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Traffic Police को तगड़ा सबक! ऐसा करना पड़ गया साहब को भारी
देश में संशोधित नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 को लागू किये हुए अभी दो हफ्ते का समय भी नहीं बीता है, पर इतने कम समय में ही इस नियम को लेकर कई जगहों पर हायतौबा मच रही है। इस मामले को लेकर कई जगहों पर ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि ट्रैफिक पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली : देश में संशोधित नए मोटर वाहन अधिनियम 2019 को लागू किये हुए अभी दो हफ्ते का समय भी नहीं बीता है, पर इतने कम समय में ही इस नियम को लेकर कई जगहों पर हायतौबा मच रही है। इस मामले को लेकर कई जगहों पर ऐसा भी देखने को मिल रहा है कि ट्रैफिक पुलिस को लोगों के आक्रोश का सामना करना पड़ रहा है।
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बता दें जब से नया संशोधित मोटर व्हीकल ऐक्ट लागू किया गया है, तब से उसमें लगाए गए चालानों के भारी-भरकम जुर्माने से जनता का एक बड़ा वर्ग बहुत नाखुश और आक्रोश में है। जनता की इस नाराजगी को देखते हुए गुजरात, उत्तराखंड जैसे कई अन्य राज्यों ने चालान में परिवर्तन करके राशि में कटौती तक की है।
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लेकिन बीती शुक्रवार यानी 13 सितंबर को बिहार में ट्रैफिक चालान काटने वाले एक मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर खुद सीट बेल्ट न पहनने की वजह से जनता के गुस्से का शिकार हो गए।
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असल में मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर शुक्रवार को एक भीड़-भाड़ वाली सड़क से अपनी गाड़ी में बैठकर जा रहे थे। उन्होंने उस समय सीट बेल्ट नहीं लगा रखी है। ये देखकर वहां मौजूद लोगों ने मोटर व्हीकल इंस्पेक्टर की गाड़ी घेर ली और उनसे सीट बेल्ट न लगाने पर अपना ही चालान करने को कहा।
इंस्पेक्टर द्वारा चालान का विरोध किए जाने पर लोगों ने नाराजगी में उनकी गाड़ी रोकी और चीखना-चिल्लाना शुरू कर दिया। इंस्पेक्टर ने लोगों को सफाई देने की बहुत कोशिश की, लेकिन कोई भी उनकी बात सुनने के मूड में नहीं था। कोई रास्ता न निकलते देख उन्होंने किसी तरह से भीड़ के बीच से निकलने में ही अपनी भलाई समझी।
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ऐसे कई मामले अबतक सामने आ चुके हैं तो बड़ा सवाल यह है कि जो नियम जनता के लिए है वो क्या पुलिस अधिकारियों के लिए नहीं हैं।