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हर घंटे इस वजह से लोग कर रहे सुसाइड, NCRB के आंकड़ों में टॉप पर है ये राज्य

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में आत्महत्या से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में बेरोजगारी  के कारण खुदकुशी करने के आंकड़ों ने किसान आत्महत्याओं को भी पीछे छोड़ दिया है। किसानों से ज्यादा बेरोजगारों ने आत्महत्या की है

suman
Published on: 18 Jan 2020 3:25 PM GMT
हर घंटे इस वजह से लोग कर रहे सुसाइड, NCRB के आंकड़ों में टॉप पर है ये राज्य
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नई दिल्ली: नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट में आत्महत्या से जुड़े कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार साल 2018 में बेरोजगारी के कारण खुदकुशी करने के आंकड़ों ने किसान आत्महत्याओं को भी पीछे छोड़ दिया है। किसानों से ज्यादा बेरोजगारों ने आत्महत्या की है। साल 2018 में 12,936 लोगों ने बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। इसी साल किसान आत्महत्या के आंकड़ों को देखें तो 10,349 किसानों ने खुदकुशी की थी। देश में आत्महत्या की बात आते ही किसानों का जिक्र सबसे पहले आता है। मगर एनसीआरबी की रिपोर्ट में कुछ चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। वर्ष 2018 में आत्महत्या करने वालों में किसानों से ज्यादा बेरोजगार और स्वरोजगार लोग शामिल हैं। डाटा के मुताबिक देश में बेरोजगारी की वजह से साल 2018 में औसतन 35 लोगों ने रोजाना खुदकुशी की है। इस तरह से हर 2 घंटे में लगभग 3 बेरोजगार खुदकुशी कर रहे हैं।

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गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाली संस्था एनसीआरबी ने हाल ही में अपराध से जुड़े जो आंकड़े पेश किए वह काफी हैरान करने वाले है।एनसीआरबी रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में देश में खुदकुशी के मामलों में 3.6 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में आत्महत्या के 1 लाख 34 हजार 516 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2017 में 1 लाख 29 हजार 887 लोगों ने खुदकुशी की थी। साल 2017 के आंकड़ों को देखें तो बेरोजगारी से परेशान 12 हजार 241 लोगों ने आत्महत्या की थी जबकि खेती में घाटे से परेशान 10, 655 लोगों ने मौत को गले लगा लिया था। 2016 के मुकाबले 2017 में किसानों की मौत के मामले में कमी देखी गई है। 2016 में 11 हजार 379 किसानों-खेतिहर मजदूरों ने अपनी जान दी थी।

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक साल 2018 में औसतन 35 बेरोजगारों और 36 स्वरोजगार लोगों ने हर रोज आत्महत्या की। इस साल सिर्फ इन दो श्रेणियों में 26,085 मामले खुदकुशी के दर्ज किए गए। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार 13,149 स्वरोजगार करने वालों और 12,936 बेरोजगारों ने अपनी जान दे दी। जबकि इसी दौरान 10,349 किसानों ने खुदकुशी की। यह कुल संख्या में क्रमश: 9.8 फीसदी और 9.6 प्रतिशत है।

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आत्महत्या में वृद्धि

2018 में देश में कुल आत्महत्या के मामलों की बात करें तो 1 लाख 34 हजार 516 लोगों ने इस दौरान खुदकुशी की। यह संख्या साल 2017 की तुलना में 3.6 प्रतिशत ज्यादा है। प्रति लाख जनसंख्या में मृत्यु दर में भी 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गई। हाल ही जारी एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक घरेलू महिलाओं (हाउसवाइफ) में आत्महत्या करने की प्रवृति बढ़ती जा रही है। साल 2018 में 42,391 महिलाओं ने अपनी जान दी, जिनमें से 54.1 प्रतिशत यानी 22,937 गृहणी थीं। अन्य क्षेत्रों में सरकारी कर्मचारी आत्महत्या 1707, कुल 1.3 प्रतिशत, निजी कर्मचारी- 8246, 6.1 प्रतिशत,पीएसयू कर्मचारी 2022,कुल 1.5 प्रतिशत, छात्र-10159, कुल 7.6 प्रतिशत।

इन राज्यों सबसे ज्यादा आत्महत्या

देश में आत्महत्या के आधे से ज्यादा मामले 50.9 प्रतिशत इन पांच राज्यों में ही दर्ज किए गए। महाराष्ट्र में-17972,तमिलनाडु-13886,पश्चिम-बंगाल में 13255, मध्य प्रदेश में-11,775, आंध्रप्रदेश में-11, 561 मामले आत्महत्या के है।

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