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शुरू की ये अनोखी पहल: जरूरतमंद परिवारों के लिए आगे आई उत्तराखंड पुलिस
लॉकडाउन के चलते दैनिक मजदूरी करने वालों कामगारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन लोगों की मदद के लिए उत्तराखंड की देहरादून पुलिस आगे आई है।
पूरे देश में वैशिक महामारी कोरोना वायरस का कहर जारी है। जिसके चलते पूरे देश में 14 अप्रैल तक लॉकडाउन घोषित किया गया है। इस लॉकडाउन के चलते दैनिक मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पेल पालने वाले कामगारों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में इन लोगों की मदद के लिए उत्तराखंड की देहरादून पुलिस आगे आई है।
शुरू की अनोखी पहल
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लॉकडाउन के चल्तेब तमाम परेशानियों का सामना कर रहे लोगों की मदद के लिए उत्तराखंड की देहरादून जिला पुलिस ने ‘एक सिपाही-एक परिवार’ नाम की एक अनोखी पहल शुरू की है। अपनी तरह की इस अनूठी पहल की शुरूआत देहरादून जिला के नेहरू कॉलोनी थाने से की गई है। एक परिवार-एक सिपाही की मुहिम के तहत जरूरतमंद गरीब परिवारों को सहायता मुहैया कराई जाएगी। देहरादून पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस मुहिम में हर पुलिस कर्मी ने एक परिवार को गोद लेगा। गोद लेने वाले पुलिस कर्मी जरूरतमंद परिवार के खाने-पीने के साथ-साथ मेडिकल और गैस जैसी तमाम आवश्यक व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करेगा।
124 परिवारों की ली ज़िम्मेदारी
गोद लिए गए परिवारों में से देहरादून के बंजारा वाला इलाके में रहने वाले बिहार मूल के सुनील ने बताया कि वह मजदूरी कर अपने परिवार का लालन पोषण करता था। सुनील ने बताया कि लॉकडाउन के चलते मजदूरी समाप्त हो गयी और परिवार में रहने वाले 5 सदस्यों पर भूखा रहने की स्थिति पैदा हो गयी थी। लेकिन, पुलिस की इस मुहिम से उसके परिवार को एक सदस्य तो मिला ही, साथ ही खाने-पीने की भी व्यवस्था हो गयी। अब उसके परिवार में खुशहाली वापस आ गई है।
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पुलिस की इस मुहिम का जिम्मा लिए एसओ दिलबर सिंह नेगी का कहना है कि अभी तक वो इन लोगों को समाजसेवियों द्वारा दिये गये राशन को दिया करते थे। अब उनके थाना और चौकियों में रहने वाले 113 पुलिस कर्मियों ने निर्णय लिया है कि वो अपनी सैलरी के हिसाब से 1 परिवार को गोद लेंगे। योजना के तहत, अब तक 124 जरूरतमंद परिवारों को चिन्हित कर उनकी जिम्मेदारी ली है।
परेशानी झेल रहे लोगों का बढ़ता है मनोबल
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बाईपास चौकी इंचार्ज आशीष रावत का कहना है कि उन्होंने दो परिवारों की जिम्मेदारी उठायी है। वह रोजाना इन परिवारों के भोजन की व्यवस्था करते हैं। साथ ही, उन्होंने अपना नंबर इस परिवार को दिया है, जिससे कोई इमरजेंसी के दौरान वो कॉल कर सकें। वहीं, इस मुहिम को लेकर डीआईजी अरुण मोहन जोशी का कहना है कि पुलिस अपने काम से हट कर ऐसा कार्य करती है जो एक मिसाल कायम करता है। जिससे उन लोगों का मनोबल बढ़ाता है, जिनको इस लॉक डाउन में परेशानियां हो रही हैं।