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Uttarkashi tunnel Rescue: क्या है रैट होल माइनिंग, जिसका सहारा लिया जा रहा उत्तरकाशी में; कैसे मजदूरों को निकाला जा रहा?

Uttarkashi tunnel Rescue: रैट होल सुरंग के जरिए किये जाने वाले खनन आमतौर पर उन परिवारों द्वारा किया जाता है जिनके पास बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए बड़ी पूंजी तक पहुंच नहीं होती है।

Neel Mani Lal
Written By Neel Mani Lal
Published on: 28 Nov 2023 7:58 PM IST (Updated on: 28 Nov 2023 8:14 PM IST)
Uttarkashi tunnel Accident
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Uttarkashi tunnel Accident  (photo: social media ) 

Uttarkashi tunnel Rescue: उत्तरकाशी की सुरंग में फँसे 41 मजदूरों को निकालने के लिए कई जतन किये जा रहे हैं। कई तरफ से ड्रिल करने के विकल्प के साथ अब रैट होल माइनिंग भी आजमाई जा रही है। ये रैट होल माइनिंग है क्या, जानते हैं इसके बारे में।

रैट होल

रैट यानी चूहा और होल मायने छेद या बिल। सो रैट होल का मतलब हुआ चूहे का बिल। और माइनिंग का मतलब हुआ खनन। सो जमीन के गहरे नीचे कोयला या कुछ और निकालने के लिए हाथों से खोद कर बनाई गई पतली सुरंग को रैट होल माइनिंग कहते हैं।


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गरीबी की मार

रैट होल सुरंग के जरिए किये जाने वाले खनन आमतौर पर उन परिवारों द्वारा किया जाता है जिनके पास बुनियादी ढांचे में निवेश के लिए बड़ी पूंजी तक पहुंच नहीं होती है। इसका उपाय न्यूनतम प्रयास के साथ संकरे गड्ढे खोदना है। खनन का यह रूप सिर्फ वहीं काम करता है जहां जमाव सतह के करीब होता है। भारत में खनन का यह रूप मेघालय में जयन्तिया पहाड़ियों में प्रचलित है। रैट होल माइनिंग अवैध घोषित है क्योंकि ये खतरनाक होती है और इसमें जानें जा सकती हैं।


बच्चों का इस्तेमाल

रैट होल सुरंगें आमतौर पर इतनी संकरी होती हैं कि इनमें अक्सर बच्चों को ही भेजा जाता है जो अंदर घुस कर कोयला निकालते हैं।

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दो तरह का खनन

रैट होल खनन मोटे तौर पर दो प्रकार का होता है - साइड-कटिंग प्रोसेस, जहां पहाड़ी ढलानों पर पतली सुरंगें खोदी जाती हैं और मजदूर कोयले की परत मिलने तक अंदर जाते हैं। दूसरा है बॉक्स-कटिंग। इसमें एक आयताकार छेद किया जाता है, जो 10 से 100 वर्ग मीटर तक होता है। उसके जरिये 100 से 400 फीट गहरा एक वर्टिकल गड्ढा खोदा जाता है। एक बार कोयले की परत मिल जाने के बाद, चूहे के बिल के आकार की खड़ी सुरंगें खोदी जाती हैं, जिसके जरिये श्रमिक कोयला निकाल सकते हैं।

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एनजीटी का बैन

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने रैट होल माइनिंग को अवैज्ञानिक और असुरक्षित बताते हुए 2014 में इस पर प्रतिबंध लगा दिया था और 2015 में भी इस प्रतिबंध को बरकरार रखा था। मेघालय सरकार ने इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की हुई है।

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Monika

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Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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