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G-20 Summit: पुतिन के बाद अब शी जिनपिंग भी नहीं आएंगे दिल्ली,नक्शे पर विवाद के बाद बैठक से किया किनारा
G-20 Summit: राजधानी दिल्ली में अगले सप्ताह होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने की संभावना काफी कम हो गई है।
G-20 Summit: राजधानी दिल्ली में अगले सप्ताह होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के भाग लेने की संभावना काफी कम हो गई है। चीन की ओर से जारी विवादित नक्शे पर भारत की ओर से तीखी आपत्ति जताए जाने के बाद दोनों देशों के रिश्ते में नया टकराव पैदा हुआ है। दो दिन पहले चीन की ओर से जारी नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपना हिस्सा बताया गया था जिस पर भारत की ओर से तीखी आपत्ति जताई गई थी।
भारत ने चीन के इस नक्शे को पूरी तरह खारिज कर दिया था मगर उसके बाद चीन ने अपनी गलती मानने की जगह भारत को नसीहत देने की कोशिश की थी। दोनों देशों के बीच पैदा हुए इस नए टकराव के बाद शी जिनपिंग की जगह प्रधानमंत्री ली कियांग के चीनी शिष्टमंडल का नेतृत्व करने की उम्मीद है।
एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने भी रायटर्स से बातचीत के दौरान इस बात की पुष्टि की है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने पहले ही जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली आने में असमर्थता जाता दी है। अब शी जिनपिंग ने भी इस महत्वपूर्ण बैठक से किनारा कर लिया है।
चीन के मैप से बढ़ गई तनातनी
दरअसल चीन ने अपने स्टैंडर्ड मैप में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को अपने हिस्से के रूप में दिखाया है। भारत ने इस मैप को लेकर चीन से राजनयिक स्तर पर अपना विरोध जताया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने चीन के दावों को खारिज करते हुए कहा कि इन दावों का कोई आधार नहीं है। चीन के ऐसे कदम सीमा विवाद के समाधान को और जटिल बनाते हैं।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी एक टीवी इंटरव्यू के दौरान चीन के दावे को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारत के क्षेत्र पर चीन के बेतुके दावे से हमारा क्षेत्र चीन का नहीं हो जाता। चीन पहले से ही अरुणाचल प्रदेश के 90,000 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र पर अपना दावा करता रहा है। दूसरी ओर भारत का आरोप है कि चीन ने अक्साई चीन के 38,000 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र पर अवैध कब्जा कर रखा है। अब चीनी मैप सामने आने के बाद इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच तनातनी एक बार फिर बढ़ती नजर आ रही है।
चीन के प्रधानमंत्री करेंगे प्रतिनिधित्व
ऐसे माहौल में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के जी 20 शिखर सम्मेलन में दिल्ली आने की उम्मीद खत्म होती दिख रही है। एक वरिष्ठ सरकारी अफसर ने बताया कि जिनपिंग की जगह चीन के प्रधानमंत्री ली कियांग के दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में चीन का प्रतिनिधित्व करने की उम्मीद है।
हालांकि इस बाबत अभी तक चीन और भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ताओं की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं जारी किया गया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन पहले ही इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि वे नई दिल्ली के शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए नहीं आएंगे। उनकी जगह रूस का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव करेंगे।
अमेरिकी राष्ट्रपति लेंगे सम्मेलन में हिस्सा
दिल्ली में होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन के लिए जोरदार तैयारियां की जा रही हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए दिल्ली पहुंचने वाले हैं। इस सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बाइडेन के बीच विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हो सकती है।
शी जिनपिंग के भारत आने पर उनके साथ भी पीएम मोदी की बातचीत होने की संभावना जताई जा रही थी मगर अब दोनों नेताओं के बीच दिल्ली सम्मेलन के दौरान बातचीत की संभावना खत्म हो गई है। अभी हाल में ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी की जिनपिंग के साथ संक्षिप्त बातचीत हुई थी।