×

लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में तीन दर्जन बच्चों ने लिया जन्म

लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में तीन दर्जन बच्चों ने जन्म लिया। मजदूरों ने इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए अपने बच्चों के अजब –गजब नाम रखने शुरू कर दिए हैं। ऐसे ही एक यात्रा के दौरान रीना नाम की एक महिला ने बेटे को जन्म दिया।

Aditya Mishra
Published on: 7 Jun 2020 12:00 PM GMT
लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में तीन दर्जन बच्चों ने लिया जन्म
X

नई दिल्ली: लॉकडाउन के दौरान श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में तीन दर्जन बच्चों ने जन्म लिया। मजदूरों ने इस लम्हे को यादगार बनाने के लिए अपने बच्चों के अजब –गजब नाम रखने शुरू कर दिए हैं। ऐसे ही एक यात्रा के दौरान रीना नाम की एक महिला ने बेटे को जन्म दिया।

उन्होंने अपने नवजात बेटे को लॉकडाउन यादव नाम दिया है। इसी तरह एक एक अन्य महिला, ममता यादव आठ मई को जामनगर-मुजफ्फरपुर श्रमिक स्पेशल ट्रेन में सवार हुई थी।

वह चाहती थी कि बिहार के छपरा जिले में जब वह अपने बच्चे को जन्म दे तो उनकी मां उनके साथ हो। लेकिन गंतव्य स्टेशन तक पहुंचने से पहले ही उनके हाथ में उनका बच्चा था।

सफर ट्रेन का, किराया हवाई जहाज से अधिक, जानिए क्या है पूरा माजरा

रेलवे ने प्रसव कराने में की मदद

ममता के डिब्बे को प्रसव कक्ष जैसे कक्ष में बदल दिया गया जहां अन्य यात्री बाहर निकल गए। डॉक्टरों की एक टीम और रेलवे स्टाफ ने ममता की मदद की। मां ने उसका नाम गंतव्य रखा।

जबकि वहीं एक अन्य महिला ईश्वरी देवी ने अपनी बेटी का नाम करुणा रखा है। दोनों बच्चों में वैसे तो कोई समानता नहीं है सिवाए उस असाधारण स्थिति के जिसमें उन्होंने जन्म लिया।

इस मामले में करुणा के पिता राजेंद्र यादव ने बताया कि नाम कोरोना पर कैसे रख सकता हूं जब इसने इतने लोगों की जान ले ली और जीवन बर्बाद कर दिए?’ उन्होंने कहा, ‘हमने उसका नाम करुणा रखा जिसका मतलब दया, सेवा भाव होता है जिसकी हर किसी को मुश्किल वक्त में जरूरत पड़ती है।’

ईश्वरी उन तीन दर्जन महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने गर्भावस्था के अंतिम चरण में भूख एवं बेरोजगारी का सामना किया और असामान्य स्थितियों में बच्चों को जन्म दिया। करुणा का जन्म श्रमिक स्पेशल ट्रेन में संभवत: देश के सामने आए सबसे मुश्किल वक्त में हुआ जब कोविड-19 ने करीब 7,000 लोगों की जान ले ली है, ढाई लाख को संक्रमित किया है और कारोबार ठप कर लोगों को बेरोजगार कर दिया है।

अनलॉक में ट्रेनों ने पकड़ी रफ्तार, पहले दिन रवाना हुए 160 यात्री

ऐसे पड़ा ‘लॉकडाउन’ नाम

श्रमिक स्पेशल ट्रेन से मुंबई से उत्तर प्रदेश का सफर कर रही रीना ने अपने बेटे को लॉकडाउन यादव नाम दिया, ताकि जिस मुश्किल वक्त में वह पैदा हुआ उसे हमेशा के लिए याद रखा जाए। उन्होंने कहा, ‘वह बेहद मुश्किल परिस्थिति में जन्मा है। हम उसका नाम लॉकडाउन यादव रखना चाहते थे।’

वहीं रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ‘हमारे पास मेडिकल इमरजेंसी से निपटने के लिए एक सिस्टम पहले से तैयार किया गया है।’ इसी तरह विभिन्न गंतव्य स्थानों तक जा रही कई अन्य गर्भवती महिलाओं ने भी चलती ट्रेन में अन्य यात्रियों की मदद से स्वस्थ बच्चों को जन्म दिया।

रेलगाड़ियों का आवागमन शुरू, यूपी के स्टेशनों पर लगा स्पेशल ट्रेनों का जमावड़ा

Aditya Mishra

Aditya Mishra

Next Story