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वैक्सीनेशन की महातैयारी: पूरे देश में रिहर्सल जारी, हर कोई दिखा उत्सुक
सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। अब भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा। सबसे पहले विशेषज्ञों का समूह सीरम इंस्टिट्यूट को एक ऑर्डर भेजेगा। इसमें बताया जाएगा कि कंपनी को किस स्थान पर कितनी मात्रा में वैक्सीन भेजनी है।
नीलमणि लाल
लखनऊ। कोरोना वायरस का टीका लगाने की तैयारी के क्रम में आज देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में वैक्सीनेशन का ड्राई रन किया जाएगा। सभी राज्यों की राजधानियों में कम से कम तीन जगहों पर यह ड्राई रन होगा। इसके अलावा कुछ राज्यों के ऐसे जिलों में भी ड्राई रन किया जाएगा जहां आवागमन कठिन है।
वैक्सीन डिस्ट्रीब्यूशन की योजना
सीरम इंस्टिट्यूट की ‘कोविशील्ड’ वैक्सीन को हरी झंडी दिखाई जा चुकी है। अब भारत में दुनिया का सबसे बड़ा कोरोना वैक्सीनेशन अभियान शुरू होगा।
सबसे पहले विशेषज्ञों का समूह सीरम इंस्टिट्यूट को एक ऑर्डर भेजेगा। इसमें बताया जाएगा कि कंपनी को किस स्थान पर कितनी मात्रा में वैक्सीन भेजनी है। इसी ऑर्डर के हिसाब से वैक्सीन की आपूर्ति होगी।
वैक्सीन को अन्य राज्यों तक पहुंचाने के लिए कार्गो विमानों का उपयोग
पुणे स्थित सीरम इंस्टिट्यूट के प्लांट से विशेष कार्गो विमानों और रेफ्रिजरेटेड वैन के जरिये वैक्सीन की खुराकें देश के अलग-अलग राज्यों तक पहुंचाई जायेंगी। वैक्सीन को लाने-ले जाने के लिए अभी रेलवे की सेवा नहीं ली जाएगी। पुणे के आसपास सड़क से वैक्सीन भेजी जाएगी। वहीं दूर के हिस्सों के लिए विमानों का उपयोग किया जाएगा। वैक्सीन डिलीवरी की जिम्मेदारी सीरम इंस्टिट्यूट की होगी, लेकिन लॉजिस्टिक और कोल्ड चेन सरकार के हिस्से होंगे।
सीरम इंस्टिट्यूट, वैक्सीन को केंद्र या राज्य सरकार को डिलीवर करेगा
सीरम इंस्टिट्यूट सुरक्षित तरीके से वैक्सीन को केंद्र या राज्य सरकार के अधिकारियों को डिलीवर करेगा । इसके बाद की उसकी सारी जिम्मेदारी संबंधित सरकारों पर आ जाएगी। डिलीवरी के लिए कुछ निर्धारित स्थान तय किए गए हैं। वैक्सीन की सभी खुराकों को करनाल, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता में सरकारी मेडिकल स्टोर डिपो के साथ क्षेत्रीय वैक्सीन स्टोर्स में स्टोर किया जाएगा। यहां से इन्हें प्राथमिक और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर भेजा जाएगा।
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वैक्सीन सीधे सरकारी अस्पतालों
राज्य सरकारें जिला स्तर पर वैक्सीन की खुराकें पहुंचाने का काम करेंगी। फिर पूरे जिले में फैले वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन की खुराकें पहुंचाई जाएंगी। यह काम लम्बे समय तक चलेगा। शुरुआती चरण में वैक्सीन सीधे सरकारी अस्पतालों, जन स्वास्थ्य केंद्रों और बड़े निजी अस्पतालों में भेजी जाएगी। इन्हीं जगहों पर स्वास्थ्य कर्मियों और पुलिसकर्मियों समेत फ्रंटलाइन पर तैनात लोगों को वैक्सीन दी जाएगी।
वैक्सीन के दो डोज़ दिए जायेंगे
फ्रंटलाइन वर्कर्स के अलावा प्राथमिक समूह में शामिल 50 साल से अधिक उम्र के लोगों और दूसरी बीमारियों से पीड़ित लोगों को वैक्सीन देने के लिए मतदान केंद्रों, सामुदायिक केंद्र और मोबाइल वैन का इस्तेमाल किया जाएगा। वैक्सीन के दो डोज़ दिए जायेंगे। दोनों के बीच कम से कम 15 दिन का अंतर रहेगा। जिन लोगों को वैक्सीन दी जायेगी उनकी निगरानी भी की जायेगी ताकि किसी साइड इफ़ेक्ट पर तत्काल उपचार किया जा सके। वैक्सीन का पूरा ब्यौरा ऐप और वेब साईट पर दर्ज होगा और उसकी पूरी मॉनिटरिंग की जायेगी।
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