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खत्म हुआ इंतज़ार: 5 महीने बाद भक्तों के लिए खुला वैष्णो देवी का दरबार
जम्मू के पहाड़ों में स्थित वैष्णो देवी की यात्रा 5 महीने बाद रविवार से शुरू हो जायेगी। कोरोना संकट के बीच वैष्णो देवी यात्रा को लेकर कड़े इंतज़ाम किए गए हैं।
कटरा: कोरोना संकट के बीच लॉकडाउन लागू हुआ तो सभी धार्मिक स्थल भी बंद कर दिए गए। हलांकि अनलॉक लागू होने के बाद से कई धार्मिक स्थलों को धीरे धीरे भक्तों के लिए दोबारा खोला जा रहा है। इसी कड़ी में अब जम्मू के पहाड़ों में स्थित वैष्णो देवी की यात्रा भी 5 महीने बाद रविवार से शुरू हो जायेगी। कोरोना संकट के बीच होने वाली वैष्णो देवी यात्रा को लेकर प्रशासन ने कड़े इंतज़ाम किये हैं, ताकि संक्रमण प्रसार न हो सके।
कोरोना संकट के बीच वैष्णो देवी की यात्रा शुरू
जम्मू-कश्मीर के रियासी जिले की त्रिकुटा पहाड़ियों में स्थित वैष्णो देवी मंदिर की यात्रा रविवार को फिर से शुरू होगी। बता दें कि कोरोना वायरस संकट के चलते 18 मार्च को इसपर रोक लगा दी गयी थी। तबसे करीब पांच महीने तक भक्त वैष्णो देवी के दर्शन करने नहीं जा पाए। वहीं अब धीरे धीरे अनलॉक लागू होने के बाद श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड/एसएमवीएसबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश कुमार ने यात्रा रविवार से बहाल होने की जानकारी दी।
यात्रा को लेकर ये नियम, की गयी कड़ी तैयारी
-वैष्णो देवी की यात्रा शुरू होने के साथ ही रोजाना अधिकतम 2000 तीर्थ यात्री ही दर्शन के लिए जा पायेंगे। तीर्थ यात्रियों की ये तय सीमा एक हफ्ते के ट्रायल के लिए हैं।
-इसके अलावा ये नियम बनाया गया है कि यात्रा पर जाने वाले दो हजार तीर्थ यात्रियों में से 1900 लोग जम्मू कश्मीर के ही होंगे और वहीं शेष 100 यात्री राज्य के बाहर के हो सकते हैं।
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-एक हफ्ते तक हालात की समीक्षा की जायेगी, जिसके बाद यात्रा को लेकर आगे के फैसले लिए जाएंगे।
-यात्रा पंजीकरण खिड़की पर भीड़ एकत्रित न हो इसके लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था की गयी है। इसके आधार पर ही लोगों को यात्रा की अनुमति दी जाएगी।
-यात्रियों के लिए अपने मोबाइल फोन में 'आरोग्य सेतु ऐप' डाउनलोड करना अनिवार्य होगा।
-चेहरे पर मास्क और कवर लगाना अनिवार्य होगा।
-यात्रा के दौरान प्रवेश बिंदुओं पर यात्रियों की थर्मल जांच की जाएगी।
इन लोगों को यात्रा की अनुमति नहीं:
-कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए 10 साल से कम आयु के बच्चों, गर्भवती महिलाओं, अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित लोगों यात्रा की अनुमति नहीं मिलेगी।
-वहीं 60 साल से अधिक आयु के लोगों को यात्रा न करने का परामर्श जारी किया गया है। हालाँकि हालात सामान्य होने के बाद इस परामर्श की समीक्षा की जाएगी।
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-जिन यात्रियों के पास कोविड-19 निगेटिव रिपोर्ट नहीं होगी, उन्हें दर्शन की अनुमति नहीं मिलेगी।
-इसके अलावा कटरा से भवन जाने के लिए बाणगंगा, अर्धकुंवारी और सांझीछत के पारम्परिक मार्गों का इस्तेमाल किया जाएगा।
-जम्मू कश्मीर के रेड ज़ोन इलाकों और राज्य के बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना रिपोर्ट, जो की निगेटिव होनी चाहिए की जांच होगी। हेलीपैड और दर्शनी ड्योढ़ी पर यात्रा प्रवेश बिंदुओं पर रिपोर्ट जांची जायेगी।
-पिट्ठुओं, पालकियों और खच्चरों को शुरुआत में मार्ग पर चलने पर अनुमति नहीं होगी।
-यात्रियों की सुविधा के लिए बैटरी चालित वाहनों, रोपवे और हेलीकॉप्टर जैसी सेवाओं की व्यवस्था की गई है।
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