विदेश मंत्री की सच्चाई: इसलिए रखता है राजनीती की दुनिया में कदम

भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनीति में आने की कहानी बताई।

Roshni Khan
Published on: 2 Feb 2020 9:17 AM GMT
विदेश मंत्री की सच्चाई: इसलिए रखता है राजनीती की दुनिया में कदम
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नई दिल्ली: भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर अपने बयानों की वजह से चर्चा में रहते हैं। एक बार फिर उन्होंने रविवार को एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राजनीति में आने की कहानी बताई। उन्होंने कहा कि मेरे राजनीति में शामिल होने की एक वजह यह है कि मैंने इस सरकार को सुधारों के बारे में बात करते देखा। पहली बार, हमारे पास एक सरकार है जिसके लिए सुधार का मतलब है पोषण, लड़की की शिक्षा, मध्यवर्गीय के लिए सेवाएं। तब मुझे लगा कि मुझे भी सुधार लाने में योगदान देना चाहिए।

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उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में इस सरकार के तहत हमने एक ऐसी प्रणाली विकसित की है जिसके द्वारा दुनिया में कहीं भी, किसी भी भारतीय को परेशानी होती है तो हम उनकी देखभाल करते हैं। हम वहां उनके लिए मौजूद हैं।

आपको बता दें कि विदेश सचिव के पद से रिटायर होने के बाद उन्होंने टाटा समूह के ग्लोबल कॉरपोरेट मामलों के अध्यक्ष के रूप में पदभार संभाला था। उन्हें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पद्म श्री पुरस्कार मिल चुका है।

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पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट में अनुभवी राजनयिक एस जयशंकर चीन और अमेरिका के साथ बातचीत में भारत के प्रतिनिधि भी रह चुके हैं। जयशंकर अमेरिका और चीन में भारत के राजदूत के पदों पर भी काम कर चुके हैं। 1977 बैच के भारतीय विदेश सेवा (IFS) अधिकारी जयशंकर ने लद्दाख के देपसांग और दोकलाम गतिरोध के बाद चीन के साथ संकट को हल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। जयशंकर सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त और चेक गणराज्य में राजदूत पदों पर भी काम कर चुके हैं।

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