TRENDING TAGS :

Aaj Ka Rashifal

विकास एनकाउंटर में नया मोड़ः सुप्रीम कोर्ट बना सकता है पैनल, सरकार देगी रिपोर्ट

सुनवाई में यूपी सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ों के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दायर करेगी।

Newstrack
Published on: 14 July 2020 6:05 PM IST
विकास एनकाउंटर में नया मोड़ः सुप्रीम कोर्ट बना सकता है पैनल, सरकार देगी रिपोर्ट
X

कानपुर के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे के इनकाउंटर को अब लगभग 5 दिन का समय हो गया है। लेकिन विकास दुबे के इनकाउंटर को लेकर अभी भी कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। ऐसे में अब सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे व उसके साथियों के एनकाउंटर की अपनी निगरानी में सीबीआई से जांच कराने की मांग वाली याचिकाओं पर सुनवाई की। सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार ने कोर्ट से कहा कि वह दुबे और उसके साथियों के साथ हुई मुठभेड़ों के संबंध में उठाए गए कदमों के बारे में स्थिति रिपोर्ट दायर करेगी।

20 जुलाई को होगी अगली सुनवाई

इस बड़े मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे की पीठ कर रही थी। इस दौरान न्यायालय ने कहा कि वह विकास दुबे व उसके साथियों के मुठभेड़ में मारे जाने और आठ पुलिस कर्मियों की हत्या की जांच के लिए पूर्व न्यायाधीश के नेतृत्व में एक पैनल के गठन पर विचार कर सकता है। वहीं, इस मामले पर अगली सुनवाई 20 जुलाई को की जाएगी। बता दें कि गैंगस्टर विकास दुबे और उसके पांच साथियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई थी।

ये भी पढ़ें- लॉकडाउन इन यूपीः गाइड लाइन हुई जारी, 55 घंटे ये रहेगा प्रतिबंधित

इन याचिकाओं में एक विकास दुबे के एनकाउंटर से कुछ घंटों पहले ही ई मेल के जरिए दाखिल की गई थी। गौरतलब है कि इससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने गैंगेस्टर विकास दुबे के पुलिस एनकाउंटर की जांच के लिए न्यायिक आयोग बनाने की याचिका खारिज कर दी है। न्यायमूर्ति पीके जायसवाल और न्यायमूर्ति केएस पवार ने सोमवार को यह फैसला एक स्थानीय वकील की जनहित याचिका पर, याची की ओर से इसे वापस लेने के आधार पर सुनाया।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने खारिज कर दी याचिका

वहीं प्रदेश सरकार के अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही ने कहा कि सरकार ने पहले ही हाईकोर्ट के रिटायर्ड न्यायमूर्ति शशिकांत अग्रवाल का न्यायिक आयोग गठित कर दिया है। एसआईटी प्रकरण की जांच कर रही है। ऐसे में याचिका महत्वहीन और खारिज करने लायक है। उन्होंने इससे संबंधित सरकार की अधिसूचना भी पेश की, जिसका कोर्ट ने अवलोकन किया।

ये भी पढ़ें- यूपी बढ़ रहा आगेः 1249 करोड़ के काम हुए पूरे, होने हैं एक हजार करोड़ के और काम

इस पर याची नंदिता भारती ने याचिका को यह कहते हुए वापस लेने की गुजारिश की कि उसे नई याचिका दाखिल करने की इजाजत दी जाए। कोर्ट ने याचिका खारिज कर भविष्य में जरूरत पड़ने पर नई पीआईएल दाखिल करने को कहा है। फिलहाल अब सुप्रीम कोर्ट ने 20 जुलाई को अगली सुनवाई निर्धारित की है। ऐसे में अब इस मामले में जो भी कुछ होगा वो अगली सुनवाई में ही संभव है।



\
Newstrack

Newstrack

Next Story