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दो और किसानों की मौत: आंदोलन के दौरान तोड़ा दम, बढ़ रही मरने वालों की संख्या
कैथल के जुलाना खेड़ा के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग किसान दिलीप सिंह को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इसके बाद किसान को रोहतक के पीजीआई में भर्ती किया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
नई दिल्ली: दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। अब इस बीच प्रदर्शन में शामिल दो और किसाओं की मौत हो गई है। इन दो किसानों की मौत टीकरी बॉर्डर पर हुई है। मरने वालों किसानों में एक किसान हरियाणा के कैथल का रहने वाला था और दूसरा युवा किसान पंजाब के संगरूर का। कैथल के रहने वाले बुजुर्ग की किसान की मौत अज्ञात वाहन की चपेट में आने हो गई, तो वहीं पंजाब निवासी युवा किसान की मौत हार्टअटैक से होने की बात कही जा रही है।
मिली जानकारी के मुताबिक, कैथल के जुलाना खेड़ा के रहने वाले 75 वर्षीय बुजुर्ग किसान दिलीप सिंह को किसी अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी। इसके बाद किसान को रोहतक के पीजीआई में भर्ती किया गया था जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
टिकरी बॉर्डर पर 25 से ज्यादा किसानों की मौत
मरन वाले में दूसरा युवक किसान पंजाब के संगरूर जिले के गांव रामपुर छैना का रहने वाला था। बताया जा रहा है कि 29 वर्षीय किसान संदीप की हार्टअटैक से मौत होने की आशंका है। बता दें कि टिकरी बॉर्डर पर अबतक 25 से ज्यादा किसानों की जान जा चुकी है।
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पुलिस परिजनों का इंतजार कर रही है जिसके बाद शव का पोस्टमार्टम कराएगी। कैथल जिले का रहने वाला बुजुर्ग किसान दिलीप सिंह दो महीने से बहादुरगढ़ बाइपास पर किसान रैली में शामिल था। सौमवरा को शौंच जाते समय किसी अज्ञात वाहन टक्कर मार दिया। इसके बाद उसे रोहतक पीजीआई में भर्ती कराया गया था जहां उसकी मौत हो गई है।
29 वर्षीय संदीप पंजाब के रामपुर छैना गांव का रहने वाला था। मृतक किसान संदीप आंदोलन में शामिल था। उसकी मौत की वजह हार्ट अटैक बताई जा रही है, लेकिन असली वजह पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही पता चल सकेगी।
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किसानों की सरकार को चेतावनी
राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ 40 लाख ट्रैक्टरों के साथ किसान रैली निकालेंग। भाकियू नेता ने कहा कि सरकार को किसानों की मांग माननी चाहिए। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर परेड में हिंसा के बाद पुलिस ने सख्त कदम उठाए थे। इसके बाद से किसान आंदोलन और तेज हो गया है।
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