफ्तार किया।
एमबीए छात्र ने कंपनी को शुरू करने के बाद हिस्ट्रीशीटर बदमाश को बतौर एमडी बनाया था ताकि लोगों के विरोध करने पर वह उनसे निपट सके। जनवरी में बाइक बोट के फर्जीवाड़े को लेकर नोएडा में रिपोर्ट दर्ज होने के दो महीने बाद ही यह कंपनी भी रातोंरात फरार हो गई थी। इसके बाद से निवेशक परेशान थे।
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पकड़े गए आरोपी जालसाज बबलू यादव, रोहित चौहान और जीवन हैं। एसएसपी वैभव कृष्ण ने बताया कि बबलू यादव बाइक फॉर यू कंपनी का एमडी था और एटा का रहने वाला है। एटा जिले का वह हिस्ट्रीशीटर है। इस जालसाजी का मास्टमाइंड रोहित चौहान है जो उत्तराखंड के रुड़की का रहने वाला है।
रोहित ने दिल्ली से एमबीए किया हुआ है। कुछ साल पहले जब बाइक बोट कंपनी शुरू हुई थी। तभी इसने भी उसी तर्ज पर बाइक फॉर यू का प्लान बनाया था। इस कंपनी को 10 महीने पहले ही नोएडा सेक्टर-63 में किराये पर शुरू किया गया था। जिसमें रोहित व जीवन बतौर डायरेक्टर पद पर थे।
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इनके अलावा भी कई अन्य डायरेक्टर हैं जिनकी अभी तलाश की जा रही है। पकड़े गए आरोपियों से जालसाजी के पैसे से खरीदी गई तीन लग्जरी कारें और बाइक फॉर यू नाम से ली गई 8 बाइकें बरामद की गईं हैं।
हर शख्स से लिए 60250 रुपये
जालसाजी को अंजाम देने के लिए कंपनी ने बाइक के नाम पर प्रति व्यक्ति 60250 रुपए लिए थे। इस निवेश के बदले एक साल तक प्रत्येक महीने प्रति व्यक्ति 9 से हजार रुपए रिटर्न का लालच दिया गया था। इस तरह एक साल में निवेश के पैसे को दोगुना हो जाने का लालच दिया गया था। इस मामले को लेकर 17 अप्रैल को काफी संख्या में लोग सेक्टर-63 स्थित बाइक फॉर यू के ऑफिस पहुंचे थे वहां ताला लगा मिला था। इसके साथ वहां बोर्ड भी लगा था जिस पर लिखा था कि कंपनी ऑफिस खाली कर कहीं शिफ्ट हो गई है। इसके बाद लोगों ने जमकर हंगामा किया था। इस मामले में लोगों ने आरोप लगाया था कि कंपनी ने कुछ महीने तक रिटर्न देने के बाद पेमेंट रोक दी थी।
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सोशल मीडिया पर किया था प्रचार
पुलिस पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि कंपनी को अगस्त 2०18 में शुरू किया था। इसके बाद लोगों को लालच देकर निवेश करने के लिए सोशल मीडिया पर खूब विज्ञापन जारी किए थे। इसके अलावा .फेसबुक के माध्यम से भी लोगों को जोड़ा था। इसके बाद जनवरी 2019 तक 6 हजार से अधिक लोगों ने निवेश कर दिया।
इसी दौरान ग्रेटर नोएडा स्थित बाइक बोट कंपनी के फर्जीवाड़े का मामला सामने आया था। इसके बाद इस कंपनी के निवेशक भी सवाल-जवाब करने लगे थे तो इन्होंने सबकुछ बंद करने की योजना बना डाली और फिर अप्रैल में सभी अचानक भाग भी निकले। निवेशकों को पैसे नहीं मिलने पर काफी संख्या में लोग 17 अप्रैल को कंपनी कार्यालय में पहुंचे तो फर्जीवाड़े का पता चला था।