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छत पर खेती: ऐसा कर दिखाया है इस आदमी ने, उगाते हैं 120 किलो चावल

विश्वनाथ ने अपना घर ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया है। आपको जान कर हैरानी होगी कि उनके घर में हर साल करीब 1 लाख लीटर बारिश का पानी जमा होता है।

Aradhya Tripathi
Published on: 26 May 2020 8:55 AM GMT
छत पर खेती: ऐसा कर दिखाया है इस आदमी ने, उगाते हैं 120 किलो चावल
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पूरा देश इस समय कोरोना वायरस के प्रकोप से जूझ रहा है। देश में इस महामारी ने हाहाकार मचा रखा है। सरकार इससे निपटने के लाख प्रयास कर रही है। लेकिन ऐसे में सारा देश सिर्फ कोरोना वायरस पर ही अपना ध्यान केन्द्रित करे है। जबकि देश में भविष्य में आने वाले और संकटों की ओर कोई ध्यान ही नहीं दे रहा है और न ही उनको लेकर कोई सचेत है। देश में भू-जल का स्तर का काफी तेजी से नीचे गिरता जा रहा है। ऐसे में काफी हद तक ये संभव है कि देश में भविष्य में जल संकट की समस्या गहरा जाए। ऐसे में पानी को फ़ालतू नहीं बहने देना चाहिए पानी को बचाना चाहिये। लेकिन कोई भी इस ओर ध्यान ही नहीं देता है। ऐसे में बंगलूरू के एक किसान विश्वनाथ पिक्स्छ्ले दो दशकों से पानी का संरक्षण कर रहे हैं।

पर्यावरण के अनुरूप बनाया घर

एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, विश्वनाथ ने अपना घर ही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए बनाया है। आपको जान कर हैरानी होगी कि उनके घर में हर साल करीब 1 लाख लीटर बारिश का पानी जमा होता है। जिसका इस्तेमाल वो पीने के पानी और घर के बाकी काम काज करने के लिए करते हैं। इसके साथ ही विश्वनाथ सूर्य से मिलने वाली सोलर एनर्जी का भी बखूबी इस्तेमाल करते हैं, जिससे उनकी बिजली की 70 फीसदी जरूरत इसी से पूरी हो जाती है।

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चकित करने वाली बात ये है कि बेंगलूरू जैसी जगह जहां गरमी का अपना अलग ह एक लेवल होता है। वैसी जगह में रहते हुए भी विश्वनाथ के घर में कोई भी पंखा, एसी, या कूलर नहीं है। इस सबका पूरा श्रेय विश्वनाथ को जाता है। विश्वनाथ ने अपना घर कुछ इस तरह हवादार बनवाया है कि उनके घर में हवा का क्रॉस काफी अच्छी है और प्राकृतिक रोशनी भी आती है। यही वजह है कि विश्वनाथ ने अपने घर में कूलिंग के लिए कूलर, पंखा या एसी भी नहीं लगवाया है।

100 स्क्वॉय फीट की छत पर खेती

विश्वनाथ पर्यावरण को लेकर कितने सतर्क और सचेत हैं इसका अंदाजा तो आपको हो ही गया होगा। लेकिन विश्वनाथ खेती और किसानी को लेकर कितना होनहार और उत्सुक हैं इसका अंदाजा भी आप इस बात से लगा सकते हैं कि विश्वनाथ ने घर की छत का इस्तेमाल भी अनजा उपजाने के लिए किया है। जी हां , विश्वनाथ ने अपनी 100 स्क्वॉय फीट की छत पर चावल और सब्जियों की खेती की है। इससे उन्हें हर साल लगभग 120 किलो चावल और हरी सब्जियां मिल जाती हैं।

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खाना पकाने के लिए वो सोलर कूकर और सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करते हैं। विश्वनाथ बागवानी के लिए ग्रे वाटर यानी कि कपड़े धोने से बचा पानी इस्तेमाल करते हैं। इसके लिए बाकायदा उन्होंने ग्रे वाटर को फिर से इस्तेमाल बनाने लायक सिस्टम भी लगाया है। यह सिस्टम उनकी वाशिंग मशीन और बाथरूम से सीधा जुड़ा हुआ है और यहां से पानी इस्तेमाल लायक होकर उनके गार्डन में पहुंचता जाता है।

Aradhya Tripathi

Aradhya Tripathi

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