×

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तरकाशी में जारी है 40 जिंदगियां बचाने की जंग, रेस्क्यू ऑपरेशन का आज छठा दिन

Uttarkashi Tunnel Accident: श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब अमेरिकी ऑगर मशीन की मदद ली गई है। इसे एक दिन पहले दिल्ली से एयरफोर्स के विमान के जरिए उत्तरकाशी भेजा गया था।

Krishna Chaudhary
Published on: 17 Nov 2023 4:36 AM GMT
Uttarkashi Tunnel Accident
X

Uttarkashi Tunnel Accident (photo: social media )

Uttarkashi Tunnel Accident: उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुए टनल हादसे के आज छह दिन हो गए। रविवार 12 नवंबर की सुबह से टनल के अंदर मलबों के पार 40 मजदूर फंसे हुए हैं। इन्हें बाहर निकालने की अब तक की तमाम कोशिश नाकामयाब रही है। श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए अब अमेरिकी ऑगर मशीन की मदद ली गई है। इसे एक दिन पहले दिल्ली से एयरफोर्स के विमान के जरिए उत्तरकाशी भेजा गया था। इसकी मदद से ड्रिलिंग का काम जारी है।

जानकारी के मुताबिक, अभी तक 21 मीटर ड्रिलिंग हो पाई है। सुरंग में ड्रिल कर डाले जा रहे पाइप का किसी कठोर वस्तु ने रास्ता रोक दिया है। चौथा पाइप आधा जाकर रूक गया है। इंजीनियर्स इसे ठीक करने में लगे हुए हैं। बताया जा रहा है कि अमेरिकी ऑगर मशीन की मदद से 900 एमएम व्यास के करीब 10 से 12 पाइप अंदर डाले जाने हैं। जिसकी मदद से अंदर फंसे मजदूर बाहर आएंगे।

Uttarkashi Tunnel Accidnet: रेस्क्यू ऑपरेशन का आज पांचवां दिन, थाईलैंड की कंपनी से मांगी गई मदद

नई मशीन से काम जल्द पूरा होने की उम्मीद

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग राज्यमंत्री जनरल (सेवानिवृत) वीके सिंह गुरूवार को रेस्क्यू ऑपरेशन का जायजा लेने घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने अधिकारियों संग सुरंग के अंदर जाकर भूस्खलन वाली जगह का निरीक्षण किया। रेस्क्यू ऑपरेशन के प्रभारी कर्नल दीपक पाटिल व एनएचआईडीसीएल के निदेशक अंशु मनीष खल्को ने उन्हें बचाव कार्य की विस्तृत जानकारी दी।

सिंह ने कहा कि हमारी पहली प्राथमिकता अंदर फंसे मजदूरों को बाहर निकालना है। इसके लिए प्रधानमंत्री से लेकर केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री, मुख्यमंत्री से लेकर सभी एजेंसियां मिलकर कार्य कर रही हैं। उन्होंने कहा कि पुरानी मशीन में कुछ रूकावट आ रही थी। अब नई मशीन लगाई गई है, जिसकी स्पीड और ताकत पुरानी से ज्यादा है। ऐसे में उम्मीद है कि रेस्क्यू ऑपरेशन जल्द पूरा होगा।


Uttarkashi Tunnel Collapse: मजदूरों का फूटा गुस्सा, सामने आई कंपनी की बड़ी लापरवाही, इस वजह से हुआ भूस्खलन

2-3 दिन और लग सकता है समय

केंद्रीय राज्यमंत्री जनरल वीके सिंह ने कहा कि मजदूर टनल के अंदर दो किलोमीटर की खाली जगह में फंसे हुए हैं। इस गैप में रोशनी है। मजदूरों को पाइप की मदद से खानी-पानी पहुंचाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि घटना के कारणों की अलग से गहन जांच होगी। सिंह ने कहा कि दो-तीन दिन में बचाव कार्य पूरा होने की संभावना है।


रेस्क्यू में लगी है 200 लोगों से अधिक की टीम

मजदूरों को बाहर निकालने के लिए नेशनल हाईवे एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड (NHIDCL), एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, बीआरओ और नेशनल हाईवे की 200 ज्यादा लोगों की टीम पिछले 5 दिनों से 24 घंटे लगी हुई है। इसके अलावा थाईलैंड, नार्वे, फिनलैंड समेत कई देशों के एक्सपर्ट से ऑनलाइन सलाह ली जा रही है।


Uttarkashi Tunnel Accidnet Update: रेस्क्यू ऑपरेशन का आज चौथा दिन, दो मजदूरों की बिगड़ी तबियत

कब हुआ था हादसा ?

रविवार 12 नवंबर को सुबह चार बजे चारधाम परियोजना के तहत ब्रह्मकमल और यमुनोत्री नेशनल हाईवे पर सिल्क्यारा और डंडलगांव के बीच बनाई जा रही एक निर्माणधीन टनल धंस गई थी, जिसके अंदर 40 श्रमिक फंसे हुए हैं। उत्तराखंड स्टेट डिजाजस्टर मैनेजमेंट के अनुसार, टनल में सबसे अधिक झारखंड के 15 मजदूर फंसे हुए हैं। इसके बाद यूपी के 8, ओडिशा के पांच, बिहार के 4, बंगाल के 3, उत्तराखंड के 2, असम के 2 और हिमाचल के एक मजदूर फंसे हुए हैं।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

Next Story